शिवराज सिंह चौहान ने दी कर्मचारियों को सौगात ,, राज्य में कर्मचारियों को 34 फ़ीसदी डीए , जाने छत्तीसगढ़ में क्या है स्थिति Shivraj Singh Chouhan gave a gift to the employees, 34 percent DA to the employees in the state
a2zkhabri.com न्यूज़ - मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने अपने कर्मचारियों को 34 फ़ीसदी महंगाई भत्ता की सौगात दे दी। आज सावन माह के तृतीय सोमवार के अवसर पर प्रदेश के लगभग साढ़े सात लाख राज्य के कर्मचारियों को सुबह - सुबह महंगाई भत्ता की सौगात मिली। उन्होंने प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 फ़ीसदी से बढाकर 34 फ़ीसदी करने का ऐलान किया। उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में तीन फ़ीसदी के वृद्धि से राज्य सरकार के ऊपर 625 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार आएगा।
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31 फ़ीसदी मिल रहा था महंगाई भत्ता - मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों से मात्र तीन फ़ीसदी कम यानि 31 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। राज्य के कर्मचारियों ने पिछले कुछ माह से केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री अपने कर्मचारियों के मांगों पर त्वरित और सकारात्मक निर्णय लेते हुए केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता देने का ऐलान कर दिया। केंद्र सरकार के बराबर डीए की घोषणा होते ही राज्य के करीब साढ़े सात लाख कर्मचारियों में उत्साह का माहौल है।
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छत्तीसगढ़ में डीए की स्थिति - छत्तीसगढ़ में यदि महंगाई भत्ता की बात करें तो यहाँ फिलहाल कर्मचारियों को कोई राहत नहीं है। पिछले बार भी मध्यप्रदेश सरकार ने जब अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 फ़ीसदी किया था तब भी राज्य कर्मचारियों को डीए मिलने की उम्मीद थी। लेकिन राज्य के कर्मचारियों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। वही राज्य में एक बार फिर आंदोलन की स्थिति बनी हुई है। राज्य के कर्मचारी पिछले तीन चार साल से महंगाई भत्ता हेतु तरस से गए है। राज्य सरकार ने अपना तनख्वाह तो बढ़ा ली लेकिन कर्मचारियों की मांग अब भी अधूरा है। राज्य में फिलहाल 22 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है , जो पडोसी राज्यों सहित केंद्र सरकार कर्मचारियों कम है।
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22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन - कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के चार लाख से भी अधिक कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ता और सातवें वेतन के अनुरूप गृहभाड़ा की गणना हेतु 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जा रहे है। पिछले बीते माह 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिनों की निश्चितकालीन आंदोलन प्रदेश तालाबंदी हो गई थी। वही मांग पूरा नहीं होने पर एक बार फिर 22 अगस्त से प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों , दफ्तरों एवं स्कूल , कालेजों में तालाबंदी हो जाएगी। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के लगभग सभी विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
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राज्य सरकार की दमनात्मक नीति से कर्मचारियों में भारी आक्रोश - प्रदेश में कर्मचारियों का आक्रोश राज्य सरकार के प्रति बढ़ता ही जा रहा है। एक ओर जहा कर्मचारियों की जायज मांग पूरा नहीं हो रहा , वही दूसरी ओर छुट्टी लेकर हड़ताल में गए 4 लाख से भी अधिक कर्मचारियों की 5 दिनों की तनख्वाह काटने का आदेश जारी हो गए है। उक्त आदेश के जारी होते ही कर्मचारियों का आक्रोश और भड़क गया। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने एक बड़ी बैठक बुलाकर सरकार की दमनात्मक नीति की कड़ी भर्त्सना करते हुए उक्त आदेश को आग हवाले कर दिया। वही 86 संगठनों के पदाधिकारियों के आम सहमति से 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने का ऐलान कर दिया। वही कर्मचारियों की जायज मांग पूरी नहीं होगी तो प्रदेश में एक बार फिर तालाबंदी की स्थिति निर्मित हो जाएगी।
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