सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति के मुद्दे पर राजधानी रायपुर में पदयात्रा अधिकार रैली CG Raipur Assistant Teachers Padyatra Rally On 05 September
a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के नेतृत्व में प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षक राजधानी रायपुर में 05 सितम्बर शिक्षक दिवस के दिन पदयात्रा अधिकारी रैली का आयोजन करेंगे। उक्त अधिकार रैली में प्रदेश भर से 01 लाख सहायक शिक्षक सम्मिलित होंगे। ज्ञात हो कि सहायक शिक्षकों की एक सूत्रीय मांग वेतन विसंगति के मुद्दे पर सरकार द्वारा बार - बार गुमराह करने के कारण प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षक 25 अगस्त तक मांग पूर्ण नहीं होने पर राजधानी रायपुर में पदयात्रा रैली का आयोजन करेंगे। उक्त रैली में अपने अधिकार के खातिर प्रदेश के हर कोने से 01 लाख सहायक शिक्षक पहुंचेंगे।
पदयात्रा रैली में सम्मिलित होने मनीष मिश्रा ने की अपील - प्रदेश के एकमात्र सहायक शिक्षकों के हक और अधिकार के लिए लड़ने वाले छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा ने 25 अगस्त तक मांग पूर्ण नहीं होने पर 05 सितम्बर को राजधानी रायपुर में पदयात्रा में सम्मिलित होने सहायक शिक्षकों से अपील की है। 12 मार्च को किये गए आंदोलन को देखते हुए इस बार एक लाख सहायक शिक्षक अपने अधिकार और हक के लिए राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। मनीष मिश्रा ने अपने साथियों से अपील करते हुए कहा कि सहायक शिक्षकों को न्याय दिलाने , 24 साल सेवा का सम्मान दिलाने , अपने हक और अधिकार की खातिर 05 सितम्बर को राजधानी रायपुर पहुंचे।
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सहायक शिक्षकों में एकता जरुरी - प्रदेश में सहायक शिक्षकों की एकमात्र सक्रीय और अपने अधिकार की खातिर आवाज उठाने वाले छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन संघ है। सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति के मुद्दे को दूर कराने के लिए सहायक शिक्षकों में एकजुटता जरुरी है। किसी भी अन्य संगठनों के बहकावे में न आते हुए केवल छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले आंदोलन करने की जरुरत है। सभी साथी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे तो निश्चित ही मंजिल बहुत पास है। यही कारण है की 05 सितम्बर को भारी संख्या में सहायक शिक्षक पदयात्रा रैली में सम्मिलित होंगे।
सिर्फ एक सूत्रीय मांग , वेतन विसंगति - सहायक शिक्षकों की इस बार सिर्फ एक सुत्रीय मांग है और ओ है वेतन विसंगति दूर करवाना। सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति 2013 से जारी है। जब सहायक शिक्षकों पुनरीक्षित वेतनमान दिया गया तभी यह विसंगति पैदा कर दी गई। उस समय के नेताओं ने सिर्फ अपनी मांग को अहमियत देते हुए केवल हर बार सहायक शिक्षकों के भीड़ का उपयोग किया। सहायक शिक्षक सिर्फ उनके फायदे के लिए यूज होते गए। यही कारण है की अब सहायक शिक्षक सिर्फ सहायक शिक्षकों के नेतृत्व वाले आंदोलन में भाग लेते है। अब सहायक शिक्षक सिर्फ भीड़ का हिस्सा बनने वाले नहीं है अब वे अपने अधिकार के लिए जागरूक हो गए है।
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