पुरानी पेंशन हेतु विधायक एवं मंत्रियों ने लिखे मुख्यमंत्री को पत्र , 2004 के पहले नियुक्त शिक्षकों को मिल सकती है लाभ CG Shikshak LB Sanvarg Ko Milegi Old Penson

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ने लिखा मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन हेतु पत्र, 2004 के पहले नियुक्त शिक्षाकर्मियों को मिल सकती गई फायदा CG Shikshak LB Sanvarg Ko Milegi Old Penson 

a2zkhabri.com रायपुर - 2004 के पहले नियुक्त शिक्षाकर्मी अब शिक्षक एलबी संवर्ग को पुरानी पेंशन मिल सकती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष माननीय मोहन मरकाम ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 2004 के पहले नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने का जिक्र किया है। वही इससे पहले भी माननीय मंत्री श्री टीएस सिंह देव एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी पुरानी पेंशन दिलाने सम्बंधित पत्र जारी किये थे। 

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2004 के पहले नियुक्त शिक्षक मांग रहे पुरानी पेंशन - ज्ञात हो की प्रदेश में 2004 से पहले नियुक्त शिक्षक एलबी संवर्ग के शिक्षक पुरानी पेंशन की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि हमारी नियुक्ति 2004 के पहले हुई है और केंद्र सरकार ने 2004 से नियुक्त कर्मचारियों की पेंशन को बंद की है ऐसे में हमें हमारा हक देते हिये पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएं। कांग्रेस पार्टी के ही मंत्री श्री टीएस सिंह सेव एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी पुरानी पेंशन के सम्बन्ध में राज्य सरकार को पत्र जारी किये है। माननीय आबकारी मंत्री महोदय ने तो शिक्षकों के सम्मलेन में पुरानी पेंशन हर हाल में दिलाने का वादा भी किए है। 

कांग्रेस अध्यक्ष माननीय मोहन मरकाम द्वारा जारी पत्र देखें 👇- 

👉टीएस सिंह देव ने भी लिखे थे पत्र देखें विवरण। 

मंत्री कवासी लखमा ने भी किया था कुछ माह पहले वादा - प्रदेश के आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा ने 2004 के पहले नियुक्त एलबी संवर्ग के शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिलाने का वादा किया है। प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के महासम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मंत्री ने यह बात कही। ज्ञात हो की जगदलपुर में कल शिक्षक कल्याण संघ का प्रांतीय महासम्मेलन रखा गया था। जिसमे उपस्थित मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि 2004 के पूर्व (1998 - 99 ) में नियुक्त शिक्षकों (एलबी संवर्ग) को पुरानी पेंशन देने छत्तीसगढ़ प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भरोसा दिया है। 

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श्री लखमा ने सम्मलेन में प्रदेश के सभी जिले से पहुंचे शिक्षकों का बस्तर आने पर उनका स्वागत किया। साथ ही कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सभी कर्मचारियों के हित को लेकर पहल कर रहे है। शासन ने तय गाइडलाइन और नियम के तहत जो भी व्यवस्था होगी उसे उसे करने प्रयास किया जाएगा।  सम्मलेन में मौजूद बस्तर सांसद दीपक बैज , आदिवासी विकास बस्तर क्षेत्र प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल , क्रेडा अध्यक्ष मिथिलेस स्वर्णकार , संसदीय सचिव व विधायक रेखचंद जैन , शिल्प उद्योग के अध्यक्ष व विधायक चन्दन कश्यप , देवती कर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

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पुरजोर तरीके से शिक्षकों ने रखा अपना मांग - सम्मलेन में प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने मंत्री विधायकों के सामने पुरानी पेंशन की मांग को तथ्यों के साथ दमदारी के साथ रखे। शिक्षकों के बातों को सभी मंत्री विधायकों ने ध्यान से सुना और समझा। उपस्थित अतिथियों ने शिक्षकों से वादा किया कि आप लोग हमें 6 माह का समय दीजिये , अपने कागजात तैयार रखिये हम आप लोगो के मांगों को मुख्यमंत्री से चर्चा कर पुरानी पेंशन बहाली करवाएंगे। उन्होंने कहा की 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ है। पुरानी पेंशन बंद होने का ठीकरा तत्कालीन केंद्र के भाजपा सरकार पर भी फोड़ा। 

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प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के प्रांतीय अध्यक्ष चन्द्रभानु मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि 2004 के पूर्व नियुक्त प्रदेश के 14 हजार शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन अब तक बहाल नहीं किया गया है। वर्तमान राष्ट्रिय पेंशन स्वीकृति को न्यायोचित नहीं मानते। उन्होंने कहा कि हर सेवा कार्य के आधार पर सभी कर्मचारियों को उनका अधिकार मिलना चाहिए। प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के शिक्षक महासम्मेलन में प्रदेश के सभी जिलों से भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित हुए। 

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संवैधानिक अधिकार का हनन - प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के उप प्रांताध्यक्ष राजकिशोर तिवारी , सुरेंद्र जायसवाल कार्यकारी अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है। जिसका सरकार लगातार हनन कर रही है। जो पेंशन अधिनियम नियम के प्रतिकूल है। शिक्षक कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि वन नेशन वन पेंशन के तहत छत्तीसगढ़ में राष्ट्रिय पेंशन प्रणाली शुरू की गई। जिसके तहत 2004 के बाद नियुक्त सभी कर्मचारी एनपीएस के तहत पात्र होंगे। 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मचारी ओपीएस के पात्र होंगे। नियम को दरकिनार करते हुए शिक्षकों को 2012 से एनपीएस के तहत जोड़ दिया गया। जो अवैधानिक है।  अतः 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मचारी को पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए। 

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4 Comments

  1. 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी क्या गुनाह किया है?
    पुरानी पेंशन हर कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार है!उन्हें मिलना भी चाहिए!
    जब 2004 के बाद के विधायक ,सांसद को पुरानी पेंशन तो 2004 के बाद कर्मचारियों को क्यो नही?
    शासन समता की भावना अपनाये और सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे!

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  2. ठीक है 2004 के पहले ही वाले आपको वोट करेंगे । क्योंकि आप उन्हें पेंशन सुविधा देने वाले हैं ।

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  3. Itni irshya achchi nhi
    Aap apni bat jarur rakhe

    Per
    old is gold
    N bhule.

    Hamare tyag sanghers se badwale ko chutti aur anya predjan swekrit huye

    Kuch aap hum 95 walon k liye soche
    Ki materniti tak nhi mili hame
    Kya humne badwalon k liye sanghers roka....nhi n

    Phle hamara danction hone dijiye
    Fir aap log bat rakhiye hm sath denge

    Abhi rore mt atkaye
    19 versh tak hm kya mandaya vetan liye sabhi ko paya h

    ReplyDelete
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