स्कूलों की गुणवत्ता सुधार की दिशा में सरकार ने बढ़ाया कदम , प्रभारी और समन्वयको के जिम्मे स्कूल Government School Will Be Seen In The New Cleaver , The System Will Change
अन्य विभागीय जानकारी 👇
इसे भी देखें- संकुल समन्वयकों के पदों में भर्ती हेतु आवेदन आमंत्रित , जाने कौन कौन कर सकते है आवेदन।
इसे भी देखें- जनवरी से मिलेगा 4 फीसदी डीए देखें आदेश।
इसे भी देखें - 16 जून से खुलेगी स्कूल स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी
समग्र शिक्षा, राज्य परियोजना कार्यालय के प्रबंध संचालक ने इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मिशन समन्वयक आदेश जारी कर दिए है। 15 फरवरी तक संकुल प्रभारी एवं समन्वयकों को रिपोर्ट करनी है। अभी तक मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक संकुल प्रभारी होते थे। कई जगहों पर प्राथमिक शाला के शिक्षकों को संकुल समन्वयक का जिम्मा दिया जाता था।
पहले एक संकुल प्रभारी के पास 20 से 25 स्कूलों में व्यवस्था की जिम्मेदारी होती थी। नतीजा प्रभारी एवं समन्वयक के पास काम का बोझ बढ़ जाता था और व्यवस्था नहीं बन पाती थी। अब ऐसा नहीं होगा सरकार के नै व्यवस्था के तहत अब इस पद को प्राचार्य संभालेंगे। अब एक प्रभारी के पास अधिकतम 10 स्कूलों का जिम्मा होगा। अब जिले सहित पुरे प्रदेश में संकुल समन्वयकों और प्रभारियों की संख्या दोगुनी हो गई है।
प्रभारी समन्वयको के कंधे पर बड़ी जिम्मेदारी -
1. सामुदायिक सहयोग से शालाओं में संसाधन सुनिश्चित करेंगे।
2. शैक्षणिक कलेण्डर का समयबद्ध पालन करेंगे।
3. यू- डाइस व यूडीएस प्रणाली पर आकङो को समय पर देंगे।
4. शाला प्रबंधन समिति के साथ मिलकर काम करेंगे।
5. मध्यान्ह भोजन और शाला त्यागी बच्चों को मूल धारा में लाएंगे।
6. डिजिटल कामकाजों को व्यवस्था से जोड़ने प्रमुख भूमिका निभाएंगे।
7. तकनिकी रूप से खुद भी अपग्रेड रहेंगे। संकुल समन्वयकों के पास एंड्राइड मोबाइल और कंप्यूटर,लैपटॉप होने अनिवार्य है।
निर्णय क्षमता की होगी परीक्षा - अधिकारीयों के अनुसार तो मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक या प्राथमिक शिक्षक को जिम्मेदारी मिलने से निर्णय क्षमता, कार्यशैली में कमजोरी दिखाई पड़ती थी। सरकारी योजनाए प्रशिक्षण के बाद भी धरातल पर दिखाई नहीं देता था। निजी स्कूलों के साथ तालमेल अच्छे से नहीं बैठा पाते थे। नई व्यवस्था से निश्चित रूप से स्कूलों में सुधार नजर आएगा।
0 Comments