छ. ग. सहित कई राज्यों में भारी बिजली संकट , ब्लैकआउट के कगार पर कई राज्य Heavy Power Crisis In Many States Including Chhattisgarh

विकराल हुआ बिजली संकट , बिजली संयंत्रों में मात्र 2 से 6 दिन का कोल स्टॉक Heavy Power Crisis In Many States Including Chhattisgarh 

a2zkhabri.com कोरबा - छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में बिजली की भारी संकट उत्पन्न हो गई है। देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्य अँधेरे में डूबने के कगार पर है। साऊथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (एसईसीएल ) से राज्य के बिजली संयंत्रों को पर्याप्त कोयला की आपूर्ति नहीं हो रही है। जिस कारण से राज्य में बिजली की भारी संकट पैदा हो गई है। अक्टूबर में 2.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन और और तीन मिलियन टन कोयला उठाव के बाद भी राज्य के बिजली संयंत्र कोयला संकट से जूझ रहे है। 

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प्रदेश के अधिकांश संयंत्रों के पास महज 2 से 6 दिन का ही कोयला स्टॉक होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। जिस कारण से संयंत्रों को बिजली उत्पादन को घटाना पड़ रहा है। वही आंध्रप्रदेश , मध्य प्रदेश एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री भी प्रधान मंत्री से तत्काल कोयला उपलब्ध कराने की गोहर लगा रहे है। देश के राजधानी दिल्ली में और ज्यादा हालत ख़राब होने वाले है , यदि दो दिनों में कोयला सप्लाई नहीं होगा तो पूरा दिल्ली अँधेरे के गिरप्त में होगा। वही छत्तीसगढ़ के सभी बिजली उत्पादन संयंत्रों में बहुत ही कम कोयला के स्टॉक बचे है।

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छ.ग.के संयंत्रों के पास महज 2 से 6 दिन का कोल स्टॉक - छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी के एमडी एनके बिजौरा ने कहा कि कोरबा स्थित पावर प्लांटों के लिए 04 दिन का ही कोयला स्टॉक है। जिस कारण से प्लांटों में कोयला उत्पादन घटा दिया गया है। कोयले की आपूर्ति नियमित करने के लिए लगातार प्रयास हर स्तर पर किया जा रहा है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में भारी बिजली संकट उत्पन्न हो सकती है। 

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छत्तीसगढ़ के संयंत्रों में कोल स्टॉक की स्थिति - 

   बालको , 600 मेगा वाट - कोयला स्टॉक - 06 दिन 

   एनटीपीसी कोरबा , 2600 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 03 दिन 

   एनटीपीसी सीपत , 2980 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 08 दिन 

   डीएसपीएम , 500 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 02 दिन 

   एचटीपीपी , 1340 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 04 दिन 

   मड़वा , 1000 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 06 दिन 

   भिलाई टीपीएस, 500 मेगावाट  - कोयला स्टॉक - 06 दिन 

   अकलतरा टीपीएस , 1800 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 03 दिन 

   लारा टीपीपी , 1600 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 06 दिन 

   लैंकों पताढ़ी , 600 मेगावाट - कोयला स्टॉक - 06 दिन 

उत्पादन एवं उठाव में पीछे - एसईसीएल के अब तक के उत्पादन की बात की जाए , तो खदानों से लगभग 57 .52 मिलियन टन कोयला का उत्पादन हो गया है। जबकि 172 मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने केलिए 73 .58 मिलियन टन कोयला उत्पादन होना था। 

कोयला , बिजली संकट - 

1. कोयला संकट से संयंत्रों को उत्पादन घटाना पड़ रहा है। 

2. एसईसीएल के खदानों में उत्पादन एवं उठाव दोनों में दिक्कत। 

3. त्योहारी सीजन में बिजली की मांग काफी बढ़ जाती है। 

4. आंध्र प्रदेश एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री का पीएम से गुहार। 

5. दिल्ली , मध्य प्रदेश के पास सिर्फ दो दिनों का कोयला स्टॉक। 

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