a2zkhabri.com न्यूज़ - कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले महंगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा की गणना हेतु 25 जुलाई से 29 जुलाई तक निश्चित कालीन 5 दिवसीय आंदोलन की गई थी। उक्त 5 दिवसीय आंदोलन की सैलरी को विकास खंड शिक्षा अधिकारी मुंगेली के द्वारा काट दी गई है। जबकि आंदोलन समाप्ति के बाद फेडरेशन के प्रतिनिधियों की मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमल प्रीत सर , डी.डी. सिंह एवं संयुक्त सचिव संजय अग्रवाल से चर्चा में सहमति बनी थी कि , आंदोलन अवधि की सैलरी नहीं काटी जाएगी। 5 दिनों के आंदोलन को अवकाश में बदलकर पूरा वेतन भुगतान की जाएगी। वही प्रदेश के चार लाख से भी अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने 5 दिनों का बाकायदा अवकाश लेकर आंदोलन किए थे।
05 दिनों की सैलरी काटकर की गई जमा - विकास खंड शिक्षा अधिकारी मुंगेली के द्वारा आंदोलन अवधि के 5 दिनों की सैलरी को काटकर सिर्फ 26 दिनों की सैलरी को कर्मचारियों के खाता में जमा कर दी गई है। जबकि मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवों से अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रतिनिधियों से चर्चा उपरांत वेतन नहीं काटने पर सहमति बनी थी। वही अभी तक अन्य जिलों या ब्लाकों में 5 दिनों के वेतन काटने की जानकारी सामने नहीं आई है। उच्च अधिकारियों से सहमति के बावजूद मुंगेली विकास खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा कर्मचारियों का सैलरी को काटना समझ से परे है। जबकि मुंगेली जिला के अंतर्गत ही लोरमी और पथरिया विकासखंड के शिक्षकों के सैलरी में कोई कटौती नहीं की गई है।
महंगाई भत्ता और सातवें वेतन के अनुरूप गृहभाड़ा की गणना हेतु हुई थी आंदोलन - ज्ञात हो की प्रदेश के लगभग 4 लाख से भी अधिक कर्मचारियों एवं अधिकारियों के द्वारा लंबित महंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा की गणना के मांग को लेकर चरण बद्ध आंदोलन किया जा रहा है। आंदोलन के तीसरे चरण के तहत 25 से 29 जुलाई तक निश्चितकालीन आंदोलन की गई थी। उक्त आंदोलन में प्रदेश के 80 विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी सम्मिलित हुए थे। आंदोलन समाप्ति के तत्काल बाद सामान्य प्रशासन विभाग से एक आदेश जारी हुई थी जिसमे नियमानुसार कार्यवाही एवं वेतन करौती की बात लिखी गई थी। हालाँकि मंत्रालय में फेडरेशन के प्रतिनिधियों के चर्चा उपरांत उक्त आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मांग पूरा नहीं होने पर जायेंगे अनिश्चितकालीन आंदोलन में - कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आंदोलन के चौथे चरण के अनुसार लंबित महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृहभाड़ा नहीं मिलने से 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाना तय है। वही सचिवों ने कर्मचारियों के मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुँचाने का भरोषा दिलाया है। हालाँकि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों महंगाई भत्ता के मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा द्वार खुले रहने का जिक्र किया था। वही वेतन कटौती के आदेश की कमल वर्मा ने कड़े शब्दों में विरोध जताया। सचिवों ने आश्वस्त किया की हड़ताल अवधि को अवकाश में मर्ज कर पूरी सैलरी की भुगतान की जाएगी।
सरकार के तरफ से अब तक पहल नहीं , 22 से हड़ताल होना तय - आंदोलन समाप्ति के बाद अभी तक कर्मचारियों के लंबित महंगाई भत्ता के सम्बन्ध में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। हालाँकि सूत्रों के आधार पर कर्मचारियों भत्ता में जल्द वृद्धि होने की खबर मिली थी। लेकिन आंदोलन समाप्त हुए एक सप्ताह से भी अधिक का समय हो गया सरकार कोई चर्चा हेतु बुलावा या महंगाई भत्ता की घोषणा नहीं हुई है। हालाँकि अभी भी राज्य के कर्मचारियों को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद है। मांग पूरा नहीं होने पर पुरे प्रदेश के कर्मचारियों के द्वारा 22 अगस्त से हड़ताल पर जाना तय है। हड़ताल से पुरे प्रदेश के शासकीय कार्यालयों , दफ्तरों एवं स्कूलों एवं कालेजों में तालाबंदी होना तय है।
0 Comments