मध्यान्ह भोजन योजना बन गया पीएम पोषण योजना Mid - Day Meal Scheme Has Now Become PM Nutritions Scheme

मध्यान्ह भोजन योजन (मिड डे मील ) के नाम में परिवर्तन , अब प्रधानमंत्री पोषण योजना के नाम से जाना जाएगा Mid - Day Meal Scheme Has Now Become PM Nutritions Scheme 

a2zkhabri.com नई दिल्ली - देश में 1995 से सफलता पूर्वक चली आ रही मध्यान्ह भोजन योजना के नाम को केंद्र सरकार ने अब बदल कर पीएम पोषण योजना कर दिया है। यह योजना इसी वित्तीय वर्ष से लागु हो जाएगी। ज्ञात हो कि मध्यान्ह भोजन योजना की शुरुआत 1995 से हुई थी। तब से लेकर यह इसी नाम से चली आ रही थी। यह योजना सरकार के सबसे अहम् योजना में से एक है। इस योजना के तहत देशभर के करोड़ों बच्चों को प्रतिदिन दोपहर में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। 

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स्कूली बच्चों को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने में जुटी केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया। इसके तहत स्कूली बच्चों  जुडी करीब 26 साल पुरानी मिड- डे मील स्किम के नाम को बदल दिया है। अब इसका नाम पीएम पोषण योजना (प्रधान मंत्री पोषण शक्ति निर्माण ) करने का ऐलान कर दिया है। यानी सरकार भोजन देने के साथ ही बच्चों को सेहत मंद भी बनाएगी। पुरे स्किम  अहम् बदलाव किए गए है। अगले 5 साल में स्किम करीब 1.30 लाख करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। 

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सीसीईए के बैठक में मंजूरी - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को हुई आर्थिक मामलो की केबिनेट कमिटी (सीसीईए ) की बैठक में मिड - डे मील स्किम में बदलाव यह मंजूरी दी गई। इस पूरी योजना का लाभ देशभर के करीब 12 करोड़ स्कूली बच्चों और करीब 11 लाख स्कूलों को मिलेगा। पीएम पोषण के नाम से यह स्किम इसी वित्तीय सत्र से प्रारम्भ हो जाएगी। स्कूली बच्चों को मध्यान भोजन उपलब्ध कराने की शुरुआत 1995 से की गई थी। 

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तिथि भोजन  को मिलेगी बढ़ावा - पोषण मुहीम में सरकार ने स्कूली बच्चों  आपसी जुड़ाव बढ़ाने  तिथि भोजन के पहल को भी तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। इसमें स्कूली बच्चों को महीने में कम से कम एक दिन या विशेष अवसरों पर घर से खाने का एक और टिफिन लाना होगा जो किसी आसपास स्कूलों में जाकर दूसरे बच्चों को खिलाना होगा। साथ ही उसके साथ अपना टिफिन भी खाएंगे। यह स्किम सीबीएसई स्कूलों में शुरू की जा चुकी है। साथ ही यह स्वेच्छिक है।  जो बच्चे चाहे तो इस मुहीम में शामिल हो सकते है। इस योजना के तहत न्यूट्रिशन गार्डन पर भी जोर दिया गया है। 

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सीसीईए के मंजूरी के बाद योजना में किये गए बदलाओं को साझा किया और कहा कि इसमें पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। स्कूलों को कुकिंग कास्ट आदि का पैसा अब सीधे डीबीटी जरिये भेजा जाएगा। साथ ही पोषण युक्त भोजन देने में प्रत्येक जिलों को छूट दी जाएगी कि वह स्थानीय स्तर पर उपयुक्त पोषण युक्त खाद्यान या फिर मोटे आनाज को स्कूली बच्चों के खाने में शामिल कर सके। पूर्व के योजना में सिर्क मध्यान  भोजन को महत्त्व दिया जा रहा था। जिस कारण से इसे पीएम पोषण रखा गया है जिसमे बच्चों के भोजन में पौष्टिक को ज्यादा महत्त्व दी जाएगी। 

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