शिक्षकों में मचा हड़कंप, संयुक्त संचालक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों को जारी किया आदेश, 1993 से किस्तों में होगी वसूली From 1993 Till Now The Salary Of Teachers Will Be Recoverd
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जारी आदेश अनुसार शासकीय कर्मचारियों को अग्रिम वेतन वृद्धि पद पर भर्ती के लिए जो अर्हता न्यूनतम रूप से आवश्यक मानी गयी है , उससे अधिक योग्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है। 16 जून 1993 के पूर्व शिक्षक के पद पर भर्ती के लिए बीएड, बीटीआई, डीएड अनिवार्य नहीं थी। लेकिन शिक्षकों को प्रोत्साहित करने एवं शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए स्वयं के व्यय पर प्रशिक्षिक होने वाले शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि दी जाती थी।
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16 जून 1993 से नए शिक्षक भर्ती में बीएड, बीटीआई, डीएड अनिवार्य कर दिया। अतः स्वयं के व्यय में भी प्रशिक्षित होने वाले शिक्षकों को 2 अग्रिम वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं है। लेकिन सन 1993 के बाद भी शिक्षकों को स्वयं के व्यय पर प्रशिक्षित होने पर दो वेतन वृद्धि का लाभ दिया जा रहा था।
अतः जारी निर्देश के अनुसार 16 जून 1993 के बाद नियुक्त शिक्षक संवर्ग को अग्रिम वेतन वृद्धि स्वीकृत किया गया है , उसकी वसूली किस्तों में करते हुए दिए गए प्रपत्र में 10 दिवस के भीतर जानकारी मांगी गयी है। साथ ही सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारीयों से वसूली उपरांत शेष न होने का प्रमाण पत्र भी माँगा गया है।
संयुक्त संचालक द्वारा जारी आदेश नीचे डाउनलोड करें -
मामला का न्यायालय जाना तय - अभी किसी भी शिक्षक संगठन का सार्वजानिकरूप से बयान तो नहीं आया है लेकिन संयुक्त संचालक द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों को जो वसूली सम्बंधित आदेश जारी हुए है उनके खिलाफ न्यायालय जाना तय लग रहा है।
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शिक्षक संगठन जल्द खोलेंगे मोर्चा - जब - जब शिक्षा विभाग में खलबली मचाने वाले आदेश जारी हुए है तब - तब शिक्षक संगठन एकजुट होकर हमेशा आंदोलन किये है। इस आदेश के विरुद्ध भी शिक्षक संगठन बहुत जल्द मोर्चा अवश्य खोलेंगे। वैसे यह मामला न्यायालय से ही निराकरण हो पायेगा ऐसा प्रतीत हो रहा है।
शिक्षक जिम्मेदार या अधिकारी - वेतन वृद्धि का लाभ लेने वाले जिम्मेदार है या अधिकारी। इस मामले को यदि देखें तो पूरी की पूरी गलती अधिकारियों की है क्योंकि वेतन बनाने का कार्य अधिकारियों का है शिक्षकों का नहीं। यदि शिक्षक वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं रखता है तो उन्हें फिर 26 सालों से वेतन क्यों प्रदान किया जा रहा था। अतः इस मामले में आला अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे।
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