पंचायत सचिव को लाया गया कोरोना बीमा कवर के दायरे में , शिक्षकों की उपेक्षा , शासन की दोहरी नीति Panchayat Sachiv Gets Benifits Of Covod - 19 Insurance Cover
a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा जारी आदेशानुसार पंचायत सचिवों को कोरोना वारियर्स बीमा कवर के दायरे में लाया गया है। यह बड़ी खुशी की बात है। ज्ञात हो की प्रदेश में दर्जनों पंचायत सचिवों ने ड्यूटी के दौरान कोरोना से संक्रमित होकर अपनी जान गवाई है। पंचायत सचिवों को कोरोना बीमा कवर के अंतर्गत लाने हेतु आवश्यक कार्यवाही के सम्बन्ध में विभाग से आदेश भी जारी हो गए है।
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छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार, ग्राम पंचायत स्तर पर प्रवासी श्रमिकों के लिए समय - समय पर क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए है। इन क्वारंटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों एवं बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए भोजन , पानी आदि की व्यवस्था की जिम्मेदार ग्रामा पंचायत सचिवों के द्वारा निभाई जाती है। निम्न 4 बिंदुओं में आदेश जारी किये गए है -
1. कोविड - 19 के रोकथाम हेतु पंचायत सचिवों का मुख्यतः कोरोना टेस्ट हेतु शिविर लगाने, क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था , कोरोना से मृत व्यक्तियों की हॉस्पिटल से परिवहन की व्यवस्था , अंतिम संस्कार में सहयोग , कोरोना टीकाकरण में सक्रीय सहभागिता है।
2. कोरोना गतिविधियों एवं क्वारंटाइन सेंटर में संक्रमित व्यक्तियों की देखभाल के दौरान 12 पंचायत सचिवों ने भी संक्रमित होकर मृत हो गए। मृतक पंचायत सचिवों के परिवार के भरण पोषण हेतु मानवीय संवेदना के आधार पर शासन से आर्थिक सहायता दी जा कर कार्यरत सचिवों को बीमा कवर भी किया जा सकता है।
3. कोरोना वैश्विक महामारी संक्रमण के रोकथाम में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कर्मचारियों के सामान ही पंचायत सचिव भी अहम् भूमिका निभाते है। इन कार्यों के दौरान सैकड़ों पंचायत सचिव भी संक्रमित पाए गए। जिसमे से 12 पंचायत सचिवों की मृत्यु भी हो गई।
4. अतः उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे पंचायत सचिवों को भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की तरह बीमा से कवर कर निधन की स्थिति में बीमा लाभ / आर्थिक सहयोग दिए जाने हेतु आवश्यक पहल किया जाएं।
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ज्ञात हो की उक्त सभी कार्यों को शिक्षक भी बड़ी ईमानदारी से करते आ रहे है। इस दौरान 30 से 35 शिक्षक संक्रमित होकर अपनी जान गवाएं है। सरकार को शिक्षकों के प्रति भी मानवीय संवेदनाएं रखते हुए शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को यथाशीघ्र बीमा कवर दिए जाने चाहिए।
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