मशरूम की खेती से लाखों कमाएं , जानिए कैसे कर सकते है घर में मशरूम की खेती Mashrum Ki Kheti Kaise Karen

घर बैठे मशरूम उत्पादन की पूरी जानकारी , जानिए कब और कैसे कर सकते है खेती Mashrum Utpadan Vidhi 


Mashrum Ki Kheti Kaise Karen , Mashrum Utpadan Vidhi, Aayastar Mashrum , Batan Mashrum , Milki Mashrum आयस्टर मशरूम, बटन मशरूम , दूधिया / मिल्की मशरूम 

मशरूम की खेती - हेलो दोस्तों आज हम आप लोगो के लिए बहुत ही उपयोगी जानकारी लेकर आये है जिसके सहायता से आप अपने आमदनी को चार गुना तक बढ़ा सकते है। यदि आप किसान है या पढ़े लिखे बेरोजगार है तो अपने घर के एक छोटे से रूम से मशरूम उत्पादन कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकते है। आज हम अपने इस वेबसाइट a2zkhabri.com पर मशरूम उत्पादन की बहुत ही सरल विधि बता रहे है जिसकी मदद से आप भी आसानी से मशरूम की खेती कर पाएंगे। 


पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में मशरूम की मांग तेजी से बढ़ी है, जिस हिसाब से बाजार में मशरूम की मांग है उस हिसाब से अभी इसका उत्पादन नहीं हो रहा है। ऐसे स्थिति में किसान या कोई भी व्यक्ति मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। 

मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दे रहे कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी एवं मशरूम विशेषज्ञ ने बताया की पुरे साल तीन तरह के मशरूमों की खेती की जा सकती। ऑयस्टर मशरूम (ढिंगरी मशरूम) को सितम्बर से  नवम्बर तक तथा बटन मशरूम को फरवरी से मार्च तक इसी प्रकार दूधिया मशरूम (मिल्की मशरूम) को जून - जुलाई इस प्रकार से पुरे साल भर खेती कर सकते है। 


मशरूम के प्रकार एवं खेती करने की विधि - मशरूम प्रमुख रूप से तीन प्रकार का होता है - 
       1. ऑयस्टर मशरूम ( ढिंगरी मशरूम )
       2. बटन मशरूम 
       3. दूधिया ( मिल्की ) मशरूम 

 1. ऑयस्टर मशरूम ( ढिंगरी मशरूम ) उगाने की पूरी जानकारी - आयस्टर मशरूम की खेती बड़ी आसानी से की जा सकती है। आयस्टर मशरूम में सबसे जयादा औषधीय गुण भी पाया जाता है। बड़े - बड़े महानगरों जैसे मुंबई, दिल्ली,कोलकाता चेन्नई में बहुत प्रसिद्द एवं मांग है। तमिलनाडु , उड़ीसा, कर्नाटक में तो आज कल घर - घर उगाने लगे है। मध्य प्रदेश,महाराष्ट्र,छतीसगढ़,पश्चिम बंगाल, केरल ,राजस्थान एवं गुजरात में धीरे - धीरे इसकी खेती में दिन प्रतिदिन वृद्धि देखने को मिल रही है। 


ऑयस्टर मशरूम की खेती हेतु आवश्यक सामग्री - 
       मशरूम के स्पॉन (बीज ) एक किलो 
       भूसा ( दस किलो )
       पाली बैग 
       कार्बेंडाजिम 
        फार्मेलिन 
नोट-  एक किलो बीज के लिए 10 किलो भूसे की आवश्यकता होती है। उक्त सभी सामग्री को शहरों /बड़े दुकानों से खरीद ले।

मशरूम उत्पादन की विधि - 100 लीटर पानी में 10 किलो ग्राम भूसे को भीगा दे और पानी में 150 मि.ली. फार्मेलिन एवं 7 ग्राम कार्बेडाजिन को अच्छे से मिला दे। इससे भूसे का शोधन होगा। भूसा के भीगने के बाद हलकी धुप में 12 घंटे तक भूसे को सूखा दे जिससे उसमे से अतिरिक्त पानी बाहर हो जाये। भूसा को सुखाने के लिए किसी जालीदार बैग अथवा खटिया में सूखा सकते है।  


अब एक किलो भूसे को पॉलीथिन/पाली बैग में तीन लेयर के साथ भरना है और हर लेयर पर स्पान /बीज को किनारे - किनारे पर रखते जाना है। अब भरे हुए बैग को अंधरे कमरे में रख देना है जिसमे सीधे सूर्य का प्रकश न पड़े। अब 15 दिनों के बाद पाली बैग के चारो और ऑयस्टर मशरूम निकलने लगेंगे। जिसे आप सीधे मार्केट में लेजाकर अच्छे दाम में बेच सकते है। ऑयस्टर मशरूम को सुखाकर भी बेचा जा सकता है। 

2. बटन मशरूम की खेती - बटन मशरूम प्रमुख रूप से निम्न तापमान वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है, लेकिन अब ग्रीन हाउस तकनीक के चलते हर क्षेत्र में उगाया जाने लगा है। सरकार द्वारा बटन मशरूम के उत्पादन हेतु भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बटन मशरूम को प्रत्येक वर्ग मीटर 20 किलो तक उत्पादन किया जा सकता है। 

आवश्यक सामग्री - 
       कम्पोस्ट खाद 
       बटन मशरूम के स्पान या बीज 

नोट- बीज को खरीदते समय बड़ी सावधानी रखनी चाहिए ,बीज एक माह से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। इसलिए किसी भरोसेमंद दुकानदार से स्पान को खरीदना चाहिए। 

बटन मशरूम उत्पादन विधि - कम्पोस्ट खाद को पेटी,बैग में भर ले अथवा जमीन या मचान में फैला ले। अब कम्पोस्ट खाद के वजन के 2 से 2.5 प्रतिशत वजन तक के बीच को बिखेर देना है। पेटी या पालीथीन में सबसे पहले तीन इंच मोटी कम्पोस्ट खाद को बिछा ले उसके बाद वजन के आधी मात्रा बीज को फैला दे उसके बाद उसमे  3 से.मी. मोटी खाद को फिर से डाल दे। फिर बाकी बचे बीज को भी ऊपर में डालकर पतली खाद की परत चढ़ा दे।

अब कमरे को पर्याप्त नमी बनाये रखे। बाहरी हवा, धुप बिलकुल भी रूम में नहीं जानी चाहिए आप चाहे तो दीवाल एवं फर्श पर पानी डालते रहे जिससे नमी बनी रहे। 15 से 20 दिनों बाद बटन मशरूम कम्पोस्ट खाद के ऊपर आ जायेंगे जिन्हे सावधानी पूर्वक तोड़कर (चाकू से अथवा घुमाकर) बाजार ले जाकर आर्थिक इनकम प्राप्त कर सकते है। 

  3. दूधिया ( मिल्की ) मशरूम उगाने की विधि - मिल्की मशरूम को गर्मी के दिनों में भी आसानी से उगाया जा सकता है। दूधिया मशरूम प्रोटीन युक्त तथा कम कैलोरी प्रदान करने वाला खाद्य पदार्थ है। इस मशरूम में पाए जाने वाला पोषक तत्व विकास के लिए बहुत ही आवश्यक होती है। 

आवश्यक सामग्री - 
       कृषि फसलों के अवशेष ( भूसा, पुआल, गन्ना के सूखे पत्ते ) 
       दूधिया मशरूम के बीज (स्पान )

विधि - सबसे पहले भूसे या पुआल को अच्छे से भीगा (12 से 16 घंटा ) ले उसके बाद उसे 30 से 40 मिनट तक गर्म पानी (80 से 90 डिग्री सेल्सियस ) में डालकर रखें। 

अब भूसे को फर्स में डालने से पहले फर्स में फार्मेलिन का थोड़ी मात्रा में छिड़काव कर दे। अब भूसे को छिद्रयुक्त पॉलीबैग में परत दर परत भरे और हर परत में लगभग भूसे के वजन के 4 से 5 प्रतिशत तक बीज को किनारे / किनारे रखते जाएँ। 

अब बैग को अँधेरे कमरे में 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान वाले कमरे में रखें और 80 से 90 प्रतिशत तक नमी बनाये रखें। 2 से 3 सप्ताह बाद अब मशरूम बढ़ने लगेगा। 4 से 5 से.मी. के ब्यास के मशरूम हो जाये तो उसे सावधानी पूर्वक तोड़ ले। 

Post a Comment

0 Comments