125 रु. लीटर होगा पेट्रोल डीजल का दाम , 07 मार्च हो 5 राज्यों के चुनाव ख़त्म होते ही बढ़ेंगे भाव There Will Be A Fire In The Prices Of Petrol And Diesel , The Price Per Liter Can Be Up To Rs 125
a2zkhabri.com नई दिल्ली - देश में बहुत जल्द आम आदमी एवं मध्यम वर्गीय परिवार को महंगाई का जोरदार झटका लगने वाला है। रिपोर्ट की माने तो भारत के 5 राज्यों में चुनाव के बाद 125 रु. प्रति लीटर पर पेट्रोल - डीजल के भाव पहुँच जायेंगे। चुनाव के कारण देश में पिछले तीन माह से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर है 07 मार्च को चुनाव ख़त्म होते ही पेट्रोल डीजल के दामों के साथ साथ अन्य सभी सामग्रियों के दामों में भी आग लगेगी। कुछ बाजार विशेषज्ञ की माने तो 07 मार्च के बाद प्रतिलीटर दाम 10 रु. तक बढ़ेगी वही कई बजार विशेषज्ञ 125 रु. तक भाव जाने का अनुमान लगा रहे है।
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चुनाव आते ही कीमतों पर लग जाता है ब्रेक - एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार भले ही पेट्रोल - डीजल की कीमत निर्धारित करने में अपनी भूमिका से इंकार करती है , लेकिन बीते वर्षों में देखा गया है कि चुनाव के दौरान सरकार जनता को खुश करने के लिए पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ाती , पिछले वर्ष का ट्रेंड बता रहा है कि चुनावी मौसम में पेट्रोल डीजल के भाव से राहत मिलती है। बीते वर्ष 03 नवम्बर को केंद्र सरकार ने एक्ससाइज ड्यूटी कम की थी उसके बाद 5 राज्यों में चुनाव के कारण आज तक दाम नहीं बढे। जबकि इससे पहले प्रतिदिन पेट्रोल - डीजल के भाव बढ़ जाते थे।
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100 डालर के पार जा सकता है कच्चे तेल - 01 दिसम्बर 2021 को कच्चे तेल का भाव 69 डालर प्रति बैरल था जो 95 डालर प्रति बैरल के पास पहुँच गया है। यानी के ढाई महीने के भीतर कच्चे तेल के भाव में भी भारी वृद्धि हुई। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि पेट्रोल - डीजल के दाम 03 नवम्बर से स्थिर है, कारण 5 राज्यों में चुनाव है। जबकि इससे पहले कच्चे तेल के दाम में मामूली बढ़ोतरी होने पर तत्काल पेट्रोल - डीजल के भाव बढ़ जाते थे।
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अक्टूबर 2014 के बाद कच्चे तेल ऊँचा स्तर - भारत जो कच्चा तेल आयत करता है , उसके दाम सोमवार को बढ़कर 94.54 डालर प्रति बैरल हो गया , जो पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ट के आंकड़े अनुसार , अक्टूबर 2014 के बाद से सबसे ऊँचा स्तर है। कच्चे तेल के दामों में वृद्धि के कारण यूक्रेन और रूस के बीच भू- राजनितिक तनाव और युद्ध जैसे हालात निर्मित होने के कारण थे। वही यूक्रेन और रूस बीच तनाव कम होने से कच्चे तेल की मांग में कमी आएगी जिससे दाम कुछ कम हो सकते है।
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मध्यम वर्गीय और गरीब परिवार को पड़ेगी महंगाई की मार - एक्सपर्ट्स के अनुमान मुताबिक़ पेट्रोल - डीजल दामों में बेतहासा वृद्धि होगी जिसकी मार माध्यम वर्गीय परिवार एवं गरीब आदमियों को पड़ेगी। जिस प्रकार से दिन प्रतिदिन महंगाई बढती जा रही है , वही दूसरी ओर बेरोजगारी और नौकरी जाने की समस्या है। पेट्रोल डीजल के भाव बढ़ते ही दैनिक उपयोग की वस्तुएं सहित खाने - पीने के सामानों के दाम भी बढ़ जायेंगे। कुल मिलाकर मध्यम वर्गीय परिवार और गरीब परिवार सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। वही देश को चलाने वाले नेता जनता को सिर्फ चुनाव के वक्त याद करती है उसके बाद की स्थिति को आप सब भली भांति जानते है।
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