Brain Tumor Se Bachav , Brain Tumor Ke Lakshan , Kya Hai Brain Tumor , Brain Tumor Ke Prakar , Brain Tumor Ka Upchar ब्रेन ट्यूमर से बचाव, ब्रेन ट्यूमर के लक्षण, क्या है ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ब्रेन ट्यूमर का उपचार
मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बढ़ रहे ब्रेन ट्यूमर मरीज - एक तरफ मोबाइल फोन ने लोगो की जिंदगी आसान कर दी है तो दूसरी ओर इसके दुष्परिणाम भी है। इस दुष्परिणाम में प्रमुख रूप से ब्रेन ट्यूमर शामिल है। वर्तमान में प्रदेश सहित देश विदेश में ब्रेन ट्यूमर मरीजों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रही है। इतनी ज्यादा संख्या में मरीजों के मिलने के प्रमुख कारण मोबाइल फ़ोन का जरुरत से ज्यादा उपयोग करना है।
क्या है ब्रेन ट्यूमर - शरीर में कोशिकाओं का बनना एवं नष्ट होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है ,लेकिन जब मष्तिष्क में यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है तब यह गांठ बन जाता है जिसे ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। एक समय के बाद इसे ब्रेन कैंसर के रूप में पहचाना जाता है। ब्रेन ट्यूमर का खतरा 3 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक के बच्चों को अधिक होता है। इसके अतिरिक्त 50 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में भी होने की सम्भावना अधिक होती है। यह बीमारी महिला एवं पुरुषों दोनों में सामान रूप से होता है।
इसके अलावा फसलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए खेतों में रसायन का अधिक उपयोग भी इसका प्रमुख कारण बन रहा है। साथ ही यदि किसी के परिवार में कभी किसी सदस्य को पूर्व में ब्रेन ट्यूमर हुआ हो तो भी उसके परिवार के किसी सदस्य को ब्रेन ट्यूमर हो सकता है। एक प्रकार से यह एक अनुवांशिकी बीमारी भी है।
बच्चो एवं बुजुर्गो को ज्यादा खतरा - डॉक्टरों के अनुसार मोबाइल फ़ोन से निकलने वाला रेडिएशन से बच्चों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है। आज कल बच्चे पढाई से लेकर अन्य कार्य मोबाइल से करते है यही कारण है की जरुरत से ज्यादा मोबाइल फ़ोन के स्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर का खतरा हमेशा बना रहता है। वर्तमान शोध से पता चला है कि मोबाइल फ़ोन का स्तेमाल करने वाले व्यक्ति की तुलना में मोबाइल फ़ोन का उपयोग नहीं करने वाले व्यक्ति में ब्रेन ट्यूमर का खतरा कम होता है।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार - ब्रेन ट्यूमर वैसे प्रमुख रूप से दो प्रकार का होता है -
1. बिना कैंसर युक्त ब्रेन ट्यूमर (Non Cancerous Brain Tumor)
2. केंसर युक्त ब्रेन ट्यूमर (Cancerous Brain Tumor)
1. बिना कैंसर युक्त ब्रेन ट्यूमर (Non Cancerous Brain Tumor) - यह ट्यूमर धीरे - धीरे बढ़ता है और इलाज के बाद इसके दुबारा होने की सम्भावना नहीं होती।
2. केंसर युक्त ब्रेन ट्यूमर (Cancerous Brain Tumor) - यह मष्तिष्क में प्राथमिक रूप से शुरू होकर धीरे- धीरे पुरे मष्तिष्क के अन्य भागों में फैलने लगता है। इस के उपचार के बाद भी दोबारा लौटने की सम्भावना बनी रहती है। समय पर इलाज न हो तो मरीज की मृत्यु हो जाती है।
1. सुबह उठने के साथ ही सर दर्द होना।
2. अचानक उल्टी जैसा महसूस होना।
3. व्यक्ति के व्यवहार में अचानक परिवर्तन आना।
4. छोटी - छोटी बातों में चिड़चिड़ाना।
5. आंखों की रोशनी कम होना धुंधला दिखाई पड़ना।
6. बोलते - बोलते मुंह से आवाज आवाज न निकलना।
7. मानशिक क्षमता में बदलाव आना।
8. शरीर के किसी एक हिस्से का कमजोर होना।
9. दौरे पड़ना कम सुनाई देना।
10. रोजाना के कार्यो में दिक्कत आना।
11. ट्यूमर के स्थान पर दर्द होना।
12. निगलने में कठिनाई होना शरीर के मांशपेशियों में कमजोरी आना।
ब्रेन ट्यूमर से बचाव -
1. मोबाइल फोन का सिमित उपयोग करें।
2. मोबाइल फ़ोन के स्क्रीन से दुरी बनाकर रखें।
3. पर्याप्त नींद ले 6 से 8 घंटा।
4. रेडिएशन क्षेत्र से दुरी बनाये रखें।
5. रसायनिक सब्जी एवं अनाज से बचे।
6. सुबह सर दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
7. बच्चों को मोबाइल फ़ोन से दूर रखें।
8. नियमित कसरत,योगा ,प्रातः भ्रमण करें।
ब्रेन ट्यूमर का उपचार - ब्रेन ट्यूमर का उपचार निम्न बातो पर निर्भर करता है-
- ट्यूमर के प्रकार।
- मष्तिष्क में ट्यूमर की स्थिति।
- ट्यूमर का आकर।
- ट्यूमर का फैलाव।
- व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं फिटनेस
- कोशिकाओं की स्थिति।
उपचार-
सर्जरी - यदि ब्रेन ट्यूमर किसी ऐसे स्थान पर हो जहा सर्जरी करना संभव हो तो डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से अधिक से अधिक ट्यूमर को बाहर निकालने का प्रयास करते है।
विकिरण उपचार- विकिरण चिकित्सा में उच्च ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। जैसे ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए।
कीमोथेरेपी- ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। कीमोथेरेपी के दवाओं को गोली के रूप में या इंजेक्शन के माध्यम से रक्त कोशिकाओं में लिया जाता है। \
दर्द कम करने वाला उपचार- दर्द कम करने वाला उपचार, रोग के लक्षणों को कम करने किया जाता है।
अन्य दवाये-मष्तिष्क में सूजन कम करने के लिए कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स नामक दवा का उपयोग किया जाता है। तथा दौरे पड़ने की स्थिति में एंटीसीजर का उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष - आप सब से यही निवेदन है की मोबाइल फोन का सिमित उपयोग करें,खासकर बच्चों को मोबाइल से दूर रखें। और यदि आपको ब्रेन ट्यूमर से सम्बंधित ऊपर दिए लक्षण में से किसी भी प्रकार का कोई भी एक लक्षण हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। सही समय पर इलाज मिले तो निदान संभव है।
नोट- बगैर डॉक्टर से सलाह लिए किसी भी प्रकार की दवाई का सेवन स्वयं न करें।
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