पुरानी पेंशन के क्रियान्वयन में होगी परेशानी , छत्तीसगढ़ सरकार ने अंशदान के मांगे 17 हजार करोड़ रूपये , पीएफआरडीए ने लौटाने से किया इंकार Old pension - no answer yet to return pension amount, employees and government are on the verge of sinking 17 thousand crores
a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के फैसले को क्रियान्वित करने के लिए पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेन्ट अथॉरिटी ने नवीन पेंशन योजना के तहत राज्य के योगदान की राशि लगभग 17 हजार करोड़ रूपये लौटाने के सम्बन्ध में अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं भेजा है , जबकि डेढ़ माह पहले राज्य सरकार ने पीएफआरडीए के चेयरमैन को पत्र लिखकर यह मांग की है कि नवीन पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार के योगदान की कुल 17 हजार 240 करोड़ राशि छत्तीसगढ़ सरकार को जल्द से जल्द लौटाई जाए।
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01 नवम्बर 2004 से राज्य में पुरानी पेंशन लागू - उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 01 नवम्बर 2004 को या उसके बाद राज्य सरकार की पेंशन योग्य स्थापना में नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया है , साथ ही पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना राजपत्र में भी प्रकाशित हो चूका है। वही कर्मचारियों के सैलरी से न्यूनतम 12 फ़ीसदी राशि कटौती कर सीजीजीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि खाता ) में अप्रैल 2022 से राशि भी जमा किया जा रहा है।
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01 नवम्बर 2004 से 31 मार्च 2022 तक 11 हजार 850 करोड़ हस्तांतरित - आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा 01 नवम्बर 2004 से 31 मार्च 2022 अवधि के दौरान 11 हजार 850 करोड़ रूपये एनएसडीएल को हस्तांतरित की गई है। एनएसडीएल के अनुसार जिसका बाजार मूल्य 17 हजार 250 करोड़ रूपये है। वित्त विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि राशि लौटाने के लिए पीएफआरडीए से लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है। अभी तक में पीएफआरडीए राशि लौटाने के मूड में नहीं है। राशि नहीं लौटाने पर पुरानी पेंशन बहाली के क्रियान्वयन में कुछ परेशानी हो सकती है। हालाँकि हर हाल में राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देगा ही।
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सीएम भी लिख चुके है पत्र - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत एनएसडीएल को हस्तांतरित 17 हजार करोड़ रूपये छत्तीसगढ़ को वापस करने के लिए पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण को निर्देशित करने का अनुरोध किया है , ताकि कर्मचारियों और उनके परिजनों को सुरक्षित भविष्य के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा सके।
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राशि लौटाने का प्रावधान नहीं - बताया गया है कि पेंशन निधि नियामक व विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 , सहपठित पीएफआरडीए राष्ट्रिय पेंशन योजना अंतर्गत निकासी व प्रत्याहरण विनियमन 2015 तथा अन्य सुसंगत नियमों में इस आशय प्रावधान नहीं है , जिससे राज्य सरकार को कर्मचारी और नियोक्ता अंशदान की जमा राशि लौटाई जा सके। छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही राजस्थान सरकार की भी राशि पीएफआरडीए ने लौटाने से इंकार किया है। अभी तक के स्थिति से तो प्रदेश सरकार और राज्य कर्मचारियों के 17 हजार 250 करोड़ राशि डूबने वाली है। वही राशि नहीं लौटाने पर मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाना तय है।
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