समग्र शिक्षा के आदेश से हलाकान शिक्षक और प्रधान पाठक , गांव के चौराहे में गणित मेला लगाने निर्देश School Closed But Teachers Will Organize Maths Fair , Order Issued
a2zkhabri.com बिलासपुर - स्कूल समग्र शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश से शिक्षक सहित प्रधान पाठक हलाकान हो गए है। राज्य सरकार ने राज्य में पड़ रहे भयंकर गर्मी के कारण समय से पहले ही स्कूलों की ग्रीष्मकालीन अवकाश जारी कर दी है। दूसरे तरफ शिक्षा विभाग के उटपटांग आदेश से शिक्षक और प्रधान पाठक खासे परेशान है। भीषण गर्मी के कारण बच्चों की समय से पहले ही छुट्टी कर दी गई है , वहीँ एसी में बैठे अधिकारी तरह - तरह के आदेश निकालकर प्रधान पाठक और शिक्षक को परेशान कर रहे है। भीषण गर्मी और 45 डिग्री तापमान में गांव के चौराहे में गणित मेला लगाने का निर्देश जारी किया गया है। एक तरफ बच्चों की छुट्टी कर दी गई है दूसरी तरफ इस तरह के आदेश समझ से परे है।
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एंडलाइन आकलन के बाद दस्तावेज संधारण में जुटे शिक्षक - कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का 25 अप्रैल को ही एंडलाइन आकलन परीक्षा समाप्त हुई है। वही सभी शिक्षक बच्चों की अंकसूची , पूर्णता प्रमाण पत्र , परीक्षाफल पंजी , स्थानांतरण प्रमाण पत्र सहित विभिन्न दस्तावेजों का संधारण कर रहे है। वही बच्चों की ग्रीष्मकालीन अवकाश भी हो गई है। वही समग्र शिक्षा विभाग के द्वारा प्रत्येक गांव के चौराहे में पठन उत्सव, सामाजिक अंकेक्षण सह गणित मेला लगाने का निर्देश प्राप्त हुआ है। साथ उक्त मेले की जानकारी को ऑनलाइन दर्ज करने भी निर्देश मिला है।
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शिक्षा विभाग के कई आदेश से शिक्षक और प्रधान पाठक असमंजस में - शिक्षा विभाग अब शिक्षा विभाग न होकर प्रयोगशाला विभाग बन गया है। जहाँ हर माह पढ़ाई के नाम पर तरह - तरह के प्रयोग होते रहता है। 15 दिवस पहले शिक्षा विभाग का आदेश भी चर्चा में आया था जब 15 अप्रैल से बच्चों का स्कूल आना स्वैच्छिक कर दिया गया था.वही 16 अप्रैल से एंडलाइन आकलन परीक्षा थी। एक तरफ बच्चों के स्कूल न आ की छूट थी तो दूसरे तरफ अधिकारी सभी बच्चों को परीक्षा में बैठाने का दबाव बना रहे थे। समय - समय में इस प्रकार के कई आदेश जारी होते रहता है जिससे शिक्षक और प्रधान खासे परेशान हो जाते है।
उपस्थिति अनिवार्य नहीं ,, तो कैसे होगा पठन उत्सव और गणित मेला - गणित मेला के सन्दर्भ में अधिकारी से चर्चा की गई कि तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि मेला में बच्चों की उपस्थिति जरुरी नहीं है। अब जब बच्चे ही उपस्थित नहीं होंगे तो पठन मेला और गणित उत्सव कैसे होगा। 45 डिग्री की भयंकर तापमान में बच्चों को भरे दोपहर में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन कराना कही से भी उचित नहीं है। राज्य में फिलहाल भयंकर गर्मी के साथ - साथ लू भी चल रही है। बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका काफी प्रभाव पड़ता है। सुबह 9 से 10 बजे से ही लोग घर से बाहर निकलने में कतराने लगे है।
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स्कूल अब स्कूल नहीं ,, बन गया प्रयोगशाला - स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा हर माह तरह तरह के आदेश जारी करते है। एक योजना ठीक से लागु भी नहीं हो पता दूसरी योजना आ जाती है। इस तरह से प्रयोग पिछले कई सालों से स्कूलों में जारी है। वही शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को एक ही कक्षा में दोबारा रोका नहीं जा सकता। बच्चे स्कूल आये या न आये परीक्षा में बैठे या न बैठे लेकिन बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट करना अनिवार्य है। बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए तरह - तरह के प्रयोग से बचना चाहिए।
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अधिकारी लोग को शर्म आनी चाहिए
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