पदोन्नति में पारदर्शिता नहीं,, धारा 144 का हवाला देकर काउंसलिंग कराने से इंकार No Transparency In Promotion , Refusing To Conduct Counsling Citing Section 144

पदोन्नति में पारदर्शिता नहीं , शिक्षकों में उमड़ा आक्रोश , जेडी ने धारा 144 का हवाला देकर काउंसलिंग कराने से किया इंकार No Transparency In Promotion , Refusing To Conduct Counsling Citing Section 144 

a2zkhabri.com दुर्ग - राज्य शासन के निर्देशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षकों की प्राथमिक प्रधान पाठक और उच्च वर्ग शिक्षक के पदों में पदोन्नति और शिक्षक की मिडिल स्कूल प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति जारी है। वही शिक्षक संगठनों के लगातार मांग के बावजूद पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई जा रही है। पदोन्नति प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लगातार शिक्षक पदोन्नति की कार्यवाही को काउंसलिंग से कराने की मांग कर रहे है। लेकिन प्रदेश में अभी तक कही से भी काउंसलिंग से पदस्थापना देने की जानकारी नहीं आ रही है।

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जेडी ने धारा 144 का दिया हवाला , काउंसलिंग कराने से किया इंकार - संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग पदोन्नति प्रक्रिया में काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना देनेसे साफ़ इंकार कर दिया  है। उन्होंने कहा है कि अभी भी प्रदेश के ज्यादातर जिलों में धारा 144 लागू है, ऐसी परिस्थिति में शिक्षकों की भीड़ एकत्रित कर काउंसलिंग नहीं कराया जा सकता।  साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य शासन ने भी काउंसलिंग से पदस्थापना देने का कोई निर्देश  नहीं दिए है। संयुक्त संचालक के उक्त बयान स्पष्ट हो गया कि पदोन्नति प्रक्रिया में कोई काउंसलिंग नहीं होगी पात्र शिक्षकों को सीधे पदस्थापना दे दी जाएगी। 

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पसंदीदा जगह को लेकर ऐठेंगे मोटी रकम - शिक्षक संगठन ने आरोप लगाया है कि पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता अर्थात काउंसलिंग नहीं होने के कारण सक्षम अधिकारी और बीच के दलाल पात्र शिक्षकों से जगह के नाम पर मोटी रकम वसूलेंगे। यही कारण है कि सभी शिक्षक संगठन पदस्थापना में होने वाली धांधली से बचने पदस्थापना को काउंसलिंग से कराए जाने की मांग कर रहे है। कई शिक्षक शहर के नजदीक और आने जाने में सहूलियत वाले स्कूल के लिए मोटी रकम देने को तैयार भी रहते है। ऐसे शिक्षक जो पैसे देने में सक्षम नहीं होते उन्हें दूरदराज के स्कूलों में  पदस्थापना देने की भी शिकायत हमेशा आती रहती है। 

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शिक्षकों में उमड़ा आक्रोश , आंदोलन की चेतावनी - पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं होने के कारण अब शिक्षकों का आक्रोश फूटता ही जा रहा है , वही कई शिक्षक संगठन आंदोलन की भी बात कर रहे है। ज्ञात हो कि शिक्षक पदोन्नति में पदस्थापना को काउंसलिंग से कराने की मांग कर रहे है लेकिन राज्य शासन से स्पष्ट निर्देश नहीं होने और राज्य के कई जिलों में धारा 144 लगे होने का हवाला देकर सक्षम अधिकारी सीधे पात्र शिक्षकों की पदस्थापना आदेश जारी कर रहे है। शिक्षकों के मंशा अनुरूप पदोन्नति प्रक्रिया नहीं होने के कारण अब शिक्षकों में नाराजगी बढ़ते ही जा रही है। 

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वरिष्ठता सूचि में भारी विवाद - स्कूल शिक्षा विभाग में जब से पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से वरिष्ठता सूचि को दुरुस्त करने में बहुत समय लग रहा है। प्रदेश के सभी जिलों में जारी वरिष्ठता सूचि में भारी विसंगति थी। वही लोक शिक्षण संचनालय कार्यालय ने भी देरी से दिशा निर्देश जारी किए। प्रदेश के सभी जिलों में जारी वरिष्ठता सूचि में एकरूपता नहीं होने के कारण भारी विवाद हुआ था। विवाद का प्रमुख कारण ट्रांसफर होने के बाद वरिष्ठता निर्धारण में हो रही थी। डीपीआई और संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग द्वारा जारी निर्देशानुसार अब वरिष्ठता सूचि बनाया जा रहा है। जिस कारण से अब वरिष्ठता सूचि में अब कुछ ही विसंगति रह गई है। 

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