स्कूलों में पिछले एक माह से पढ़ाई ठप्प,, सभी शिक्षक मूल्यांकन, आंकलन एवं ऑनलाइन जानकारी भरने में ब्यस्त Schools Stalled For One Month Only Evaluation , Assesment And Online Work Continues
a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कम होते ही 02 अगस्त से स्कूल खुल गए है। स्कूल खुलते ही स्कूलों में लगातार पढाई की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन स्कूल खुलते ही विभाग ने पढ़ाई के आलावा अन्य गतिविधियों को लाद दिया जिससे पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो गई। अन्य गतिविधियों में सितम्बर माह पूरा चला गया। इस माह गिनती के ही कुछ दिन पढ़ाई हुए होंगे बाकी दिन शिक्षक आकलन , मूल्यांकन एवं ऑनलाइन एंट्री कार्य में ही व्यस्त है।
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पढ़ाई हो रही प्रभावित - सितम्बर के शुरुआत से ही स्कूलों में बेसलाइन आकलन किया जा रहा है। बेसलाइन आकलन लगभग एक सप्ताह में पुरे राज्य में कम्पलीट हो गई। शिक्षक कम और बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण उत्तर पुस्तिका जाँच एवं ऑनलाइन एंट्री भी एक सप्ताह समय ले लिया। ऐसे में पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। मूल्यांकन के आलावा मध्यान्ह भोजन , छात्रवृत्ति , इंस्पायर अवार्ड से लेकर सारे दस्तावेज की एंट्री में विद्यालय के कर्मचारी जुटे हुए है।
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शिक्षा विभाग से रोज आ रहे नए निर्देश - शिक्षा विभाग में इन दिनों रोज नए - नए निर्देश जारी हो रहे है। प्रतिदिन शाम को नए निर्देश जारी हो जाते है, जिसे दूसरा दिन अनिवार्य रूप से पूरा करने कहा जाता है। शिक्षक विभागीय कार्यवाही के डर से बच्चों को पढ़ाना छोड़ डाक बनाने एवं ऑनलाइन जानकारी भरने में भीड़ जाते है। बच्चों में यदि पिछले डेढ़ वर्ष की पढ़ाई की भरपाई करनी है और बच्चों में शिक्षा गुणवत्ता लाना है तो शासन का योजना ऐसे होना चाहिए कि जिसमे शिक्षक सिर्फ बच्चों को पढ़ाई कराने का कार्य करें। अन्य कार्यों में ब्यस्त रहेंगे तो क्या गुणवत्ता की उम्मीद की जाएगी।
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बेसलाइन आकलन दोबारा लेने SCERT का निर्देश - प्रदेश के कक्षा 1 से 8 वीं तक के बच्चों का बेसलाइन आकलन और ऑनलाइन एंट्री पूर्ण हो गई थी। एससीइआरटी रायपुर ने नया निर्देश जारी कर फिर से सभी बच्चों का दोबारा बेसलाइन आकलन लेने निर्देश जारी किया है। पहले किए गए आकलन में जितने दिन लगे थे उतने दिन इस बार और खर्च होंगे। दोबारा आकलन समझ से परे है , आदेश जारी करना था तो उन बच्चों के लिए करते जो बेसलाइन आकलन परीक्षा नहीं दिलाए थे। सितम्बर माह पूरी तरह से आकलन, मूल्यांकन एवं ऑनलाइन एंट्री करने में ही समाप्त हो गया।
पढाई तुहर द्वार 2.0 प्रतियोगिता जारी - प्रदेश के अभी प्रायमरी स्कूलों में संकुल, ब्लाक एवं जिला स्तरीय पढ़ाई तुहर द्वार प्रतियोगिता चल रही है। प्रतियोगिता के अंतर्गत हस्तलिखित पुस्तिका, पठन कौशल , लेखन कौशल एवं गणितीय कौशल के बुन्दुओं पर जारी है। बच्चो के बीच कॉम्पिटिशन की भावना लाना सही है , लेकिन आनन - फानन में तत्काल आदेश दो कल प्रतियोगिता का आयोजन करों यह सिर्फ खाना पूर्ति है। प्रतियोगिता के लिए बच्चो के पास तैयारी करने लिए समय ही नहीं है।
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शिक्षा में नित्त नए प्रयोग के कारण गुणात्मक सुधार नहीं - शिक्षाविद - कोरोना के चलते बीते दो वर्ष से पढ़ाई में बच्चे काफी पीछे हो गए है। शिक्षकों से यदि इसी प्रकार अन्य कार्य करवाया जाएगा तो शिक्षा के गुणवत्ता में कैसे सुधार होगी। इसी प्रकार संकुल शैक्षिक समन्वयक का कार्य अपने मूल शाला के साथ - साथ संकुल के अन्य स्कूलों में पढ़ाना है। लेकिन वे केवल डाक का आदान प्रदान करने तक ही सिमित हो गए है। उन्हें में ए दिन ट्रेनिंग , मीटिंग , प्रशिक्षण आदि में नियमित भाग लेना पड़ता है। कई शिक्षा विदों का तर्क है कि शासन का नित्त नए प्रयोग के चलते शिक्षा में गुणात्मक सुधार नहीं हो रहा है।
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