1998 से 2005 बैच के सहायक शिक्षकों को पदोन्नति से होगी मामूली आर्थिक लाभ , वेतन विसंगति का निराकरण ही बेहतर विकल्प Minor Benefit From Promotion , Redressal Of Pay Discrepancy Is The Better Option
a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में सहायक शिक्षकों का अनिश्चित कालीन आंदोलन राजधानी रायपुर में जारी है। सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के मांगों पर अड़े हुए है। वही सरकार 5 वर्ष के बजाय 03 वर्ष में पदोन्नति देकर 30 हजार सहायक शिक्षकों को खुश करने का प्रयास कर रही है। लेकिन सहायक शिक्षक अपने एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति के निराकरण पर अड़े हुए है। ज्ञात हो कि सहायक शिक्षक 11 दिसम्बर से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर है। सरकार से दो दौर के वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है। उम्मीद लगाई जा रही थी की आंदोलन जल्द समाप्त हो जाएगी लेकिन फिलहाल आंदोलन समाप्त होते हुए दिखाई नहीं दे रही है।
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पदोन्नति से सहायक शिक्षकों को मामूली लाभ - सहायक शिक्षकों के द्वारा जारी गणना पत्र अनुसार 1998 से 2005 बैच के सहायक शिक्षकों को मात्र 300 रु. से 2300 रु. तक का ही फायदा होते हुए दिखाई दे रहा है। सहायक शिक्षकों को 22 साल से पदोन्नति नहीं मिलने के कारण सहायक शिक्षकों की मूल वेतन मिडिल स्कूल के शिक्षकों के मूल वेतन के आसपास पहुँच गई है। यही कारण है कि सहायक शिक्षकों को पदोन्नति से ज्यादा आर्थिक लाभ होने वाला नहीं है। यही कारण है कि प्रदेश के एक लाख सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के इस बड़े खाई को पाटने के लिए भरसक प्रयास करते हुए आंदोलन मैदान में अभी भी डटे हुए है।
देखें गणना चार्ट 👇-
वेतन विसंगति का निराकरण से पूर्ण लाभ - प्रदेश के एक लाख से भी अधिक सहायक शिक्षकों को यदि आर्थिक लाभ के दृष्टि से देखा जाए तो वेतन विसंगति का निराकरण से बढ़िया और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। पदोन्नति में महज 30 हजार सहायक शिक्षकों को मामूली लाभ होगी , वही सहायक शिक्षकों का बड़ा वर्ग पदोन्नति से भी वंचित रहेगा। वही पिछले कई वर्षो से वेतन विसंगति की मार झेल रहे सहायक शिक्षक आने वाले समय में यह वेतन विसंगति की खाई और बढ़ जाएगा। यही कारण है कि सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के मुद्दे पर आरपार की लड़ाई में मूड में दिखाई दे रहे है।
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दो दौर का वार्ता विफल - सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल और सरकार के तरफ से विभागीय अधिकारीयों की दो दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। राज्य सरकार के तरफ से आर्थिक बजट का लगातार हवाला दिया जा रहा है। जबकि सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के निराकरण हेतु 812 करोड़ रूपये की ही आवश्यकता है। वही अधिकारीयों ने 1600 करोड़ का भार का गणना मुख्यमंत्री को पेश किए थे। वही आने वाले दिनों में सरकार और सहायक शिक्षकों की सहमति बन सकती है। क्योंकि अब कोरोना वायरस भी लगातार बढ़ रहा है ऐसे में सहायक शिक्षकों का आंदोलन लम्बा खिंचा जाना संभव नहीं लग रहा है।
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आंदोलन के बीच पदोन्नति की कार्यवाही शुरू - प्रदेश में अभी सहायक शिक्षकों का आंदोलन जारी है लेकिन विभगीय अधिकारी पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर रहे है। कई जिलों में आवश्यक दस्तावेज जमा करने के निर्देश भी जारी हो चुके है। हालाँकि सहायक शिक्षकों के आंदोलन में होने के कारण किसी ने भी दस्तावेज जमा नहीं किया है। सहायक शिक्षकों के आंदोलन के कारण पिछले 15 दिनों से स्कूलों की पढ़ाई ठप्प पड़ गई है। वही मिडलाइन आकलन परीक्षा को भी आगे बढ़ाने की संकेत मिल रहे है। सहायक शिक्षकों के बगैर मिडलाइन आकलन परीक्षा लिया जाना संभव नहीं लग रहा।
2 Comments
सहायक शिक्षको को सुपर न्यूमेरेरेरी के आधार पर पदोन्नति होने से ही सहायक शिक्षक का वेतन विसंगति दूर किया जा सकता है ।
ReplyDeleteसहायक शिक्षक के नेता भीड़ देख कर आप को दिए है।
Hamari ekta jindabad
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