मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के उम्मीदों पर फेरा पानी, वही बिहार में कर्मचारियों को मिली सौगात, 28 प्रतिशत डीए का हुआ ऐलान Demand For DA Pending In Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की उम्मीदों पर फिरा पानी , मुख्यमंत्री ने नहीं की लंबित महंगाई भत्ते की घोषणा , बिहार के कर्मचारियों को 28 फीसदी डीए की सौगात Demand For DA Pending In Chhattisgarh 

a2zkhabri.com रायपुर - लम्बे समय से लंबित महंगाई भत्ते की मांग कर रहे प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी निराशा हाँथ लगी। लंबित महंगाई भत्ते की घोषणा की आस लगाए राज्य के कर्मचारियों के उम्मीदों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पानी फेर दिया ,और किसी भी प्रकार के लंबित डीए की घोषणा नहीं किए। कर्मचारियों को प्रदेश सरकार पर भरोसा था की मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पिछले दो साल ( जुलाई 2019 ) से लंबित महंगाई भत्ते की बहाली कर सौगात देंगे।  लेकिन एक बार फिर राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते के सम्बन्ध में कोई घोषणा नहीं की। 

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बिहार के कर्मचारियों को मिली सौगात - बिहार के नीतीश सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का ऐलान कर दिया। अब बिहार के कर्मचारियों को 01 जुलाई 2021 की स्थिति से केंद्र सरकार के सामान 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगी। प्रदेश के नितीश सरकार ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 28 फीसदी महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी कर दिया। 

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प्रदेश में 16 प्रतिशत लंबित डीए - छत्तीसगढ़ में लंबित महंगाई भत्ता 16 प्रतिशत है। जो कही अन्य सभी राज्यों से अधिक है। ज्ञात हो की प्रदेश में जनवरी 2019 की 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता पिछले दो साल से लंबित है। जबकि अन्य राज्यों के कर्मचारियों को 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते के साथ वेतन दिया जा रहा था ,वही राज्य में दो साल से सिर्फ 12 प्रतिशत भत्ता मिल रहा। केंद्र सरकार ने डेढ़ साल बाद डीए से रोक हटाया और हटाते ही लंबित 11 फीसदी महंगाई भत्ता का ऐलान किया। इस तरह से केंद्र के कर्मचारियों का डीए 28 फीसदी हो गया है। वही राज्य के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता सपने में भी नसीब नहीं हो रहा। 

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लगातार मांग और आंदोलन जारी - प्रदेश के कई कर्मचारी संगठन लम्बे समय से लंबित महंगाई भत्ते की मांग कर रहे है। बार - बार ज्ञापन एवं एक धरना प्रदर्शन करने के बाद भी सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। बढ़ती महंगाई के इस ज़माने में कर्मचारियों को लोन के कर्ज पटाने एवं घरेलु खर्च चलाने में पसीना छूट रहा है। पिछले दो - तीन वर्षों में महंगाई ने भारी छलांग मारी है लेकिन कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते को सरकार जारी नहीं कर रही। इस तरह से प्रदेश के पौने चार लाख शासकीय अधिकारी कर्मचारी ठगा महसूस कर रहे है। 

महंगाई के साथ - साथ वेतन विसंगति के मार झेल रहे सहायक शिक्षक - महंगाई की सबसे ज्यादा मार शिक्षा विभाग के अंतर्गत सहायक शिक्षक झेल रहे है। सहायक शिक्षकों के वेतन में भारी विसंगति के कारण प्रतिमाह  ऊपर से आर्थिक हानि उठाना पड़ रहा है। वही राज्य सरकार 16 प्रतिशत लंबित महंगाई भत्ते को जारी नहीं कर रही। इस तरह से महंगाई की सबसे ज्यादा मार सहायक शिक्षकों को पड़ रही है। राज्य सरकार से अन्य राज्यों के भाँती तत्काल 28 फीसदी महंगाई भत्ते जारी करने की मांग जारी है। 

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