हाई कोर्ट की बड़ी टिप्पणी - सरकार से अधिक वेतन पाने वाले में हो प्राइमरी टीचर , शिक्षा के गिरते स्तर पर टिप्पणी Salary Of Primary Teacher Should Be Highest - High Court
a2zkhabri.com न्यूज़ - माननीय हाईकोर्ट ने शिक्षा व्यवस्था पर बड़ी टिप्पणी की है। माननीय हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षक सरकार के सबसे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों में से एक होने चाहिए। इसके लिए प्राथमिक शिक्षक के पद से जुड़े वेतन भत्तों एवं स्वत्वों को बेहतर होने चाहिए जिससे अध्यापन के लिए समाज के मेधावी वर्ग को आकर्षित किया जा सके।
ब्रेकिंग - पहले दौर का वार्ता विफल,, अब होगा उग्र आंदोलन।
शिक्षा के गिरते स्तर पर ग्वालियर खंडपीठ की बड़ी टिप्पणी - माननीय हाईकोर्ट ने वर्तमान में शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को ऐसे व्यवस्था करना चाहिए कि जिससे प्राथमिक शिक्षक के पद पर मेधावी वर्ग जाने में रूचि रखे। जब प्राथमिक शिक्षक से जुड़े वेतन भत्तों सहित अन्य स्वत्वों बेहतर होगी तभी यह संभव हो पाएगा।
ब्रेकिंग - वेतन विसंगति के मुद्दे पर अब पालक भी साथ।
शिक्षकों के वेतन सबसे ज्यादा करने का विचार राष्ट्रनिर्माण को मजबूत करने का पहला कदम माना जाना चाहिए। ऐसी व्यवस्था के बाद ही सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं शिक्षक बनने के लिए प्रेरित होगी और अपने विद्यार्थियों में सृजनात्मक ऊर्जा संचार कर पाएगी।
अयोग्य और अक्षम शिक्षक , योग्य छात्र तैयार नहीं करेगा - न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि प्राचीन काल में शिक्षक समाज का सबसे प्रतिष्ठित नागरिक होता था। उसके साथ सभी आदर का भाव रखते थे , क्योंकि वह प्राथमिक विद्यालय के छात्रों में योग्यता , अनुशासन और नैतिकता का गुण भी पैदा करते थे।
ब्रेकिंग- मिडिल स्कूल के शिक्षक भी अनिश्चित कालीन आंदोलन में शामिल।
न्यायलय ने माना की अयोग्य और अक्षम शिक्षक योग्य छात्र नहीं बना सकते। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक, छात्र , पालक एवं सरकार ये सभी जरुरी है। इनमे से एक कमजोर हुआ तो अच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती।
न्यायालय ने इस मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए लिखा कि इस व्यवस्था में अंततः वह मासूम बच्चा हार जाता है जो सरकारी प्राथमिक विद्यालय में अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा की उम्मीद के साथ भर्ती होता है। विद्यालयों में बच्चों को न केवल पढ़ना लिखना और अंकगणित ही नहीं सिखाया जाता बल्कि सही और गलत की अंतर करने की क्षमता भी विकसित की जाती है।
नैतिक , अनैतिक का अंतर समझना और इससे बढ़कर समाज और राष्ट के लिए जीवन के अनुशासन भी यही सिखाता है। यह मूलभूत गुण बच्चों में तभी आ सकते है जब उसे पढ़ाने वाले शिक्षक सभी गुणों में परिपूर्ण हो। अतः सरकार को इस और ध्यान देने की आवश्यकता है कि प्राइमरी शिक्षकों को वेतन अन्य कर्मचारियों से अधिक हो ताकि योग्य व्यक्ति उस फील्ड में जाने के इच्छुक हो।
3 Comments
वेतन बढ़ तो रहा है शिक्षकों का पर शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए तैयार नही है। पहले शिक्षा के स्तर को शिक्षक सुधारे और ज्यादा से ज्यादा ध्यान बच्चों को पढ़ाने में लें फिर वेतन बढ़े।
ReplyDeleteWAHMERE BHAI RULAYEGA KYA .... JAB MLA AUR MANTRI KA VETAN 300000 HO GAYA TO TU KUTCH NAHI BOLA
DeleteAUR AAJ BOLNA START KAR DIYA
Ek no
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