सहायक शिक्षकों का उमड़ा हुजूम, धरना स्थल पर पैर रखने की जगह नहीं , किस जेल में डालेंगे इतने शिक्षकों को CG Breaking News Assistant Teachers Jail Bharo Andolan Raipur
a2zkhabri.com रायपुर - वेतन विसंगति के मुद्दे पर जेल भरों आंदोलन शुरू हो गया है। धरना स्थल और सड़क पर सहायक शिक्षकों की खचाखच भीड़ है। सहायक शिक्षकों की संख्या इतनी ज्यादा है कि शासन प्रशासन के पास उन्हें जेल में डालने के लिए जगह की तलाश करनी पड़ रही है। प्रशासन द्वारा सप्रे शाला मैदान अथवा उसके सामने की सड़क को ही अस्थायी जेल बनाई जा सकती है। धरना प्रदर्शन के पांचवें दिन आज सहायक शिक्षकों की जेल भरों आंदोलन में भारी संख्या में सहायक शिक्षक राजधानी रायपुर पहुंचे जिससे शासन प्रशासन की एक बार फिर हाथ पाँव फूल गए।
बिग ब्रेकिंग- मिडिल स्कूल के शिक्षक भी सहायक शिक्षकों के सपोर्ट में अनिश्चित कालीन आंदोलन में कूदे।
इतनी भीड़ को रख सके ऐसी कोई जेल नहीं - सहायक शिक्षकों की भीड़ इतनी है की उन्हें किसी जेल में भी रखी न जा सके। सहायक शिक्षक 13 दिसम्बर के बाद आज 15 दिसम्बर को एक बार फिर जेल भरों आंदोलन के तहत 50 से 60 हजार सहायक शिक्षक एकत्रित हुए है। वही जेल भरों आंदोलन के तहत रैली निकाली जा चुकी है। रैली को एक बार फिर सप्रे शाला मैदान के पास भारी पुलिस बल तैनात कर रोक दी गई है। जेल भरों आंदोलन के तहत मिली जानकारी अनुसार सप्रे शाला मैदान को अस्थायी जेल बनाई जा सकती है।
ब्रेकिंग- सहायक शिक्षकों का निकला कारवां, लाखों शिक्षक पहुँच रहे राजधानी।
कार , बस , ट्रेन , ट्रक और मोटर सायकल से पहुंचे सहायक शिक्षक - जेल भरों आंदोलन के तहत करीब 60 हजार सहायक शिक्षक कार , बस, ट्रक, ट्रेन और मोटर सायकल से प्रदेश के कोने कोने से सहायक शिक्षक पहुंचे है। जनशताब्दी एक्सप्रेस के सभी डिब्बों में सहायक शिक्षक खचाखच भरे हुए थे। वही दूर दराज वाले सहायक शिक्षक 13 दिसम्बर से ही धरना प्रदर्शन स्थल पर ही डटे हुए है। अब प्रशासन के पास इतनी बड़ी संख्या को किस जेल में डालें इसका विकल्प ही नहीं है। सप्रे शाला मैदान को अस्थायी जेल बनाई जा सकती है।
ब्रेकिंग- संकुल समन्वयक भी मैदान में ,, प्रशिक्षण का किया बहिष्कार।
11 दिसम्बर से अनिश्चि कालीन आंदोलन जारी - प्रदेश में कर्मचारियों की सबसे चर्चित और प्रमुख मांगों में से एक सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति है। सरकार ने इस सम्बन्ध में तीन अधिकारीयों की अंतर्विभागीय कमिटी भी बनाई है , लेकिन गठित कमिटी ने समय पूरा होने के बावजूद अभी तक राज्य सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपा है। यही कारण है कि प्रदेश के एक लाख सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के मुद्दे पर अनिश्चित कालीन आंदोलन पर है। एक लाख से भी अधिक शिक्षकों के आंदोलन में शामिल होने के कारण प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी हो गई है।
ब्रेकिंग- हड़ताल के बीच पदोन्नति शुरू , निम्न दस्तावेज को जमा करने जारी हुआ निर्देश।
प्रदेश के स्कूल बंद ,, पढ़ाई लिखाई ठप्प - सहायक शिक्षकों सहित अब कई शिक्षक और व्याख्याता के आंदोलन होने से प्रदेश के स्कूलों में ताला लटक गए है। ताला लटकने से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो गई है। वही राज्य सरकार सहायक शिक्षकों को पिछले तीन साल से सिर्फ आश्वाशन देते है रही है कि हम वेतन विसंगति दूर करेंगे। प्रदेश में सरकार बदले तीन वर्ष हो गए है लेकिन अभी तक सहायक शिक्षकों को सिर्फ गुमराह की किया गया है। अब प्रदेश के एक लाख सहायक शिक्षकों का आक्रोश फुट पड़ा है और अनिश्चित कालीन आंदोलन का आगाज कर चुके है। सहायक शिक्षक इस बार आरपार की लड़ाई हेतु मैदान में उतर चुके है।
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