जल्द बदल जायेंगे आप सबके मोबाइल नंबर 10 की जगह होगी 11 अंक Your Mobile Number Will Be Replaced By 11 Digit ट्राई द्वारा लिए गए विभिन्न निर्देशों को यहाँ देखें विस्तार से।
जल्द 10 की जगह 11 अंक का होगा मोबाइल नंबर /Your Mobile Number Will Be Replaced - बहुत जल्द ही आप का मोबाइल नंबर 10 अंक के बजाय 11 अंक का होने वाला है। और इसकी तैयारी भी शुरू हो गयी है। दूर संचार नियामक ट्राई ने देश में मोबाइल फ़ोन नंबर को 10 अंक के बजाय 11 अंक करने का सिफारिश जारी किया है। देश में मोबाइल की संख्या में बेतहासा वृद्धि प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए उक्त निर्णय लिया जा रहा है, ताकि भविष्य में मोबाइल नंबर आबंटन पर किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
बढ़ती आबादी के साथ दूरसंचार कनेक्शन की मांग से निपटने की जरूरतों को देखते हुए यह विकल्प अपनाये जाने का सुझाव है। भारतीय दूरसंचार विनियामक (ट्राई ) ने इस बारे में एक परिचर्चा पत्र जारी किया है। इसका शीर्षक है एकीकृत अंक योजना का विकास।
इसे भी देखें - ऑनलाइन राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया।
ट्राई TRAI का मानना है कि 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर को 11 डिजिट वाले मोबाइल नंबर से बदलने पर देश में ज्यादा नंबर उपलब्ध कराये जा सकते है। इस लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया TRAI देश में फ़ोन,मोबाइल नम्बरिंग स्किम को बदलने का निर्णय ले रही है। और बीते दिनों 11 डिजिट के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव जारी कर दिया है।
2050 तक 3. 28 अरब पहुँच जाएगी मोबाइल संख्या - यह योजना मोबाइल एवं स्थिर दोनों प्रकार के लाइनों के लिए है। परिचर्चा पत्र में कहा गया है की यदि यह मानकर चले की भारत में 2020 तक वायरलेस फ़ोन गहनता प्रतिशत 200 रहती है ,यानी हर व्यक्ति के पास दो मोबाइल कनेक्शन हो तो इस देश में सक्रीय मोबाइल संख्या 3.28 अरब तक पहुँच जाएगी।
4. 68 अरब मोबाइल नंबर की जरुरत होगी - इस समय देश में 1. 2 अरब फ़ोन कनेक्शन है। विनियामक का अनुमान है की यदि अंकों का 70 फीसदी उपयोग मानकर चले तो उस समय तक देश में मोबाइल फ़ोन के लिए 4. 68 अरब मोबाइल नंबर की जरुरत होगी। सरकार ने मशीनों के बीच पारस्परिक इंटरनेट संपर्क / इंटरनेट ऑफ द थिंग्स के लिए 13 अंकों का नंबर सीरीज पहले ही शुरू कर चुकी है।
इसे भी देखें- श्रमिक कार्ड के फायदे एवं बनवाने की प्रक्रिया।
वर्तमान में मौजूद नंबर कैसे बदलेंगे- रेगुलेटर ने एक बयान में कहा है की ये सिफारिशें विभिन्न स्टेक होल्डर्स से मिले इनपुट और ओपन हाउस डिस्कशन (OHD) के दौरान हुयी चर्चा पर आधारित है। सिफारिशों से आये प्रमुख बिंदु में से प्रमुख बात यह रही की नियमित मोबाइल नंबर के मामलों में 10 अंको के मोबाइल नंबर को 11 अंको में स्विच किया जाये। इसका मतलब मौजूदा मोबाइल नंबर के सामने शून्य (0) को जोड़ा जायेगा। हालाँकि नए फ़ोन नंबर अलग-अलग अंको के साथ शुरू हो सकती है।
ट्राई TRAI द्वारा जारी किये गए प्रमुख सिफारिशें जो फिक्सड लाइन और मोबाइल सर्विस दोनों के लिए मौजूदा नम्बरिंग सिस्टम को बदल सकती है।
1. एक फिक्सड लाइन कनेक्शन से मोबाइल नम्बरों काल करने के लिए शून्य (0) लगाना अनिवार्य होगा। यहाँ बता दे की फिक्सड लाइन फ़ोन से मोबाइल नंबर पर काल करने के लिए शून्य लगाना अनिवार्य नहीं होता। लेकिन नए सिफारिशों के अनुसार इस प्रकार के काल हेतु अब शून्य लगाना अनिवार्य हो जायेगा।
इसे भी देखें- आकाशीय बिजली से बचाने वाले एप्प।
2. मोबाइल नम्बरो के मामले में 10 डिजिट से 11 डिजिट नम्बरिंग स्किम में सिफ्टिंग। ट्राई द्वारा जारी प्रमुख सिफारिशों में से एक है। ट्राई द्वारा जारी दूसरी प्रमुख सिफारिश मोबाइल नंबर को 10 अंक से 11 अंको में स्विच करना जिसमे पहला अंक 9 होगा। रेगुलेटर का कहना है की इससे हमें कुल 10 अरब नंबरों की क्षमता होगी।
3. हमारे मोबाइल फ़ोन नम्बरो की तरह डोंगल एवं डेटा कार्ड जैसे विभिन्न उपकरणों में वर्तमान में 10 अंकीय नम्बरिंग सिस्टम है। अब नई सिफारिश में कहा गया है की ऐसी डिवाइस के अंको को 10 डिजिट से बदलकर 13 डिजिट कर देना चाहिए। इस पर कार्य प्रारम्भ भी हो गया है। अर्थात डोंगल के लिए वितरित मोबाइल नंबर 13 अंको का होगा।
4. फिक्सड लाइन नम्बरो को 2 या 4 के सब लेवल पर ले जाना। कुछ आपरेटरों ने कुछ समय पहले 3 , 5 और 6 से शुरू होने वाले लैंडलाइन कनेक्शन जारी किये थे जो अब सेवा में नहीं है। बंद हुए नम्बरो को 2 या 4 के सब लेवल पर ले जाने हेतु सिफारिश कर दी है।
इसे भी देखें- हेल्थ टिप्स लू से बचने घरेलु उपाय।
5. सभी फिक्सड लाइन कनेक्शन 0 शून्य डायलिंग सुविधा के साथ आनी चाहिए। वर्तमान में फिक्सड लाइन यूजर्स जिन्होंने सब्सक्राइबर ट्रंक डायलिंग (एसटीडी) का विकल्प चुना है। उन्हें केवल 0 जीरो डायलिंग सुविधा दी जाती है। हालाँकि ट्राई ने सभी फिक्सड लाइन ग्राहकों को शून्य का उपयोग करने की शिफारिश दी है। और यह आवश्यक भी है क्योंकि लैंडलाइन नंबरों से मोबाइल नम्बरों को डायल करने के लिए 0 प्रीफिक्स की आवश्यकता होगी।
लैंडलाइन एवं ब्रॉड बैंड को लेकर कही ये बात - TRAI ने देश में कम ब्रॉड बैंड कनेक्शन के लिए दूरसंचार विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उसके रवैये के खिलाफ पीएमओ को चिट्ठी लिखी गयी है। शिकायत में कहा गया है की देश में ब्रॉड बैंड की संख्या बढ़ाने की शिफारिश को दूरसंचार विभाग अनदेखी कर रही है। TRAI के नाराज के चलते विभिन्न शिफारिशें पिछले 4 साल से अटके पड़े है।
केबल टीवी के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन की सिफारिश अटकी पड़ी है। इसके साथ ही पब्लिक वाईफाई हॉट स्पॉट से ब्रॉड बैंड की सिफारिश को मंजूर नहीं किया गया है। भारत में वर्तमान में केवल 2 करोड़ लोगो के पास लैंडलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन है। जबकि भारत में 65 करोड़ इंटरनेट यूजर्स है।
जल्द 10 की जगह 11 अंक का होगा मोबाइल नंबर /Your Mobile Number Will Be Replaced - बहुत जल्द ही आप का मोबाइल नंबर 10 अंक के बजाय 11 अंक का होने वाला है। और इसकी तैयारी भी शुरू हो गयी है। दूर संचार नियामक ट्राई ने देश में मोबाइल फ़ोन नंबर को 10 अंक के बजाय 11 अंक करने का सिफारिश जारी किया है। देश में मोबाइल की संख्या में बेतहासा वृद्धि प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए उक्त निर्णय लिया जा रहा है, ताकि भविष्य में मोबाइल नंबर आबंटन पर किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो।
बढ़ती आबादी के साथ दूरसंचार कनेक्शन की मांग से निपटने की जरूरतों को देखते हुए यह विकल्प अपनाये जाने का सुझाव है। भारतीय दूरसंचार विनियामक (ट्राई ) ने इस बारे में एक परिचर्चा पत्र जारी किया है। इसका शीर्षक है एकीकृत अंक योजना का विकास।
इसे भी देखें - ऑनलाइन राशन कार्ड बनवाने की प्रक्रिया।
ट्राई TRAI का मानना है कि 10 डिजिट वाले मोबाइल नंबर को 11 डिजिट वाले मोबाइल नंबर से बदलने पर देश में ज्यादा नंबर उपलब्ध कराये जा सकते है। इस लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया TRAI देश में फ़ोन,मोबाइल नम्बरिंग स्किम को बदलने का निर्णय ले रही है। और बीते दिनों 11 डिजिट के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव जारी कर दिया है।
2050 तक 3. 28 अरब पहुँच जाएगी मोबाइल संख्या - यह योजना मोबाइल एवं स्थिर दोनों प्रकार के लाइनों के लिए है। परिचर्चा पत्र में कहा गया है की यदि यह मानकर चले की भारत में 2020 तक वायरलेस फ़ोन गहनता प्रतिशत 200 रहती है ,यानी हर व्यक्ति के पास दो मोबाइल कनेक्शन हो तो इस देश में सक्रीय मोबाइल संख्या 3.28 अरब तक पहुँच जाएगी।
4. 68 अरब मोबाइल नंबर की जरुरत होगी - इस समय देश में 1. 2 अरब फ़ोन कनेक्शन है। विनियामक का अनुमान है की यदि अंकों का 70 फीसदी उपयोग मानकर चले तो उस समय तक देश में मोबाइल फ़ोन के लिए 4. 68 अरब मोबाइल नंबर की जरुरत होगी। सरकार ने मशीनों के बीच पारस्परिक इंटरनेट संपर्क / इंटरनेट ऑफ द थिंग्स के लिए 13 अंकों का नंबर सीरीज पहले ही शुरू कर चुकी है।
इसे भी देखें- श्रमिक कार्ड के फायदे एवं बनवाने की प्रक्रिया।
वर्तमान में मौजूद नंबर कैसे बदलेंगे- रेगुलेटर ने एक बयान में कहा है की ये सिफारिशें विभिन्न स्टेक होल्डर्स से मिले इनपुट और ओपन हाउस डिस्कशन (OHD) के दौरान हुयी चर्चा पर आधारित है। सिफारिशों से आये प्रमुख बिंदु में से प्रमुख बात यह रही की नियमित मोबाइल नंबर के मामलों में 10 अंको के मोबाइल नंबर को 11 अंको में स्विच किया जाये। इसका मतलब मौजूदा मोबाइल नंबर के सामने शून्य (0) को जोड़ा जायेगा। हालाँकि नए फ़ोन नंबर अलग-अलग अंको के साथ शुरू हो सकती है।
ट्राई TRAI द्वारा जारी किये गए प्रमुख सिफारिशें जो फिक्सड लाइन और मोबाइल सर्विस दोनों के लिए मौजूदा नम्बरिंग सिस्टम को बदल सकती है।
1. एक फिक्सड लाइन कनेक्शन से मोबाइल नम्बरों काल करने के लिए शून्य (0) लगाना अनिवार्य होगा। यहाँ बता दे की फिक्सड लाइन फ़ोन से मोबाइल नंबर पर काल करने के लिए शून्य लगाना अनिवार्य नहीं होता। लेकिन नए सिफारिशों के अनुसार इस प्रकार के काल हेतु अब शून्य लगाना अनिवार्य हो जायेगा।
इसे भी देखें- आकाशीय बिजली से बचाने वाले एप्प।
2. मोबाइल नम्बरो के मामले में 10 डिजिट से 11 डिजिट नम्बरिंग स्किम में सिफ्टिंग। ट्राई द्वारा जारी प्रमुख सिफारिशों में से एक है। ट्राई द्वारा जारी दूसरी प्रमुख सिफारिश मोबाइल नंबर को 10 अंक से 11 अंको में स्विच करना जिसमे पहला अंक 9 होगा। रेगुलेटर का कहना है की इससे हमें कुल 10 अरब नंबरों की क्षमता होगी।
3. हमारे मोबाइल फ़ोन नम्बरो की तरह डोंगल एवं डेटा कार्ड जैसे विभिन्न उपकरणों में वर्तमान में 10 अंकीय नम्बरिंग सिस्टम है। अब नई सिफारिश में कहा गया है की ऐसी डिवाइस के अंको को 10 डिजिट से बदलकर 13 डिजिट कर देना चाहिए। इस पर कार्य प्रारम्भ भी हो गया है। अर्थात डोंगल के लिए वितरित मोबाइल नंबर 13 अंको का होगा।
4. फिक्सड लाइन नम्बरो को 2 या 4 के सब लेवल पर ले जाना। कुछ आपरेटरों ने कुछ समय पहले 3 , 5 और 6 से शुरू होने वाले लैंडलाइन कनेक्शन जारी किये थे जो अब सेवा में नहीं है। बंद हुए नम्बरो को 2 या 4 के सब लेवल पर ले जाने हेतु सिफारिश कर दी है।
इसे भी देखें- हेल्थ टिप्स लू से बचने घरेलु उपाय।
5. सभी फिक्सड लाइन कनेक्शन 0 शून्य डायलिंग सुविधा के साथ आनी चाहिए। वर्तमान में फिक्सड लाइन यूजर्स जिन्होंने सब्सक्राइबर ट्रंक डायलिंग (एसटीडी) का विकल्प चुना है। उन्हें केवल 0 जीरो डायलिंग सुविधा दी जाती है। हालाँकि ट्राई ने सभी फिक्सड लाइन ग्राहकों को शून्य का उपयोग करने की शिफारिश दी है। और यह आवश्यक भी है क्योंकि लैंडलाइन नंबरों से मोबाइल नम्बरों को डायल करने के लिए 0 प्रीफिक्स की आवश्यकता होगी।
लैंडलाइन एवं ब्रॉड बैंड को लेकर कही ये बात - TRAI ने देश में कम ब्रॉड बैंड कनेक्शन के लिए दूरसंचार विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उसके रवैये के खिलाफ पीएमओ को चिट्ठी लिखी गयी है। शिकायत में कहा गया है की देश में ब्रॉड बैंड की संख्या बढ़ाने की शिफारिश को दूरसंचार विभाग अनदेखी कर रही है। TRAI के नाराज के चलते विभिन्न शिफारिशें पिछले 4 साल से अटके पड़े है।
केबल टीवी के माध्यम से इंटरनेट कनेक्शन की सिफारिश अटकी पड़ी है। इसके साथ ही पब्लिक वाईफाई हॉट स्पॉट से ब्रॉड बैंड की सिफारिश को मंजूर नहीं किया गया है। भारत में वर्तमान में केवल 2 करोड़ लोगो के पास लैंडलाइन ब्रॉडबैंड कनेक्शन है। जबकि भारत में 65 करोड़ इंटरनेट यूजर्स है।
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Rohit Sahu
ReplyDeleteRohit Sahu
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