बिग ब्रेकिंग - स्कूल में बच्चों को बैठाकर पढ़ाना शिक्षक को पड़ा महंगा , कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु नोटिस जारी Taught Children By Sitting In School , Notice Issued To Teacher

पारा मोहल्ला के बजाय शिक्षक ने स्कूल में बच्चों को बैठाकर पढ़ाया , अधिकारी ने जारी किया नोटिस Shikshak Ne Bachchon Ko School Me Baithakar Padhaya , Adhikari Ne Notice Kiya Jari 

a2zkhabri.com धमतरी - कोरोना काल में बच्चों को स्कूल में बैठाकर पढ़ाना शिक्षक को भारी पड़ गया है। पारा , मोहल्ला क्लास का संचालन चौक, चबूतरा , खुले आसमान के नीचे करने के बजाय शिक्षक स्कूल में बैठाकर पढ़ाई करा रहा था। स्कूल के अंदर पारा , मोहल्ला क्लास का संचालन करना अधिकारी को नागवार गुजरा और लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशों का हवाला देते हुए स्पष्टीकरण जारी कर दिया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने  कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

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शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी नोटिस देखें - 

उक्त मामला कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी धमतरी के अंतर्गत शा. पूर्व, माध्यमिक शाला अकला डोंगरी चिखली का है। उक्त संकुल के अंतर्गत निरिक्षण के दौरान पारा मोहल्ला क्लास का संचालन स्कूल भवन से किया जा रहा था। शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार बच्चों हेतु अभी भी स्कूल नहीं खोला गया है। बच्चों को उनके घर के पास ही पारा मोहल्ला में अध्यापन करवाना है। कोरोना संक्रमण के चलते शासन स्कूल खोलने से कतरा रही है। बच्चों के  स्वास्थ्य को देखते हुए उनके घर के पास ही शिक्षा व्यवस्था करने निर्देश जारी है। 

विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारीआदेश - 

कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी धमतरी द्वारा जारी स्पष्टीकरण नोटिस अनुसार 07 जुलाई 2021 को संकुल केंद्र अकला डोंगरी के विभिन्न शालाओं का निरिक्षण किया गया जिसमे पाया गया कि लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेशों का आपके द्वारा खुला उल्लंघन एवं अवहेलना कर शाला में छात्र / छात्राओं को बैठाकर कक्षा संचालित किया जा रहा है। 

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वर्तमान में अभी शाला में बैठाकर कक्षा संचालन करना पदीय दायित्व के प्रति घोर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता का घोतक है, लोक सेवक का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम - 3 के विपरीत गंभीर कदाचरण है। अतः इस सम्बन्ध में दो दिवस के भीतर मेरे समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाए जाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। 

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बरसात में बाहर कक्षा लगाना , खतरे को दावत देना - कोरोना महामारी के चलते कोरोना प्रोटोकॉल के नियम के तहत बच्चों को पारा मोहल्ला क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराना है। पारा मोहल्ला क्लास का संचालन किसी खुले जगह , चौक चौराहों पर लगाना खतरे से खाली नहीं है। बरसात के मौसम में सांप , बिच्छु का आतंक रहता है। यदि किसी प्रकार की दुर्घटना घट जाती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। समय आने पर अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते है। स्थानीय स्तर पर हर परिस्थिति का सामना शिक्षक को ही करना पड़ता है। 

झिल्ली तान चला रहे मोहल्ला क्लास , बारिश होते ही मचती है भगदड़ - गांव के अंदर पारा मोहल्ला कक्षा का संचालन करने के लिए जगह नहीं होने के कारण बहुत से शिक्षक खुले जगह पर तिरपाल, झिल्ली तानकर कक्षा का संचालन कर रहे है। अचानक बारिश होते ही पारा मोहल्ला क्लास में भगदड़ मच जाती है। बारिश के मौसम में बाहर कक्षा का संचालन करवाना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है। प्रदेश के सभी शिक्षक शासन के निर्देशों का पालन करते हुए खतरों के बीच बाहर पारा, मोहल्ला कक्षा का संचालन कर रहे है। 

सामुदायिक भवन में क्लास लगा सकते है तो स्कूल में क्यों नहीं - यह बात समझ से परे है कि शासन सामुदायिक भवन, पंचायत भवन में पारा मोहल्ला क्लास का संचालन करवा सकती है तो स्कूल में में क्यों नहीं,,? वैसे बच्चों के शिक्षा ग्रहण हेतु सबसे सही और सुरक्षित जगह स्कूल ही है। बरसात के मौसम में सांप - बिच्छु का हमेशा खतरा बना रहता है। बाहर मैदान , गार्डन , खुले जगह में कक्षा का संचालन उचित नहीं है।  शासन चाहे तो बच्चों को रोटेशन में कक्षावार स्कूल बुलाकर पढ़ाई करवा सकती है। 

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