a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में कार्यरत एल बी संवर्ग के सहायक शिक्षक पिछले 22 सालों से पदोन्नति एवं क्रमोन्नति से वंचित है। साथ ही पिछले 10 सालों से वेतन विसंगति का दंश झेल रहे है। प्रदेश में 1 लाख से भी अधिक सहायक शिक्षक प्राथमिक शालाओं में कार्यरत है।योग्यता एवं प्रशिक्षित होने के बाद भी पदोन्नति , क्रमोन्नति का पिछले 22 सालों से इंतजार कर रहे है। शासन प्रशासन से लगातार गुहार लगाने के बाद भी सहायक शिक्षकों के वाजिब हक नहीं मिल पा रहा है। इस तरह से सहायक शिक्षक पदोन्नति , क्रमोन्नति पाने को तरस रहे है।
22 हजार प्राथमिक प्रधान पाठक के पद रिक्त - प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से 22 से 25 हजार प्राथमिक प्रधान पाठक के पद रिक्त है। रिक्त पदों में भी सहायक शिक्षकों पदोन्नति नहीं हो रही है। 10 साल पहले सहायक शिक्षकों को प्राथमिक प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति देने हेतु परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन उक्त परीक्षा विवादित होने के बाद स्थगित हो गई।
स्कूलों में नियमित प्रधान पाठक नहीं होने से स्कूल की पढ़ाई सहित विभिन्न योजनाओं के संचालन में परेशानी आती है। यदि बिलासपुर संभाग की बात करें तो पिछले 15 वर्षों से 4690 प्रधान पाठक के पद रिक्त है। जिस पर तत्काल पदोन्नति की आवश्यकता है।
संभागवार प्रधानपाठक के रिक्त पद -प्राप्त जानकारी अनुसार पुरे प्रदेश में लगभग 22 हजार प्राथमिक प्रधान पाठक के पद रिक्त है -
बिलासपुर संभाग - 4690
रायपुर संभाग - 5072
दुर्ग संभाग - 4267
बस्तर संभाग - 3648
सरगुजा संभाग - 4032
वेतन विसंगति की मार झेल रहे सहायक शिक्षक - प्रदेश में कार्यरत 1 लाख नौ हजार सहायक शिक्षक 2013 से वेतन विसंगति का दंश झेल रहे है। वेतन विसंगति के कारण सभी सहायक शिक्षकों को प्रतिमाह 12 से 15 हजार रूपये आर्थिक हानि हो रही है। समयमान वेतन के आधार पर वेतन निर्धारण नहीं होना वेतन विसंगति का प्रमुख कारण है। वही सहायक शिक्षकों का मांग है की उन्हें 9300 - 34800 + 4000 के वेतन मान दिया जाए। वेतन विसंगति दूर करने के लिए सहायक शिक्षक आज भी संघर्षरत है।
वेतन विसंगति दूर करने सरकार ने गठित की समिति - सहायक शिक्षकों के आंदोलन के कारण राज्य सरकार ने फिलहाल वेतन विसंगति के परिक्षण एवं निराकरण हेतु तीन अधिकारीयों की अंतर्विभागीय समिति गठित की है। समिति 03 माह में राज्य सरकार को अपना रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर सरकार निर्णय लेगी। समिति के बैठक में सहायक शिक्षकों का भी पक्ष लिया जायेगा। हालाँकि समिति गठित होने के एक माह के बाद भी अभी तक एक भी बैठक नहीं हुआ है। आने वाले कुछ महीनों में सहायक शिक्षकों के मांगों के सन्दर्भ में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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