100 शिक्षकों को निगल चूका कोरोना , विभाग मौन , नहीं हुआ बीमा 100 Teachers Die From Corona

कोरोना से अब तक 100 शिक्षकों की मौत , विभाग मौन , जिम्मेदार कौन....? 100 Teachers Die From Corona 

a2zkhabri.com बिलासपुर - कोरोना महामारी ने कोविड - 19 ड्यूटी के दौरान शिक्षकों को भी बड़ी संख्या में अपने चपेट में लेते जा रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक कोरोना से 100 शिक्षकों की मौत होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। लेकिन शासन प्रसाशन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया है। शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से 50 लाख की बीमा भुगतान और और तृतीय श्रेणी में अनुकम्पा नियुक्ति की मांग की है। 

शिक्षक संगठनों ने सरकार से नारजगजी जताते हुए कहा है कि सरकार ने अभी तक शिक्षकों को प्रथम पंक्ति का कोरोना वारियर्स का दर्जा भी नहीं दिया है। जबकि पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से शिक्षक कोरोना से सम्बंधित विभिन्न जोखिम वाला ड्यूटी बड़ी ईमानदारी से करते आ रहे है। ड्यूटी के दौरान बहुत से शिक्षक संक्रमित होकर अपनी जान गावं बैठे। उनका परिवार सड़क पर आ गया लेकिन शासन प्रशासन कोई सुध लेने वाला नहीं है।

 शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि विडम्बना है कि कोविड - 19 ड्यूटी के दौरान प्रदेश भर में शिक्षकों के मृत्यु का आकड़ा 100 पार कर चूका है , लेकिन सरकार अभी तक शिक्षक एवं उनके परिवार की ऑर ध्यान नहीं दे रही है जो दुर्भाग्य पूर्ण है। विषम परिस्थितियों में ड्यूटी करने के बाद भी उनका मनोबल नहीं गिरा है। सरकार को जब - जब आवश्यकता होती है ,शिक्षक सबसे पहले खड़े होकर अपने कर्तब्यों का कुशल निर्वहन करते है। 

अस्पताल , श्मशान घाट , वैक्सीनेशन, सैम्पल लेने , रेलवे स्टेशन और बस स्टेण्ड , चेक पोस्ट , कांट्रेक्ट ट्रेसिंग में ड्यूटी,कोविड सेंटर , क्वारंटाइन सेंटर समेत श्रमिकों की वापसी के दौरान घर पहुंचाने की ड्यूटी भी कर रहे है। फिर भी सरकार 50 लाख का बीमा कवर देने के साथ - साथ अनुकम्पा नियुक्ति को भी पेचीदा एवं लंबित बनाकर रखा है। जिसके कारण शिक्षकों में भारी नाराजगी है। 

आकड़ा जुटाने निर्देश जारी - लगातर विरोध होने पर विभाग ने अब एक आदेश जारी कर कोरोना से मरने वाले शिक्षकों की जानकारी एकत्रित करने और अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित मामले की जानकारी मांगी है। लेकिन ये जानकारी एकत्रित करना भर काफी नहीं नहीं। शिक्षकों को बीमा कवर की 50 लाख राशि और तत्काल तृतीय श्रेणी में आश्रित परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करनी चाहिए। 

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