पहली परीक्षा में शिक्षकों ने भरे मनमाने अंक , दूसरी बेसलाइन में छात्रों के अंक घटे , संकुल बदलकर मूल्यांकन करने से हकीकत आई सामने CG School Students Score Drop In Second Baseline Assesment
a2zkhabri.com बिलासपुर - कोविड - 19 के बाद स्कूल खुलने पर प्रायमरी और मिडिल स्कूल में बेसलाइन आकलन परीक्षा ली गई थी। इसमें शिक्षकों ने बच्चे को मनमानी ढंग से अंक दिए थे। जिस कारण सही आकलन नहीं हो पाया था। इसलिए डीपीआई के आदेश पर दूसरी बार परीक्षा ली गई। इस बार बोर्ड की तर्ज पर संकुल बदलकर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया गया। जिसमे हकीकत सामने आई। दूसरी परीक्षा में छात्रों के अंक घट गए है। दूसरा बेसलाइन आकलन परीक्षा समाप्त हो गई है। अब ऑनलाइन एंट्री भी अंतिम चरण में है।
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कोरोना संक्रमण के कारण स्कूली बच्चे करीब सत्रह माह पढ़ाई से दूर रहे। जिस कारण से इसका प्रभाव बच्चों में काफी पड़ा। स्कूल खुलने के बाद बच्चों के स्तर जानने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का बेसलाइन आकलन परीक्षा लेने का निर्णय लिया। परीक्षा 28 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक लिया गया। प्रश्न बोर्ड में लिखकर बच्चों से उत्तर कॉपियों में लिखवाया गया। इसके बाद शिक्षकों ने अपने हिसाब से छात्रों को अंक दे दिए।
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डीपीआई ने पुनः परीक्षा लेने आदेश दिया - शिक्षकों के मनमानी ढंग से छात्रों को अंक दिए जाने के कारण डीपीआई नाराज हो गई ,और पुनः नए सिरे से दोबारा परीक्षा लेकर संकुल स्तरीय मूल्यांकन करने निर्देश दे दिया। स्कूलों में बेसलाइन आकलन परीक्षा 25 सितम्बर से 30 सितम्बर तक ली गई। इस बार बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर संकुल बदलकर मूल्यांकन कार्य कराया गया। संकुल बदलकर मूल्यांकन करने से पहले परीक्षा में शिक्षकों द्वारा दी गई मनमाने ढंग से अंक सामने आया।
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85 % पाने वाले छात्र 60 % अंक पर सिमटे - बेसलाइन आकलन परीक्षा में सेट - ए 30 नम्बर , सेट बी 12 , सेट सी 8 नंबरों का लिया गया, इस तरह 50 अंकों की परीक्षा ली गई। इसमें छात्रों ने पहली परीक्षा में 80 से 85 अर्जित किए थे। वही दूसरी परीक्षा में उनका नम्बर एकाएक घट गए। 80 - 85 फीसदी अंक लाने वाले छात्र - छात्रा 60 फीसदी ही ला पाए। पहले बेसलाइन आकलन में शिक्षकों ने 50 में 49 अंक तक दिए थे वे अब 30 - 40 अंक पर सिमट गए।
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बेसलाइन आकलन परीक्षा का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई की स्तर की वास्तविक स्थिति को पता लगाना था। स्तर को जांचने के बाद आगे की रणनीति बनाकर अध्यापन करना प्रमुख उद्देश्य था। शिक्षकों के द्वारा पहले बेसलाइन आकलन सही तरीके से नहीं करने के कारण डीपीआई ने पुनः बेसलाइन मूल्यांकन लेने आदेश कर दिया। दूसरे बेसलाइन में छात्रों की सही स्थिति सामने आ रही है। अब बच्चों को स्तर अनुसार नए ढंग से अध्यापन कराया जाएगा , ताकि उनके स्तर में कक्षा अनुरूप सुधार हो सके।
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