पदोन्नति से आज स्टे हटने की पूरी संभावना , बिलासपुर हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई Promotion Update - Stay Will Be Removed Today , Promotion Will Be Done Immediately
a2zkhabri.com बिलासपुर - प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत जारी पदोन्नति प्रक्रिया से आज स्टे हटने की पूरी उम्मीद है। आज बिलासपुर हाईकोर्ट में इस सम्बन्ध में दूसरी बार सुनवाई होगी। ज्ञात हो कि प्रदेश में जारी पदोन्नति प्रक्रिया में एकरूपता नहीं होने के कारण कई शिक्षकों के याचिका पर माननीय बिलासपुर हाईकोर्ट ने पदोन्नति प्रक्रिया में स्टे दिया है। इस सम्बन्ध में आज दूसरी सुनवाई है। मिली जानकारी अनुसार आज हाईकोर्ट से स्टे हट जाएगी स्टे हटते ही पदोन्नति प्रक्रिया तत्काल पूरा किया जाएगा।
ब्रेकिंग - 27583 पदों में होगी पदोन्नति , देखें जिलावार पद विवरण।
नियमों में असमानता , हाईकोर्ट ने दिया स्टे- प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत जारी पदोन्नति प्रक्रिया में राज्य के कई जिलों में अलग - अलग नियमों से वरिष्ठता सूचि का संधारण किया जा रहा था। कही ट्रांसफर वालों को प्रथम नियुक्ति तिथि का लाभ तो कही ट्रांसफर वालों का ट्रांसफर तिथि से सेवा गणना किया जा रहा था , वैसे ही कही अप्रैल 2021 की स्थिति में वरिष्ठता सूचि बनाया जा रहा था तो कही 01 जनवरी 2022 की स्थिति में कुल मिलाकर प्रदेश में पदोन्नति प्रक्रिया में एकरूपता का नहीं होना पदोन्नति में बाधक बना।
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30 हजार शिक्षकों की होगी पदोन्नति - स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत जारी पदोन्नति प्रक्रिया में करीब 30 हजार शिक्षकों की पदोन्नति होगी। जारी रिक्तियों के आधार पर सहायक शिक्षक की मिडिल स्कूल शिक्षक और प्राथमिक प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति होगी वही शिक्षक की मिडिल प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति होगी। छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी निर्देशानुसार 31 जनवरी तक पदोन्नति प्रक्रिया हो जाना चाहिए था। वरिष्ठता निर्धारण में एकरूपता नहीं होने और विवाद होने के कारण पदोन्नति प्रक्रिया लम्बी और स्टे की नौबत भी आ गई। वही आज इस पर अंतिम फैसला आने की पूरी संभावना है।
ब्रेकिंग- सहायक शिक्षक से प्राथमिक प्रधान पाठक के पदो में पदोन्नति हेतु अंतिम सूचि जारी।
स्थानांतरित शिक्षकों के वरिष्ठता निर्धारण में विवाद - प्रदेश में स्थानांतरित शिक्षकों के वरिष्ठता निर्धारण में उत्पन्न विवाद की स्थिति ही पदोन्नति प्रक्रिया को लेट कराया है , क्योंकि कई जिलों में स्थानांतरित शिक्षकों को वरिष्ठता का का लाभ दिया जा रहा था तो कही नहीं ,, और दुर्ग संभाग में तो स्थानांतरण के कारण पदोन्नति सूचि को ही निरस्त करनी पड़ गई। वही स्थानांतरित शिक्षक हाईकोर्ट में याचिका भी दायर किये है हालाँकि इस मुद्दे पर स्थायी स्टे की संभावना नहीं है।
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