100 से अधिक शिक्षक और प्रधान पाठकों की लगी ड्यूटी,, एक टीका के बाद गायब हो गए लोगों को ढूंढेंगे सभी Teachers Will Find People Who Have Disappeared After The First Dose Of Corona Vaccine
a2zkhabri.com बिलासपुर - कोरोना को रोकने का एकमात्र उपाय कोविड वैक्सीन लगाना है। इसके बाद भी कई लोग फर्स्ट डोज लगाने के बाद गायब हो गये है। वे दूसरा डोज लगवाने नहीं आ रहे है। अब ऐसे लोगों को ढूंढकर कोरोना वैक्सीन के दूसरे डोज लगवाने की जिम्मेदार शिक्षकों को दी गई है। इसके लिए 100 से अधिक शिक्षक और प्रधान अध्यापकों की ड्यूटी लगाईं गई है। जिला प्रशासन द्वारा वैश्विक महामारी नोवल कोरोना वायरस कोविड - 19 के संक्रमण पर नियंत्रण एवं सर्विसेस का कार्य किया जा रहा है।
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सर्वे कार्य में जुटे सैकड़ों शिक्षक - ड्यूटी लगते ही शिक्षक अपने मूल कार्य पढ़ाना लिखाना को छोड़कर एक बार फिर सर्वे में जुट गए है। कोरोना टीकाकरण से छूटे 15 से 17 साल के स्कूल शाला त्यागी बालक - बालिका एवं 18 से 60 प्लस तथा प्रिकॉशन डोज के लिए छूटे हुए लोगों के सर्वे कार्य के लिए सैकड़ों शिक्षकों एवं प्रधान अध्यापकों की ड्यूटी लगाईं गई है। जिसमे प्रधान पाठक को सर्वे दल का प्रमुख बनाया गया है। साथ ही उनकों शिक्षक भी दिए गए है , जो सर्वे का काम करेंगे। अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं इंसिडेंट कमांडर बिल्हा द्वारा निर्देश जारी किया गया है। साथ ही ड्यूटी से नदारत रहने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
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प्रधान पाठकों के ड्यूटी लगाने का विरोध - सर्वे में प्रधान पाठकों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। इसमें 50 साल से अधिक उम्र के प्रधान अध्यापको की भी ड्यूटी लगा दी गई है। जबकि पहले के आदेश में 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों कोरोना ड्यूटी से मुक्त रखने का आदेश जारी हुआ था। साथ ही प्रधान अध्यापकों के कंधे पर स्कूल की भी जिम्मेदारी रहती है , स्कूल छोड़कर दूसरी ड्यूटी करने से पुरे स्कूल की व्यवस्था भी चरमरा जाती है। प्रधान पाठकों की प्रतिदिन कई विभागीय जानकारी भी देनी होती है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक कल्याण संघ ने इसका विरोध किया है।
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वेक्सिनेशन वेरिफायर में भी लगी शिक्षकों की ड्यूटी - कई जिलों में सैकड़ों शिक्षकों की कंट्रोल रूम में ड्यूटी लगाईं गई है जिसमे सैकड़ों शिक्षक कार्य कर रहे है। सभी शिक्षक स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचि अनुसार दूसरा डोज लगने या नहीं लगने का जानकारी एकत्रित कर रहे है। दूसरा डोज नहीं लगाने वाले लोगों को सभी शिक्षक फ़ोन के माध्यम से जागरूक भी कर रहे है। वही दूसरा डोज लगाने वाले व्यक्तियों की जानकारी सक्षम अधिकारी को सौंप रहे है। इस तरह से प्रदेश में हजारों शिक्षक बच्चों को स्कूल में , मोहल्ला क्लास, ऑनलाइन क्लास में पढ़ाना छोड़ अन्य कार्य में व्यस्त है।
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टीकाकरण से लेकर अंतिम संस्कार कराने तक की ड्यूटी शिक्षकों के भरोसे - कोरोना काल के दौरान पिछले दो सालों में शिक्षकों ने कोरोना से सम्बंधित हर प्रकार की ड्यूटी किये है। कोरोना से संक्रमित मरीज की पहचान से लेकर कोरोना से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार कराने तक की जिम्मेदारी शिक्षकों ने बखूबी निभाया है। पिछले दो सालों में ड्यूटी के दौरान हजारों शिक्षकों ने अपनी जान भी गवाया है। हालाँकि सरकार के तरफ से अभी तक कोरोना वारियर का दर्जा नहीं दिया गया। लेकिन शासन प्रशासन में बैठे लोग जोखिम वाला ड्यूटी बखूबी लेते आ रहे है।
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