राजधानी में शिक्षकों की जंगी रैली , विभिन्न मांगों के सन्दर्भ में निकाली महारैली Employees Showed Their Strenth On Chhattisgarh Road
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प्रदेशभर के कर्मचारी अपनी 14 सूत्रीय मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है। आंदोलन के तीसरे चरण में खुलकर नाराजगी सामने आई। सभी कर्मचारी नेताओं ने सरकार की रीती और नीति को जमकर कोसा। इसके बाद कर्मचारियों ने महा रैली निकालकर अपनी ताकत दिखाई।
कर्मचारी संगठन अपनी 14 सूत्रीय मांग प्रमुख रूप से डीए, एरियर्स, पदोन्नति, क्रमोन्नति जैसी मांगों को पूरा न होने की वजह से दोपहर 12 बजे बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर , रायपुर एवं दुर्ग संभाग के हजारों कर्मचारी बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर जुटे। इस दौरान इन्होने नया नारा दिया नरवा - गरवा - घुरवा - बारी , कब अहि कर्मचारी के बारी।
धरना स्थल पर सभा को सम्बोधित करते हुए प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि जब तक सरकार मांगे नहीं मानती है तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। आम सभा को पीआर यादव , सुभाष मिश्रा, राजेश चटर्जी , सतीश मिश्रा, आरके रिछारिया सहित अनेकों वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
ये है प्रमुख मांगे - महंगाई भत्ता, सातवे वेतनमान का बकाया एरियस राशि, चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान वेतन विसंगति में सुधार, समय बढ़ क्रमोन्नत वेतनमान/ समयमान वेतनमान, पदोन्नति, अनियमित कर्मचारी की नियमितीकरण, पुराना पेंशन योजना लागु करने, अनुकम्पा नियुक्ति में शिथिलीकरण जैसी 14 सूत्रीय मांगे है।
सभी वक्ताओं ने अपने वक्तब्य में प्रमुख रूप से सरकार को आगाह किया कि सरकारी, अमले की उपेक्षा बर्दास्त नहीं की जाएगी। नेताओं ने कहा शासकीय सेवकों के सेवा शर्तों को पूरा करने में सरकार कोरोना काल का बहाना कर रही है , लेकिन अन्य मामलों में बेधड़क ब्यय कर रही है।
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