छ.ग.में भी पुरानी पेंशन बहाली के मिले संकेत ,, 2.95 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा,, Old Pension Will Be Applicable In Chhattisgarh Too , 2.95 Lakh Employees Will Benifit

छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी , अधिकारी को पुरानी पेंशन की मिलेगी सौगात ,, इसी बजट सत्र में घोषणा होने  उम्मीद Old Pension Will Be Applicable In Chhattisgarh Too , 2.95 Lakh Employees Will Benifit 

a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन को लागू कर सकती है। पुरानी पेंशन लागू होने से फिलहाल इस पर कोई वित्तीय भार नहीं आने का दावा कर्मचारी संगठन कर रहा है। राजस्थान के बाद  छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य झारखण्ड में भी पुरानी पेंशन बहाल करने का ऐलान हो गया है। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों की भी उम्मीदें बढ़ गई है। माना जा रहा है कि राज्य की भूपेश सरकार द्वारा सात मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र में इसकी घोषणा हो जाएगी। वही भूपेश बघेल ने इसके लिए वित्तीय स्थिति की अध्ययन करने की बात कही है। 

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फिलहाल 300 करोड़ से अधिक रूपये प्रति माह बचेंगे - कर्मचारी नेताओं का दावा है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने से सरकार का फिलहाल हर महीने 300 करोड़ से भी अधिक रूपये की बचत होगी। यह राशि प्रति माह अंशदान के रूप में जमा करती है। पुरानी पेंशन में सरकार को अंशदान जमा नहीं करना पड़ेगा। कर्मचारी संगठन  नेताओं के गणना अनुसार फिलहाल राज्य सरकार अंशदान के रूप में प्रतिमाह 300 से भी अधिक करोड़ रूपये प्रतिमाह जमा कर रहा है। वही वित्तीय स्थिति की बात करें तो 2004 से सेवा में आए कर्मचारी 2030 - 35 में रिटायर होने लगेंगे। तब वित्तीय भार आना शुरू होगा। 

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2.95 लाख कर्मचारियों को होगा लाभ ,कर्मचारी संगठन हुए सक्रिय - पुरानी पेंशन योजना बंद होने के बाद से लगभग सभी कर्मचारी संगठन इसे पुनः बहाल करने की मांग करते आ रहे है। ताजा घटना क्रम के बाद कर्मचारी संगठनों ने मांग तेज कर दी है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा , तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा सहित कई कर्मचारी संगठन के नेताओं ने प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पुरानी पेंशन बहाल करने हेतु पत्र भेजा है। वही पुरानी पेंशन बहाल होते ही राज्य के करीब 2.95 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। 

दोनों पेंशन योजनाओं में यह है प्रमुख अन्तर 👇- 

पुरानी पेंशन योजना - कर्मचरियों के मूलवेतन और महंगाई भत्ता का 12 फीसदी रकम जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ ) में जमा किया जाता है। इसमें सरकार का कोई अंशदान नहीं जाता। इस राशि का उपयोग सरकार अपने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में लगाती है। जमा राशि पर 8 फीसदी वार्षिक ब्याज दिया जाता है। सेवा निवृत्ति पर अंतिम वेतन का 16.5 गुना तक ग्रेजुएटी दिया जाता है। इस राशि पर आयकर नहीं देना होता। साथ ही अंतिम वेतन का 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन सरकार देती है सेवाकाल में मृत्यु पर परिवार के आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति और पेंशन भी मिलती है। जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा भी है। 

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नई पेंशन योजना - इसमें कर्मचारियों के मूलवेतन एवं महंगाई भत्ते का 14 फीसदी राशि काटा जाता है। वही जितनी राशि कटती है उतनी ही राशि सरकार के तरफ से भी दी जाती है और एकमुश्त खाते में जमा किया जाता है। यह राशि नेशनल सिक्योरिटीज डिपाजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल ) के द्वारा बनाये गए ट्रस्ट के खाते में जाती है। यह शेयर मार्किट आधारित पेंशन है। इस योजना के तहत बहुत ही कम पेंशन मिलती है कभी - कभी पेंशन शून्य भी निर्धारण हो जाती है। इस पेंशन के तहत परिवार के आश्रित को कोई पेंशन नहीं मिलती। 

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4 Comments

  1. इससे वर्तमान में एक और लाभ शासन को होगा जो कर्मचारियो की नविन पेंशन योजना में समस्त जमा राशि(जो की प्रत्येक कर्मचारी लगभग 4लाख से 15 लाख के बीच है!) शासन के खाते में जमा हो जायेगी जिसका उपयोग शासन अपनी जन कल्याण करी योजनाओं में कर सकती है,वर्तमान में यह राशि केंद्र सरकारी के अंतर्गत संचालित नविन पेंशन योजना के खाते में है। जो की लगभग 15000 करोड़ के आस-पास होगी!

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  2. DA kab badhega sir
    Kab se to bas yahi news sunne ko mil rha hai ke rajy karmiyon ka bhadega karke lekin 2.6 saal ho gya abhi taka nahi badha

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