एनपीएस में जमा राशि को लौटाने से इंकार , संकट में कर्मचारी और राज्य सरकार Refusal To Return The Amount Deposited In NPS , Employees And State Government In Crisis

पुरानी पेंशन बहाल - नई पेंशन स्कीम में जमा राशि को PFRDA का लौटाने से इंकार ,, सरकार और कर्मचारियों के पैसे फंसे Refusal To Return The Amount Deposited In NPS , Employees And State Government In Crisis 

a2zkhabri.com रायपुर - राजस्थान , छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के राज्य सरकार ने एक साथ अपने राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल कर अपने कर्मचारियों को बड़ी दी है , लेकिन नई पेंशन स्कीम के तहत एनपीएस खाते में जमा हजारों करोड़ रूपये फंसता नजर आ रहा है। एनपीएस के अंतर्गत कटौती की गई राशि को PFRDA लौटाने से इंकार कर रहा है। यदि कर्मचारियों के और राज्य सरकार को उक्त राशि को वापस नहीं की गई तो कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई की राशि और सरकार के हिस्से के कई हजार करोड़ राशि के डूबने की सम्भावना दिखाई दे रही है। 

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ज्ञात हो कि राजस्थान सरकार ने राज्य के 5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को ओपीएस की सौगात दी है। सीएम अशोक गहलोत की बहुचर्चित बजट धरातल पर उतरने से पहले ही अधर में लटक गई है। केंद्र के अधीन आने वाली पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए ) ने नई पेंशन स्कीम के तहत राज्यांश ( राजस्थान सरकार )  के 39 हजार करोड़ राशि को लौटाने से इंकार कर रही है। दरअसल राजस्थान सरकार ने 01 अप्रैल से ओपीएस लागु करने की घोषणा की है। 

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राजस्थान सरकार ने विड्राल करनी चाही रकम - एनपीएस के अंतर्गत कटौती को 01 अप्रैल 2022 से बंद कर दी गई है। पीएफआरडीए में जमा राशि को जीपीएफ में ट्रांसफर करने की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए वित्त विभाग ने पीएफआरडीए को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य सरकार ने 01 जनवरी 2004 के बाद से एनपीएस के दायरे में आ रहे कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू कर दी है। इस लिए कर्मचारियों ने जो अंशदान दिया है , सरकार उसे विड्रा करना चाहती है। 

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खत के जवाब में पीएफआरडीए ने राजस्थान सरकार को जवाब देते हुए पत्र 02 मई को जारी करते हुए लिखा कि - पीएफआरडीए  एक्ट 2013 व पीएफआरडीए 2015 रेग्युलेशन में एनपीएस योजना के तहत राज्यांश व कर्मचारी  अंश को राज्य सरकार के रेवेन्यू रिसीट में लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इससे राजस्थान सरकार सहित कर्मचारियों जबरदस्त झटका लगा है। 

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सुप्रीम कोर्ट जा सकती है राज्य सरकार - उक्त मामले में राज्य सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जा सकती है , सरकार कोर्ट में तर्क देगी की कर्मचारियों को ओपीएस देना उनका हक है। वही 01अप्रैल से एनपीएस में राशि जमा होना भी बंद हो गई है। राजस्थान सरकार हर वर्ष राज्यांश के रूप में दो हजार करोड़ रूपये जमा करवा रही थी। वही राज्य सरकार अब महाधिवक्ता से इस सम्बन्ध में राय ले रही है। सरकार अपना तर्क देते हुए कोर्ट को बता सकती है कि पीएफआरडीए का गठन यूनियन लिस्ट के 71 वे आईटम के तहत हुए है इसलिए इसके नियम क़ानून राज्य पर लागू नहीं हो सकती। 

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पीएफआरडीए राशि नहीं लौटाएगी तब भी पुरानी पेंशन दे सकती है सरकार , जाने छ. ग. की स्थिति - यदि एनपीएस के अंतर्गत जमा राशि को पीएफआरडीए द्वारा लौटाया जाता है तब भी राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन दे सकती है। लेकिन राज्य सरकार सहित कर्मचारयों को भारी आर्थिक हानि होगी। क्योंकि पीएफआरडीए के खाते में जमा राशि सरकार और कर्मचारियों की आधी -  आधी है। वही इसके सम्बन्ध में फ़िलहाल छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी पैसा वापसी हेतु मुंबई कार्यालय को पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है। जिस स्थिति में राजस्थान सरकार है वैसी ही स्थिति अन्य राज्यों के सामने ( जिन्होंने ओपीएस लागू की है  ) भी आ सकती है। 


राज्य शासन द्वारा जारी सम्पूर्ण अवकाश लिस्ट यहाँ देखें ,,, 

एनपीएस के मौजूदा क्लाज में एग्जिट के तीन विकल्प - वर्तमान में एनपीएस से एग्जिट के तीन विकल्प मौजूद है - 1. वीआरएस लेने पर - ऐसे में 80 फीसदी राशि फिर फंड में रीइन्वेस्ट करनी होती है। दूसरा रिटायरमेंट होने पर - ऐसे में 340 फीसदी राशि फंड में इन्वेस्ट करनी पड़ती है। तीसरा कर्मचारी की मृत्यु होने पर - ऐसे में फंड में जमा पूरी राशि परिजनों को दे दी जाती है। यदि पुरानी पेंशन लागू करने वाले तीनों राज्य राजस्थान , छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश एक साथ विड्राल करती है तो मार्केट से एक लाख करोड़ रु. बाहर हो जाएगी। 

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