22842 करोड़ का बड़ा बैंक घोटाला - नीरव मोदी और विजय माल्या को भी पीछे छोड़ा Another Bank Scam , Nirav Modi Leaves Vijay Malya Behind

22842 करोड़ का देश में अब तक के सबसे बड़े बैंक घोटाला , नीरव मोदी, विजय माल्या से भी आगे निकले एबीजी शिपयार्ड Another Bank Scam , Nirav Modi Leaves Vijay Malya Behind 

a2zkhabri.com नई दिल्ली - देश में बड़े - बड़े बैंक घोटाला जारी है। नीरव मोदी , विजय के बाद एबीजी शिपयार्ड ने 22842 करोड़ का बैंक घोटाला किया है। बैंक घोटाले के मामले में एबीजी शिपयार्ड नीरव मोदी और विजय माल्या को भी पीछे छोड़ दिया है। देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जाँच व्यूरों (सीबीआई ) ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन व प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल और अन्य आरोपितों के ठिकानों पर छापे मारे। 

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एसबीआई के नेतृत्व वाले 28 बैंकों से लिया लोन - भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 28 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 22842 करोड़ रूपये की धोखधड़ी का आरोप है। अधिकारीयों ने बताया कि अग्रवाल के आलावा कंपनी के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संतनाथ मुथुस्वामी , निदेशक अश्वनी कुमार , सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया एवं एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को भी आरोपित बनाया गया है। कंपनी और उसके अधिकारीयों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आपराधिक साजिश धोखाधड़ी विश्वाश्घात और आधिकारिक पद के दुरूपयोग से सम्बंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया। 

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कंपनी ने लोन में मिली रकम को दूसरे मद में लगाया - सीबीआई ने कहा कि कंपनी ने लोन में मिली रकम का उपयोग बैंकों द्वारा जारी किए गए उद्देश्यों के आलावा दूसरे उद्देश्यों के लिए किया। एसबीआई की शिकायत के  अनुसार कंपनी पर बैंक का 2925 करोड़  आईसीआईसीआई बन का 7089 करोड़, आईडीबीआई बैंक का 3634 करोड़, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का 1614 करोड़ , पीएनबी का 1244 करोड़ और आइओबी का 1228 करोड़ का बकाया है। कंपनी के बैंक अकाउंट को 2016 में एपीए घोषित कर दिया गया था। 

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जहाज निर्माण और मरम्मत के काम से जुडी है एबीजी शिपयार्ड - एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड एबीजी समूह की प्रमुख कंपनी है जो जहाज निर्माण और मरम्मत में लगी है। शिपयार्ड गुजरात के दहेज़ और सूरत में स्थित है। सीबीआई के ओर से जारी किये गए बयान अनुसार सूरत, भरुच, मुंबई, पुणे समेत 13 जगहों पर छापेमारी की गई है। कंपनी और उसके तत्कालीन अधिकारीयों के परिसरों की शनिवार को तलाशी ली गई , जिसमे कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये गए है। 

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2019 में पहली बार दर्ज कराई गई थी शिकायत - एसबीआई के तरह से सबसे पहले 08 नवम्बर 2019 को शिकायत दर्ज कराई गई थी।  जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे। बैंक ने उसी साल अगस्त में नए सिरे से शिकायत दर्ज कराई थी। डेढ़ साल की जाँच पड़ताल के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। असर्ट एवं यंग द्वारा फारेंसिक ऑडिट से सामने आया कि आरोपितों ने 2012 से 2017 के बीच धन का दुरूपयोग करते हुए दूसरे मद में लगाया था। 

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