स्कूल शिक्षा विभाग पदोन्नति प्रक्रिया प्रारम्भ होते ही व्याख्याताओं की पदोन्नति पर हाईकोर्ट ने लगाया रोक CG School Shiksha Vibhag Padonnati Par High Court Ne Lagai Rok
a2zkhabri.com बिलासपुर - प्रदेश में व्याख्याताओं की पदोन्नति के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन से 4 सप्ताह में के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा है। याचिका में 23 से कार्यरत शिक्षाकर्मीयों (अब शिक्षक एलबी संवर्ग ) को भी पदोन्नति देने की मांग की गई है।
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उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए शासन ने नियम बनायें है। इसके मुताबिक 10 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होनी है। इसके लिए विभागीय परीक्षा होगी और इसमें 5 साल शिक्षकीय कार्य करने वाले शिक्षक / शिक्षाकर्मी शामिल हो सकते है। इसी तरह 25 प्रतिशत पदों पर प्रधान पाठकों को पदोन्नत किया जाना है। शेष 65 फीसदी पदों पर विभागीय पदोन्नति दी जानी है।
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इस 65 प्रतिशत पदों में 70 फीसदी नियमित व्याख्याता शेष 30 प्रतिशत पदों पर नियमित एलबी संवर्ग के व्याख्याता को पदोन्नत करना है। लेकिन शिक्षा विभाग ने 23 साल बाद भी शिक्षाकर्मी व्याख्याता को पदोन्नति नहीं दी है। नियमित व्याख्याताओं को पदोन्नति देने विभागीय प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनसे सीआर और चल - अचल संपत्ति की जानकारी मांगी गई है।
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इधर एलबी संवर्ग के नियमित शिक्षक भी पदोन्नति की मांग करते रहे। कोई कार्यवाही नहीं होने पर विभागीय पदोन्नति प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। शिक्षक रामगोपाल साहू ने अपने वकील अनूप मजूमदार के माध्यम से याचिका दायर की है। याचिका में नियमित व्याख्याताओं की पदोन्नति प्रक्रिया लगाने के साथ ही एलबी संवर्ग के शिक्षकों को भी पदोन्नति देने की मांग की गई है।
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इस मामले की प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए जस्टिस पै सेम कोशी अंतरिम राहत के तौर पर पदोन्नति पर रोक लगा दी है। और शासन से 4 सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने कहा है।
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