जबरन वेतन कटौती से शिक्षक संगठन नाराज , पहले बीमा कवर और कोरोना वारियर का दर्जा दे सरकार , फिर करे वेतन में कटौती Teachers Organizations Angry Over Forcible Pay Cuts
a2zkhabri.com रायपुर - कोरोना संकटकाल में मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए कर्मचारियों से एक दिन का वेतन काटने सम्बन्धी वित्त विभाग के आदेश पर छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ ने आपत्ति दर्ज कराते हुए जबरन कटौती नहीं करने की मांग की है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने भी मांग के पूरी होने तक वेतन कटौती पर सहमति देने से इंकार कर दिया है।
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छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि वित्त विभाग ने सभी कर्मचारियों से एक दिन का वेतन दिए जाने का आदेश जारी किया है। किन्तु सॉफ्टवेयर में इस प्रकार समायोजित किया गया है कि वेतन कटौती के बिना वेतन देयक पारित नहीं किया जा सकेगा। कर्मचारी चाहे अथवा न चाहे उनके वेतन से एक दिन का वेतन दान के रूप में कट जायेगा।
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कर्मचारी संगठनों ने कहा की सरकार ने पिछले दो वर्षों से महंगाई भत्ता सहित अन्य आवश्यक क्लैम को लंबित रखा है। छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि राज्य शासन कोरोना ड्यूटी कर रहे शिक्षकों को कोरोना वारियर का दर्जा देते हुए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराएं उसके बाद वेतन से कटौती करें। वित्त विभाग ने एक दिन का वेतन कटौती करने आदेश जारी किया है। जिसमे कुछ संगठनों की सहमति का उल्लेख है।
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ज्ञात हो कि प्रदेश में पिछले एक साल से कोरोना ड्यूटी कर रहे शिक्षकों की आए दिन संक्रमित होने की जानकारी प्राप्त होते रहती है। वही सैकड़ों शिक्षकों की जान भी कोरोना ने ले ली है। किन्तु शासन ने अब तक कोई मदद नहीं की है। जब तक शासन दिवंगत शिक्षकों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति और 50 लाख रूपये बीमा के रूप में नहीं देती साथ ही समुचित सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराती तब तक वेतन कटौती की सहमति नहीं देगा।
कोषालय सॉफ्टवेयर में स्वेच्छा अनुदान की व्यवस्था हो - वित्त विभाग से जारी आदेशानुसार एक दिन का वेतन स्वेच्छा से दान करने का उल्लेख है। लेकिन सॉफ्टवेयर में ऐसा कोई व्यवस्था नहीं है। एक दिन का वेतन काटने पर ही वेतन समायोजित हो रही है। यदि सरकार एक दिन का वेतन काटना ही चाहती है तो फिर सहमति और स्वेच्छा दान का दिखावा क्यों कर रही है। संगठनों का मांग है की यदि एक दिन का वेतन दान करना स्वेच्छिक है तो फिर सॉफ्टवेयर में ऐसी ब्यवस्था होनी चाहिए।
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