पदोन्नति के मामले में पुराने रेगुलर शिक्षकों और एलबी संवर्ग के शिक्षकों के बीच टकराव Conflict Between Old And New Teachers In The Matter Of Promotion

 पदोन्नति को जहाँ हाई कोर्ट में दी चुनौती वही पदोन्नति प्रक्रिया से एलबी संवर्ग के शिक्षक हुए बाहर Conflict Between Old And New Teachers In The Matter Of Promotion 

a2zkhabri.com छत्तीसगढ़ - प्रदेश में बहुत से शिक्षक 22 - 22  सालों से एक ही पद पर कार्यरत है , बावजूद उनके पास सभी जरुरी अर्हता भी है। वर्तमान में शिक्षा विभाग में पदोन्नति प्रक्रिया की शुरुआत हुई है लेकिन अब विवादों से घिरता नजर आ रहा है, क्योंकि पुराने रेगुलर शिक्षकों एवं एलबी संवर्ग के शिक्षकों के बीच टकराहट पैदा हो गयी है। और एक दूसरे के पदोन्नति को बाधित करने की कोशिश भी होने लगी है। 

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पदोन्नति प्रक्रिया में पहले एलबी संवर्ग को किया शामिल लेकिन बीच में किया बाहर - पदोन्नति प्रक्रिया के शुरुआत में जहाँ पुराने रेगुलर शिक्षकों के भाँती एलबी संवर्ग के शिक्षकों से भी पिछले 5 वर्षों का गोपनीय प्रतिवेदन एवं चल अचल संपत्ति की जानकारी मांगी गयी थी। बहुत से एलबी संवर्ग के शिक्षकों ने जानकारी जमा भी करना प्रारम्भ कर दिए थे। लेकिन छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के द्वारा ज्ञापन सौंपते ही संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर ने लोक संचालनालय ने मार्गदर्शन का हवाला देते हुए शिक्षक एलबी संवर्ग के शिक्षकों के दस्तावेज जमा करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया। 

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पदोन्नति के विरूद्ध शिक्षाकर्मियों ने दायर किया याचिका ,हाईकोर्ट ने शासन से मांगे जवाब - प्रदेश में व्याख्याताओं की पदोन्नति के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ शिक्षाकर्मियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। याचिका में 23 साल से कार्यरत शिक्षाकर्मियों (अब शिक्षक एलबी संवर्ग ) को भी पदोन्नति देने की मांग की गयी है। मामले में शासन से हाईकोर्ट ने जवाब माँगा है। 

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उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्राचार्य पद पर पदोन्नति के लिए शासन  बनाये है , इसके मुताबिक दस प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होनी है। इसके लिए विभागीय परीक्षा होगी और इसमें 5 साल शिक्षकीय कार्य करने वाले शिक्षक एवं शिक्षक एल बी संवर्ग शामिल हो सकते है। इसी तरह 25 प्रतिशत पदों पर प्रधान पाठकों पदोन्नत किया जाना है। शेष 65 फीसदी पदों पर विभागीय पदोन्नति दी जानी है। 

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इस 65 प्रतिशत पदों में 70 फीसदी पुराने नियमित व्याख्याता व शेष 30 प्रतिशत पदों पर एलबी व्याख्यता को पदोन्नत करना है ,लेकिन शिक्षा विभाग ने 23 साल बाद भी शिक्षाकर्मियों को पदोन्नति नहीं दी है , वही अब पुराने नियमित व्याख्याताओं को पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।  इसके लिए उनसे सीआर एवं चल अचल संपत्ति की जानकारी मांगी जा रही है। 

एलबी संवर्ग के शिक्षक राजेश शर्मा सहित अन्य शिक्षकों ने वकील अनूप मजूमदार  से याचिका दायर की है। याचिका में नियमित व्याख्याताओं के पदोन्नति में रोक लगाने सहित पदोन्नति प्रक्रिया में एलबी संवर्ग शिक्षकों को शामिल करने का अनुरोध किया गया है।

प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी ने राज्य शासन से जवाब माँगा है , इधर शासन जवाब दिया है की शिक्षक एलबी संवर्ग हेतु अलग से पद रिक्त है। विस्तृत जानकारी  शासन  से समय माँगा है। कोर्ट ने 23 नवम्बर से सुनवाई होने  में जवाब प्रस्तुत निर्देश दिए है। 

पुराने एवं नए शिक्षकों के बीच टकराव - जिस प्रकार से पुराने एवं नए शिक्षक एक दूसरे के खिलाफ पदोन्नति प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश कर रहे है जिससे साफ तौर पर पता चलता है कि, पुराने एवं नए शिक्षकों के बीच टकराव चालू हो गया है। 

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