1998 बैच के शिक्षाकर्मियों ने नई पेंशन स्कीम के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर किया याचिका , 03 माह में निराकरण करने निर्देश जारी Education Workers Of Chhattisgarh 1998 Batch Filed Petition For Old Pension
ज्ञात हो कि बस्तर संभाग के कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड में पदस्थ दर्जनों शिक्षकों ने वकील अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें बताया गया की याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति वर्ष 1998 में शिक्षा कर्मी के पद पर हुई थी। तब से सभी लगातार कार्यरत है। इसी बीच 01 जुलाई 2018 को इनका संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में किया गया। अब सभी याचिकाकर्ता नियमित शिक्षक है।
राज्य शासन ने 2004 में नई पेंशन योजना लागू कर उनके वेतन से कटौती शुरू कर दी। लेकिन इसके लिए याचिकाकर्ताओं की सहमति नहीं ली गईं। जबकि उक्त योजना बचत खाता सेवानिवृत्ति योजना से सम्बंधित है, जो की स्वेच्छा पर आधारित है।
याचिकाकर्ताओं द्वारा याचिका में कहा गया है कि उक्त योजना के प्रारम्भ होने की तिथि जनवरी 2004 के बाद शासकीय सेवा में नियुक्त होने वाले अधिकारी- कर्मचारियों के लिए है। जबकि याचिकाकर्ता 1998 से कार्यरत है। इसलिए पुरानी पेंशन योजना का ही लाभ मिलना चाहिए। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सैम कोशी ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी को याचिकाकर्ताओं की पुरानी पेंशन स्कीम योजना के तहत दिए गए अभ्यावेदन का तीन माह के भीतर निराकरण करने निर्देश दिए है।
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उक्त याचिका को दायर करने वाले 1998 बैच के शिक्षाकर्मियों में सर्व श्री शिक्षक राम सार्वा, कन्हैयालाल बढ़ई , मनोरमा बढ़ई , मोहर लाल मंडावी, पुरान सिंह, राजेंद्र कुमार नेताम, सपोत राम नेताम, रश्मि सार्या, वैधराज ओट्टी, श्रीराम मरकाम सहित अन्य शिक्षकों ने वकील अब्दुल वहाब खान के माध्यम से याचिका दायर किये है।
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