सरकार और कमिटी के रवैये से नाखुश - अनुकम्पा संघ , 22 नवम्बर के बाद पुनः आंदोलन Unhappy With The Attitude Of The Government , Again Agitation After 22 November

अनुकम्पा नियुक्ति मामला - सरकार के कामकाज से नाखुश संघ 22 से पुनः आंदोलन की राह पर Unhappy With The Attitude Of The Government , Again Agitation After 22 November 

a2zkhabri.com रायपुर - अनुकम्पा नियुक्ति के सन्दर्भ में बनी कमिटी के कामकाज और सरकार के रवैये से नाराज संघ एकबार फिर आंदोलन की राह पकड़ने वाली है। ज्ञात हो कि कुछ माह पहले अनुकम्पा नियुक्ति की मांग हेतु दिवंगत पंचायत संवर्ग के परिजन करीब 2 माह राजधानी रायपुर में पुरे बरसात के समय आंदोलन करने मजबूर हुए थे। 2 माह बाद राज्य सरकार ने उनके मांगों के परिक्षण हेतु समिति का गठन किया है। 

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समिति के कार्य और सरकार के रैवये से नाराज अनुकम्पा संघ - अनुकम्पा संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि सरकार द्वारा गठित कमिटी के द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं होने से पुरे अनुकम्पा पीड़ित परिवार नाराज है। वही 22 नवम्बर तक मांगों पर निर्णय नहीं लिए जाने पर एक बार फिर पुनः आंदोलन की राह पकड़ने की बात कही। उन्होंने सरकार के रवैये एवं कमिटी के कामकाज पर भी सवाल उठाए। 

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मंत्रालय में कमिटी के अध्यक्ष से किये मुलाक़ात - अनुकम्पा पीड़ित परिजनों ने आज मंत्रालय में कमिटी अध्यक्ष रेणु जे पिल्ले से मुलाक़ात कर कमिटी के कार्यवाही पर जानकारी लेनी चाही। जानकारी में किसी भी प्रकार की सकारात्मक बात सामने नहीं आने से घोर निराशा हुई। शिक्षा सचिव कमलप्रीत ने पीड़ितों को पंचायत कर्मचारी बताया और कहा कि नियुक्ति पंचायत स्तर पर होगी। जिस पर संगठन भड़क गया। उन्होंने कहा की सरकार अपनी जिम्मेदार से पल्ला झाड़ रही है अनुकम्पा नियुक्ति देने के बजाय पंचायत कर्मचारी का तमगा देकर जिम्मेदारी से बच रही। 

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22 नवम्बर के बाद पुनः आंदोलन की राह पर संगठन - अनुकम्पा संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया की सरकार द्वारा गठित कमिटी के सदस्यों से हमने मुलाकात कर समिति की कार्यवाही जाननी चाही लेकिन समिति की ओर से कोई ठोस और सकारात्मक जानकारी प्राप्त नहीं हुई। उल्टा पंचायत कर्मचारी का तमगा लगाकर पंचायत विभाग से नियुक्ति की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 22 नवम्बर को केबिनेट की बैठक है अगर केबिनेट के बैठक में अनुकम्पा नियुक्ति के सन्दर्भ में कोई निर्णय नहीं होती तो हम 22 नवम्बर के बाद एक बार फिर अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। वही इस बार के आंदोलन को आरपार की आंदोलन कही।

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सरकार ने गठित की है कई कमिटी - राज्य सरकार ने फिलहाल कर्मचारियों के मांगों के सम्बन्ध में दर्जनों कमिटी गठित कर रखी है। प्रदेश के कई कर्मचारी संगठन अपने जायज मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति बना रही है। वही पूर्व के आंदोलन के दौरान सरकार ने कमिटी बनाकर तात्कालिक मामला को टालने का प्रयास किया है। कई कर्मचारी नेता सरकार के कमिटी गठन पर सवाल उठा रहे है। उनका कहना है कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए कमिटी बना रखी है जबकि अंतिम फैसला स्वयं मुख्यमंत्री लेंगे। 

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