फर्जी नियुक्ति पत्र से कई बने शिक्षक , कई एलबी संवर्ग के फर्जी शिक्षकों की पहचान Chhattisgarh Teacher Made With Fake Appointment Letter

फर्जी नियुक्ति पत्र के सहारे शिक्षाकर्मी से बन गए शिक्षक , शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप , कई फर्जी शिक्षक पकडे गए Chhattisgarh Teacher Made With Fake Appointment Letter 

a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश के कई जिलों में फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर कई फर्जी , शिक्षक एलबी संवर्ग के पदों में कार्यरत है। कुछ ऐसे भी फर्जी शिक्षक पकड़े गए है जो सीधे ट्रांसफर ऑर्डर लेकर आये और स्कूलों में ज्वाइनिंग कर लिए। बेमेतरा जिले में इस प्रकार की फर्जीवाड़ा के सामने आते ही हड़कंप मच गया है। फर्जीवाड़े की शिकायत होते ही कई फर्जी शिक्षक दूसरे जिले में ट्रांसफर भी करा लिए है। 

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फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने के कई मामले सामने आए है, किन्तु कई फर्जी शिक्षक ऐसे है जो अभी भी एलबी संवर्ग के पदों पर कई स्कूलों में कार्यरत है। गरियाबंद , साजा , राजनांदगांव समेत कई जनपदों के नाम से शिक्षाकर्मी वर्ग 03 के पदों में चयनित फर्जी अभ्यर्थियों के नाम जारी हुए है। नियुक्ति पत्र  के जाँच पड़ताल के बगैर स्कूलों में ज्वाइनिंग भी हो गई वही फर्जी शिक्षाकर्मी अब शिक्षक भी बन गए है। 

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बेमेतरा जिले के अंतर्गत साजा ब्लाक में इस तरह के फर्जी शिक्षक होने के शिकायत मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया है। जाँच में कुछ शिक्षकों के नियुक्ति पत्र और ट्रांसफर आदेश फर्जी पाए गए है। लगभग 10 - 12 साल पहले जनपद पंचायतों के कर्मियों के साथ मिलकर कुछ प्रभावशाली लोगो ने बड़ी संख्या में बेरोजगारों से ढाई - ढाई लाक से तीन वसूली  नियुक्ति प्रमाण पत्र बांटे है। ज्यादातर फर्जी नियुक्ति पत्र गरियाबंद और साजा के बताये जा रहें है। 

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कुछ ने सीधे ट्रांसफर आदेश के साथ ज्वाइनिंग दी - शिक्षा विभाग के अधिकारीयों से मिली जानकारी अनुसार कई शिक्षकों ने फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर शिक्षाकर्मी के रूप में विभिन्न जनपद पंचायतों एवं स्कूलों में ज्वाइनिंग दी। वही कुछ को तो सीधे नियुक्ति पत्र के बजाय फर्जी ट्रांसफर आदेश मिला और उसी आदेश के तहत सम्बंधित स्कूल में ज्वाइनिंग भी कर लिए। तब भी किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। पहले शिक्षाकर्मी पंचायत विभाग के अधीन होने के कारण शिक्षा विभाग ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। 

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कर्मचारियों की मिलीभगत - ट्रांसफर के बाद आए कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका और अंतिम सैलरी सर्टिफिकेट की जाँच की जाती है। बिना जाँच पड़ताल किये ही , फर्जी शिक्षकों की सेवा पुस्तिका तैयार की गई। कुछ शिक्षक तो सीधे ट्रांसफर आदेश के आधार पर स्कूलों को ज्वाइनिंग कर लिए। इस समय सेवा पुस्तिका भी नहीं देखी गई। जिस कारण से कर्मचारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। वही इस बात की जानकारी शिक्षा सचिव को भी हो गई है।  उन्होंने तत्काल जाँच कराकर कार्यवाही करने की बात कही है। 

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