केंद्र के सामान 28 प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग , जुलाई में मांग पूरा नहीं होने पर अगस्त से उग्र आंदोलन Demand For 28 Percent Dearness Allowance / DA similar To The Center

छत्तीसगढ़ में भी 28 प्रतिशत डीए देने की मांग , मांग पूरा नहीं होने पर अगस्त से उग्र आंदोलन - कर्मचारी संगठन Demand For 28 Percent Dearness Allowance / DA similar To The Center 

a2zkhabri.com बिलासपुर - केंद्र के मोदी सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए महंगाई भत्ते में लगी रोक को हटाते हुए अतिरिक्त 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते के साथ कुल डीए 28 फीसदी कर दिया है। 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलने से केंद्र के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है। वही अभी छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों को 12 प्रतिशत महंगाई भत्ते से ही काम चलाना पड़ रहा है। राज्य कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों से 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता से पिछड़ गए है। राज्य के भूपेश सरकार से केंद्र के सामान 28 फीसदी महंगाई भत्ते की मांग कर्मचारी संगठनों के द्वारा की गई है। जुलाई 2019 से राज्य में महंगाई भत्ता लंबित है। पूरी सूचि नीचे देखें। 

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डीए को लेकर कर्मचारियों का प्रदर्शन - छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी विरोधी नीतियों एवं लंबित मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रिय प्रतिरोध दिवस मनाया। संघ के जिला अध्यक्ष पीआर कौशिक ने बताया कि कर्चारियों एवं पेंशनरों के लंबित मांग को लेकर सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलेक्टरों को सौंपा गया। इसमें महंगाई भत्ता और एरियर प्रदान करने , पुरानी पेंशन योजना लागू करने , अनियमित कर्मचारियों को  नियमित करने , वेतन विसंगति दूर करने सहित आठ सूत्रीय मांग शामिल किया है। 

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मांग पूरा नहीं होने पर अगस्त से उग्र आंदोलन - केंद्र के सामान 28 प्रतिशत महंगाई भत्ते को लेकर प्रदेश के कई कर्मचारी संगठन सरकार से लगातार मांग कर रहे है। जुलाई में मांग पूर्ण नहीं होने पर वही कई कर्मचारी संगठन अगस्त से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को जुलाई 2019 से महंगाई भत्ते को नहीं दिया है। जबकि पडोसी राज्य मध्य प्रदेश में अभी 17 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। और बहुत जल्द नए भत्ते भी जारी होने की जानकारी प्राप्त हुई है। 

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प्रतिमाह 4 से 10000 रु. की आर्थिक हानि - प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के सामान 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता नहीं मिलने से 4 हजार रु. से लेकर 10 हजार रु. तक प्रतिमाह आर्थिक नुकसान हो रहा है। कोरोना महामारी का हवाला देते हुए राज्य सरकार महंगाई भत्ते को पिछले दो साल से रोककर रखा है। जबकि प्रदेश के हजारों कर्मचारी कोरोना ड्यूटी करते हुए अपनी जान गवां दी। महंगाई के बढ़ते इस दौर में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को रोककर रखना उन्हें मानसिक तनाव देने जैसा है। 

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कुल 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता लंबित, देखें सूचि  - ज्ञात हो कि प्रदेश में जुलाई 20219 से 5 % महंगाई भत्ता, जनवरी 2020 से 4 % महंगाई भत्ता, जुलाई 2020 से 3% महंगाई भत्ता एवं जनवरी 2021 से 4 % महंगाई भत्ता लंबित है। इस तरह से राज्य सरकार केंद्र सरकार से पुरे 16 प्रतिशत महंगाई भत्ते के मामले में पीछे चल रही है। राज्य के सभी कर्मचारी संगठन जल्द से जल्द 28 फीसदी महंगाई भत्ते की आदेश जारी करने मांग कर रहे है। 01 जुलाई 2019 से महंगाई सूचकांक में लगातार वृद्धि हो रही है। महंगाई के कारण कर्मचारियों के आर्थिक, घरेलु बजट बिगड़ गया है। महंगाई भत्ता मिलने से कुछ राहत अवश्य मिल जाएगी। 

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