छ.ग. स्कूल खोलने का विरोध , हाई कोर्ट में याचिका दायर Opposition To Open CG School , Petition Field In High Court

 छत्तीसगढ़ पालक संघ ने स्कूल खोलने के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया CG School Kholne Ke Khilaf Highcourt Me Yachika Dayar 

a2zkhabri.com बिलासपुर - प्रदेश सरकार द्वारा 15 फरवरी से स्कूल खोलने के निर्णय लेते ही पालक संघ का विरोध चालू हो गया है। कोरोना महामारी के बीच छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से स्कूल खोलने के निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। 

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22 हजार प्रधान पाठक के पदों में सहायक शिक्षक एलबी की होगी पदोन्नति। 

1998 बैच के शिक्षाकर्मियों ने पुरानी पेंशन हेतु दायर किया याचिका , 03 माह में निराकरण करने निर्देश जारी। 

स्कूल शिक्षा विभाग में पुनः शिक्षक, छात्रावास अधीक्षक , व्यायाम शिक्षक सहित अन्य 4000 रेगुलर पदों में पुनः होगी भर्ती। 

पालक संघ ने याचिका दाखिल कर मामले की शीघ्र सुनवाई करते हुए सरकार के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नजरुल खान ने अपने अधिवक्ता टीके झा  माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर किये है। 

दायर याचिका में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से बिना टिका लगवाए नवमीं से 12 वीं तक की कक्षाओं को खोलने का आदेश दिया है। शासन का यह निर्णय बच्चों के लिए घातक हो सकता है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पालकों को उनके बच्चे के नाम पर डराकर फीस वसूलने के लिए स्कूल खोले गए है। 

दायर याचिका अनुसार पिछले 11 माह से ऑनलाइन कक्षा के माध्यम से घटिया स्तर की शिक्षा दी गई। अब फीस वसूली करने मात्र एक महीने के लिए स्कूल खोलना प्रदेश सरकार की शिक्षा माफियाओं से मिली भगत को दर्शाता है। पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई करने की मांग की है। 

याचिकाकर्ता का कहना है कि अभी कोरोना का संक्रमण ख़त्म नहीं हुआ है। स्कूल में शारीरिक दुरी का पालन कराना असंभव है। बच्चों के एक दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है। 

15 फरवरी से खुल रहे स्कूल - राज्य सरकार ने पिछले 11 माह से बंद स्कूल को 15 फरवरी से हाई एवं हायर सेकेंडरी को खोलने आदेश जारी किये है। अब बच्चे स्कूल आने भी लग गए है। स्कूल खुलते ही पालक संगठन विरोध पर आ गया है और हाईकोर्ट के माध्यम से उक्त आदेश को तत्काल रोक लगाने अपील भी कर दिए है। हालाँकि सरकार द्वारा जारी आदेश अनुसार कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। 

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