झाड़ू लगाकर प्रदर्शन करेंगे सहायक शिक्षक Assistant Teachers Will Perform With A Broom

सहायक शिक्षकों का आज स्वच्छता सत्याग्रह , प्रदेश भर के स्कूलों में आज पूर्ण तालाबंदी Assistant Teachers Will Perform With A Broom 

a2zkhabri.com रायपुर - सहायक शिक्षकों का 11 दिसम्बर से राजधानी रायपुर में अनिश्चित कलीन आंदोलन जारी है।सहायक शिक्षकों का आज धरना प्रदर्शन के 7 वें दिन स्वच्छता सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश भर के सहायक शिक्षक आज राजधानी रायपुर में एकत्रित होकर सड़कों में झाड़ू लगाएंगे। सभी सहायक शिक्षक झाड़ू लगाकर स्वच्छता सत्याग्रह का आगज करेंगे। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले लाखों सहायक शिक्षक अपने मांगों के समर्थन में तरह - तरह से धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करते है। 

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सभी शिक्षक संगठन का समर्थन , आज प्रदेश के स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी - सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे पर प्रदेश में कार्यरत सभी शिक्षक संगठन आज धरना स्थल पर उपस्थित होकर स्वच्छता सत्याग्रह में भाग लेंगे। आज के आंदोलन में प्रदेश के सभी शिक्षक एवं व्याख्याता सहित सीएसी भी शाला का बहिष्कार करेंगे। इस तरह से आज शाला के सभी स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी रहेगी। वही सहायक शिक्षकों के आंदोलन को प्रदेश के अन्य सभी संगठन अपना समर्थन दे रहे है। 

बिग ब्रेकिंग- मिडिल स्कूल के शिक्षक भी अनिश्चित कालीन आंदोलन में शामिल। 

11 दिसम्बर से पढाई लिखाई ठप्प - प्रदेश में 11 दिसम्बर से पढ़ाई लिखाई ठप्प हो गई है। प्रदेश के एक लाख से भी अधिक सहायक शिक्षक 11 दिसम्बर से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर है। प्रदेश के सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के निराकरण हेतु आंदोलनरत है। वही सरकार ने भी तीन माह के भीतर वेतन विसंगति दूर करने की बात कही थी , लेकिन सरकार द्वारा गठित कमिटी अभी तक अपना रिपोर्ट पेश नहीं किया है। यही कारण है कि प्रदेश भर के एक लाख सहायक शिक्षक अपने जायज मांगों के लिए सड़क पर उतरने मजबूर हुए है। 

ब्रेकिंग- संकुल समन्वयक भी मैदान में , वेतन विसंगति के मुद्दे पर आये आंदोलन में। 

वेतन विसंगति के कारण 12 से 15 हजार प्रति माह नुकसान - सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया की वेतन विसंगति के कारण प्रदेश के एक लाख सहायक शिक्षकों को प्रतिमाह 12 से 15 हजार रूपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है। सरकार ने भी चुनाव के वक्त सरकार आते ही वेतन विसंगति दूर करने की बात कही थी। लेकिन सत्ता में तीन साल हो जाने के बावजूद सहायक शिक्षकों को सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। हर बार सहायक शिक्षकों को विभागीय अधिकारीयों के द्वारा गुमराह किया जाता रहा है। वही प्रदेश में कर्मचारियों के मांगों पर कमिटी - कमिटी का खेल जारी है। 

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सहायक शिक्षकों के भीड़ से शासन - प्रशासन के फूल रहे हाथ पांव - प्रदेश में लगभग एक लाख सहायक शिक्षक कार्यरत है। सहायक शिक्षक अपने मांगों के प्रति इतनी गंभीर है कि अपने हक़ और अधिकार के लिए राजधानी रायपुर  संख्या में पहुंचते है। विधान सभा घेराव और जेल भरों आंदोलन में इतनी भीड़ थी कि अस्थायी जेल भी छोटा पड़ गया था। शासन - प्रशासन को सहायक शिक्षकों के भीड़ को कंट्रोल  लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। सहायक शिक्षकों के रैली को सप्रे शाला मैदान के पास भारी बेरीगेटिंग और हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात कर रोक दिया जाता है। वही सहायक शिक्षक इस बार के आंदोलन को आर पार की लड़ाई बता रहे है। 

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