शिक्षाकर्मी और गुरुजियों को नियुक्ति दिनांक से मिलेगी क्रमोन्नति , हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला , हाई कोर्ट द्वारा जारी आदेश की कॉपी देखें Shikshakarmi Will Get Promotion From The Date Of Appoinment , Is The Decision Of The High Court
a2zkhabri.com भोपाल - शिक्षाकर्मी और गुरूजी के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय दिया है। अब शिक्षाकर्मियों को उनके नियुक्ति तिथि से ही गणना कर क्रमोन्नति वेतन का लाभ दिया जायेगा। हाईकोर्ट ने आदेश भी जारी कर दिए है। आदेश की कॉपी नीचे डाउनलोड कर सकते है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षक संवर्ग को 1994 - 95 से डाइंग कैडर (मृत संवर्ग ) घोषित किया है। इनके स्थान पर स्थानीय निकायों के माध्यम से शिक्षाकर्मी और शिक्षा गारंटी योजना के तहत गुरूजी और शिक्षा कर्मी की नियुक्ति 1995 से प्रारम्भ की गई। वही अब मध्यप्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ में भी प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रहा है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बैच ने ऐसे सभी कर्मचारियों को जिनकी नियुक्ति शिक्षाकर्मी व गुरूजी के तौर पर हुई थी , नियुक्ति दिनांक से गणना करके क्रमोन्नति का लाभ देने का आदेश दिया है। शिक्षकों ने माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक डब्ल्यू - पी 2246 / 2021 दायर की थी। माननीय उच्च न्यायलय खंड पीठ इंदौर में अधिवक्ता एसआर पोरवाल की सफल पैरवी व तर्कों से सहमत होकर विद्वान न्यायाधीश श्री विवेक रूसिया ने आदेश पारित कर नियुक्ति दिनांक से नियमित सेवा मान्य कर क्रमोन्नति का लाभ देने आदेश दे दिया।
12 वर्ष की नियमित सेवा पर मिलेगी पहली क्रमोन्नति वेतनमान - माननीय उच्च न्यायलय इंदौर खंडपीठ ने दायर याचिका की सुनवाई करते हुए। शिक्षाकर्मी और गुरुजियों की नियुक्ति को 1995 से ही नियमित मानकर लगातार 12 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम क्रमोन्नति वेतनमान देने आदेश दे दिया है। प्रदेश में कार्यरत कई कई शिक्षकों ने क्रमोन्नति के मांग हेतु अधिवक्ता एसआर पोरवाल के माध्यम से याचिका दाखिल किए थे। वकील ने जबरदस्त दलील देते हुए अपनी बात रखी , जिस पर कोर्ट ने सहमति दे दी।
कर्मचारी नेता लक्षकार ने फैसले की सराहना करते हुए कहा कि उक्त फैसला मील का पत्थर साबित होगा। इससे 1995 - 96 से व इसके पश्चात नियुक्त शिक्षाकर्मी 1998 से निरंतर सेवा में व गुरूजी को पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने पर संविदा शिक्षक / शिक्षाकर्मी /अध्यापक मान्य किया गया था। ऐसे सभी साथी इस फैसले के प्रभाव से 1995 वाले 12 वर्ष सेवाकाल के बाद 2007 में प्रथम क्रमोन्नति व 2019 में 24 वर्ष की नियमित सेवा पर द्वितीय क्रमोन्नति के लाभ हेतु पात्र होंगे।
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कर्मचारियों ने जताई ख़ुशी - प्रदेश के शिक्षकों ने कोर्ट के माध्यम से लम्बी लड़ाई लड़ी है। आखिरकार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के इंदौर खंडपीठ ने उक्त मामले को शिक्षक के पक्ष में फैसला देते हुए प्रथम 12 वर्ष की नियमित सेवा पर पहले क्रमोन्नति देने आदेश जारी कर दिया। उक्त फैसले से प्रदेश के सभी शिक्षकों में ख़ुशी का माहौल है। उक्त के फैसले के बाद अब शिक्षकों को नियमित सेवा का लाभ मिलेगा जिसे सरकार लगातार अनदेखा करते आ रही थी।
हाई कोर्ट से जारी आदेश की कॉपी डाउनलोड करें -
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