छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता के निर्धारण हेतु कमिटी का गठन हास्यास्पद - शिक्षक संघ Committee Constituted For Determination Of DA In Chhattisgarh
a2zkhabri.com न्यूज़ - नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव गिरीश साहू ने प्रदेश में कर्मचारियों को प्रत्येक छः माह में दिए जाने वाले महंगाई भत्ते के निर्धारण हेतु सरकार के द्वारा समिति के गठन को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के निर्धारण हेतु कमिटी का गठन किया है। नवीन शिक्षक संघ ने केंद्रीय कर्मचारियों को 31% महंगाई भत्ता देने व सातवें वेतनमान अनुरूप गृह भाड़े के निर्धारण के फैसले का स्वागत करते हुए आभार माना है।
ब्रेकिंग - 31 % डीए के लिए अनिश्चितकालीन आंदोलन का ऐलान।
महंगाई भत्ता हेतु समिति गठित हास्यास्पद : शिक्षक संघ - नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव गिरीश साहू ने कहा कि रमन सरकार भी राज्य कर्मचारियों को समय - समय पर महंगाई भत्ता दिया करते थे। लेकिन कांग्रेस सरकार ने वर्तमान महंगाई भत्ते को साल 2019 से ही दबाकर रखा है। इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। वर्तमान में 5 फीसदी डीए की बढ़ोतरी को 2019 का बताया। भूपेश सरकार ने महंगाई भत्ता के निर्धारण हेतु कमिटी का गठन किया है। सरकार का कहना है कि कमिटी के अनुसार ही महंगाई भत्ता का निर्धारण किया जाएगा। इसे गिरीश साहू ने हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि देश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहाँ भत्ता देने के लिए कमिटी गठित की गई है।
ब्रेकिंग - 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम उच्चतर वेतनमान - आदेश जारी।
अन्य राज्यों की तरह शीघ्र डीए आदेश जारी करें राज्य सरकार - नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने मांग किया है कि केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों जैसे पंजाब, झारखण्ड, राजस्थान , महाराष्ट्र की भांति 31 प्रतिशत महंगाई का आदेश जल्द जारी किया जाए। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार द्वारा राहत प्रदान की जा रही है। इतना ही नहीं पंजाब , राजस्थान , हरियाणा, दिल्ली , ओडिशा , बिहार समेत कई राज्यों सामान महंगाई भत्ता देने निर्णय लिया है।
ब्रेकिंग - कक्षा 10 वीं , 12 वीं परीक्षा समय सारिणी जारी।
सरकार कमिटी बनाकर मांगों को लटकाने का प्रयास कर रही - शिक्षक संघ के नेताओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि कर्मचारियों के उचित एवं जायज मांग को सिर्फ लटकाने के उद्देश्य से कमिटी का निर्माण किया है। जबकि अन्य राज्यों कर्मचारियों के हितों की फैसला तत्काल लिया जा रहा। वही छत्तीसगढ़ में भी कर्मचारियों के मांगों के अलावा अन्य सभी बिंदुओं पर आन द स्पॉट फैसला लिया जा रहा। प्रदेश के कर्मचारियों के जायज मांग हेतु राज्य सरकार ने दर्जनों कमिटी का गठन कर तात्कालिक मुद्दा को टालने का प्रयास कर रही है। उक्त आरोप शिक्षक संघ ने लगाया है।
ब्रेकिंग - इस राज्य में भी 31 प्रतिशत डीए हेतु जारी हुआ आदेश।
वेतन विसंगति सहित कई मुद्दों पर कमिटी गठित - प्रदेश में कर्मचारियों की कई संगठन है। और राज्य के कर्मचारी अलग - अलग विभाग में कार्य भी करते है। सरकार कर्मचारियों के मांगों पर निर्णय एवं चर्चा हेतु वर्तमान दर्जनों कमिटी गठित की है। प्रमुख रूप से सहायक शिक्षकों वेतन विसंगति , कर्मचारी अधिकारी के 14 सूत्रीय मांग, अनुकम्पा नियुक्ति , सफाई कर्मचारी के नियमितीकरण , महंगाई भत्ते का निर्धारण आदि है। शिक्षक संघ के नेताओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि कर्मचारियों को बरगलाने एवं तात्कालिक मुद्दा को शांत करने के नियत से कमिटी गठित की है। जबकि मुख्यमंत्री सभी कर्मचारियों के जायज मांग से वाकिफ है और जब चाहे तब फैसला ले सकते है।
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सरकार का कर्मचारियों को DA देने के लिए समिति गठित करना, कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है, जबकि समय समय पर केंद्र सरकार द्वारा डी ए बढ़ाया जा रहा है, उसी अनुरूप राज्य के कर्मचारियों को भी डी ए प्राप्त करने का मौलिक अधिकार है।
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