बच्चों को पढ़ाने के बजाय मोबाइल चालाने वाले शिक्षक को जारी हुआ नोटिस , सभी विभागीय कार्य भी होते है मोबाइल से , शिक्षक करे तो क्या करे Teacher Busy In Mobile Leaving Teaching Children , Notice Issued
a2zkhabri.com जांजगीर चाम्पा - जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों को पढ़ाने के बजाय स्कूलों में मोबाइल में व्यस्त रहने वाले शिक्षक ( एलबी संवर्ग ) को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने निर्देश दिया है। कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर चाम्पा द्वारा जारी आदेशानुसार शा. पूर्व माध्यमिक शाला अरसिया में पदस्थ शिक्षक श्री रामेश्वर प्रसाद तिवारी को स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बजाय मोबाइल चलाने के शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी किया है। नोटिस का संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने या जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की बात कही गई है।
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जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश देखें -
कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सख्ती जिला जांजगीर चाम्पा द्वारा जारी नोटिस अनुसार दिनांक 11.10.2021 को व्हाट्सप्प से शिकायत प्राप्त हुई है। जिसके अनुसार आप बच्चों को अध्यापन कराने के बजाय संस्था में मोबाइल में व्यस्त रहते है। जिससे बच्चों के शिक्षा गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है। आपका संस्था में बच्चो पर नियंत्रण नहीं है, आप शाला में समय पर उपस्थित नहीं होते , जिस कारण से बच्चों के द्वारा उपस्थिति ली जाती है।
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आपका उक्त कृत्य आपके पदीय दायित्यों के विपरीत एवं कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाती है। जो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 की धारा 1, 2 , 3 के विपरीत है। तत्संबंध में आप अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से 03 दिवस के भीतर अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। विलम्ब की स्थिति में आपके विरुद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जाएगी। जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
अधिकारी द्वारा जारी आदेश डाउनलोड करें -
कई विभागीय कार्य भी होते है मोबाइल से - शिक्षा विभाग के कई कार्य नियमित रूप से ऑनलाइन भी होते है। जिसे शिक्षक अपने मोबाइल से करते है। कोरोना संक्रमण के बाद जब से स्कूल खुले है तब से शिक्षक पढ़ाने में कम और ऑनलाइन एंट्री में ज्यादा ब्यस्त है। वही शिक्षा विभाग को भी इस और ध्यान देने चाहिए की शिक्षकों को पढ़ाने के आलावा दूसरा कार्य न दिया जाए। पिछले दो तीन माह में शिक्षक बेसलाइन आकलन, छात्रवृत्ति, मध्यान्ह भोजन , सायकल वितरण, राशन वितरण, गणवेश वितरण, स्थापना , यु- डाइस सहित और अनेकों कार्य ऑनलाइन करते आ रहे है।
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शिक्षकों का दायित्व बच्चो को शिक्षा देना, वही विभाग भी स्कूल को न बनाये प्रयोगशाला - शिक्षकों का कर्तव्य एवं दायित्व होता है कि वह बच्चों के बेहतर भविष्य हेतु अच्छी शिक्षा दे। बच्चों को पढ़ाने के आलावा अपने व्यक्तिगत अन्य कार्यों में व्यस्त न रहे। वैसे ज्यादा तर शिक्षक विभागीय कार्य को अपने मोबाइल से नियमित करते है। यदि विभागीय कार्य के अलावा अपने व्यक्तिगत कार्य हेतु सोशल मिडिया में व्यस्त रहते है तो ऐसे शिक्षकों पर अवश्य कार्यवाही होनी चाहिए। वही शिक्षा विभग को भी स्कूलों में नित नए प्रयोग को बंद करनी चाहिए। वर्तमान परिदृश्य में स्कूल प्रयोगशाला बन गया है।
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