कोरोना ड्यूटी में तैनात कर्मचारी की मृत्यु पर मिली 50 लाख की छतिपूर्ति Corona Se Maut Mili 50 Lakh Muavja
इसे भी देखें - फेल और पूरक विद्यार्थी भी होंगे पास , आदेश जारी।
कोरोना योद्धा के रूप में संक्रमित होकर मौत होने के मामले में छतिपूर्ति देने का जिले में यह पहला मामला है। रामकुमारी सोनी चिंगराजपारा स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत मितानिन के रूप में पदस्थ थी। उनकी ड्यूटी कोविड - 19 संदेहियों को खोजने व उपचार आदि व्यवस्था कराने में लगी थी। लेकिन ड्यूटी के दौरान बीते माह अगस्त में वह कोरोना से संक्रमित हो गयी थी।
इसे भी देखें - राज्य में पहली बार सहायक प्राध्यापकों की सीधी भर्ती।
कोरोना वायरस के चपेट में आने के बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था , लेकिन बीते 3 सितम्बर को उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी। भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभ दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल की। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन ने बताया कि इंश्योरेंश कंपनी में शासन के निर्देश अनुसार छतिपूर्ति की मांग की गयी।
इसे भी देखें - शिक्षकों की पदोन्नति और समयमान वेतनमान बहुत जल्द।
डॉ. जायसवाल के परिवार को भी मिलेगा लाभ - संभागीय कोविड हॉस्पिटल के नोडल अधिकारी के रूप में जिला अस्पताल के वरिष्ठ डाक्टर मनोज जायसवाल ने लगभग 5 महीने तक कोविड संक्रमण के रोकथाम हेतु कार्य किया , लेकिन वे भी कोरोना से संक्रमित हो गए और उनका भी निधन हो गया।
डॉ. जायसवाल की मृत्यु पश्चात् उनके परिवार को भी 50 लाख की छतिपूर्ति राशि दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू कर दी है और बहुत जल्द ही उनके परिवार को भी छतिपूर्ति राशि मिल जाएगी।
इसे भी देखें - 51 हजार शिक्षकों के पदों में होगी भर्ती।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से शिक्षक वंचित - कोरोना संकट के दौरान कोरोना योद्धा के रूप में कार्य करने पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की बीमा की गयी है, वही शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी बीते 6 माह से कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे है , और प्रदेश के कई शिक्षक कोरोना से अपनी जान गवां बैठे है लेकिन प्रधान मंत्री करीब कल्याण योजना का लाभ नहीं मिला।
इसे भी पढ़ें - लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र में होगा बदलाव - प्रधानमंत्री
शिक्षक संगठन कर चुके मांग - प्रदेश के कई शिक्षक संगठन स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की भांति शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की भी बीमा करने की मांग करते आ रहे है , लेकिन उनकी मांगों को अभी तक अनसुना कर दिया गया है। जबकि कई शिक्षक कोरोना योद्धा की ड्यूटी करते अपनी जान गवां चुके है।
0 Comments