छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व विधायकों के पेंशन में किया भारी बढ़ोतरी , कर्मचारी अधिकारी को 62 वर्ष की आयु तक नौकरी करने पर भी पेंशन नहीं Lagislators Pension Increased Drastically, Pension To Employees Is Not Destined
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मिली जानकारी के अनुसार पूर्व विधायकों की पेंशन और कुटुंब पेंशन में लगभग दोगुनी वृद्धि कर दी है। पूर्व विधायकों को पेंशन के 20 हजार रूपये के बदले 35 हजार वही 10 हजार कुटुंब पेंशन के बदले 25 हजार रूपये मिलेगी। इस आशय के सन्दर्भ में सुचना राजपत्र में भी प्रकाशित हो गया है। साथ ही मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रमुख बैंकों को जिला कोषालय द्वारा पत्र जारी किया जा चूका है।
पूर्व विधायक संगठन के महासचिव राजकमल सिंघानिया ने कहा कि सालों से पूर्व विधायक अपनी पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गंभीरता पूर्वक विचार कर अपनी सहमति प्रदान कर दी। और इसे प्रभावी ढंग से आगे भी बढ़ा दिया। इस प्रस्ताव पर पिछले वर्ष ही विधानसभा सत्र में मुहर लग गई थी लेकिन कोरोना के वजह से कार्यवाही लंबित थी।
लगभग साल भर इंतजार करने के बाद और कागजी कार्यवाही पूर्ण होने के बाद इसे लागू भी कर दिया गया है। इस फैसला से लगभग 270 पूर्व विधायकों को इसका लाभ मिलेगा। इस आशय का पत्र छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय से भेजा गया था , जिसके बाद वरिष्ठ कोषालय अधिकारी ने सभी बैंकों, महालेखाकार, संचालक लेखा एवं पेंशन इंद्रावती भवन और संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन को लिखित में सूचित कर दिए है।
सितम्बर 2020 से मिलेगी राशि - जारी पत्र अनुसार पूर्व विधायकों को पेंशन की राशि 20 हजार के बदले 35 हजार रूपये वही कुटुंब पेंशन की राशि 10 हजार के बदले 25 हजार दिया जायेगा। और यह भी आदेश दिया गया है की उक्त बढ़ा हुआ राशि सितम्बर 2020 से दिया जायेगा।
पुरानी पेंशन की बहाली हेतु मांग जोरों पर - 2004 को नियुक्त हुए सभी विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी विभिन्न संगठनों के तहत लम्बे समय से पुरानी पेंशन की बहाली हेतु मांग कर रहे है। उक्त मांगों के सन्दर्भ में लेकिन किसी भी प्रकार से केंद्र एवं राज्य सरकार की तरफ से प्रति क्रिया नहीं आया है।
कर्मचारी संगठन करेंगे आवाज बुलंद- आने वाले समय में प्रदेश के कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली, पदोन्नति, क्रमोन्नति एवं वेतन विसंगति जैसे गंभीर एवं अति आवश्यक मुद्दों पर अपना आवाज बुलंद अवश्य करेंगे। सभी कर्मचारी संगठनों का मानना है की जब किसी भी जनप्रतिनिधि / विधायकों को कुछ समय के लिए पद प्राप्त होता है तो उन्हें जीवन पर्यन्त पेंशन मिलती है लेकिन कर्मचारी , अधिकारी अपनी पूरी जवानी सेवा करने में लगाने के बाद भी उन्हें बुढ़ापे में पेंशन नसीब क्यों नहीं।
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