बच्चों के घर-घर जाकर किताब बाटेंगे शिक्षक, मोहल्ले में ही कक्षाएं लगाने की तैयारी, आगामी शिक्षा सत्र 2020-21 में दिखेगी व्यापक परिवर्तन CG School Shiksha Vibhag 2020-21

बच्चों के घर-घर जाकर किताब बाटेंगे शिक्षक, मोहल्ले में ही कक्षाएं लगाने की तैयारी, आगामी शिक्षा सत्र 2020-21 में दिखेगी व्यापक परिवर्तन CG School Shiksha Vibhag 2020-21 


रायपुर- CG School Shiksha Vibhag 2020-21 कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में इस वर्ष नए शिक्षा सत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिलेगा। कोरोना वायरस पर यदि बहुत जल्द नियंत्रण नहीं हो पायेगा तो आगामी शिक्षा सत्र एक से दो माह तक आगे बढ़ने की सम्भावना है। यदि समय पर स्कूल नहीं खुल पाएंगे तो बच्चों के पढाई हेतु विभिन्न विकल्पों की तलाश चल रही है। नए शिक्षा सत्र एवं बच्चो के पढाई के सन्दर्भ में माननीय शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने क्या कहा उसे अंत में अवश्य पढ़ें। 

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शिक्षक पहुंचाएंगे बच्चों के घर किताब - इस सत्र में बच्चों के घर तक किताबें पहुंचाकर उनके मोहल्ले में ही शिक्षकों के जरिये पठन-पाठन और बारी-बारी से कक्षाएं लगाने की तैयारी चल रही है। हर नए सत्र में गर्मियों के छुट्टी के बाद 16 जून से स्कूली बच्चे पानी बॉटल और पीठ पर बैग लटकाये ऑटो,बस रिक्शा आदि में उछल कूद करते नजर आते थे। लेकिन जिस प्रकार से कोरोना ने अपनी रफ़्तार पकड़ी है उससे ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिलेंगे। कोरोना वायरस के तेजी से फैलाव एवं बच्चों के सेहत को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारीयों के अनुसार इस वर्ष इसका असर स्कूल की अकादमिक व्यवस्था पर पड़ सकती है। 

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स्कूलों की पढ़ाई बदली हुई रणनीति के साथ - स्कूलों की अकादमिक व्यवस्था पर प्रभाव पड़ने के कारण अलबत्ता शालाओं की पढाई नई रणनीति के अनुसार कराई जाएगी। वर्चुअल क्लास के साथ-साथ ऐसे क्षेत्रो के विद्यार्थियों पर भी ध्यान केंद्रित किया जायेगा जहाँ ऑनलाइन पढाई संभव नहीं है वर्तमान में छतीसगढ़ के समस्त शासकीय ,अशासकीय ,अर्धशासकीय स्कूल 13 मार्च 2020 से अनिश्चित काल के लिए बंद है। बच्चों के पढाई हेतु अभी वर्चुअल क्लास चल रही है। जिसमे कक्षा 1 से लेकर 12 वीं तक के बच्चे पढाई कर रहे है। 

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प्रदेश के 45 फीसदी इलाके में ही स्मार्ट/नेटवर्क की व्यवस्था- प्रदेश में अभी 45 फीसद इलाकों में ही स्मार्ट फ़ोन से नेटवर्किंग के जरिए पढ़ने की व्यवस्था है। ऐसे में नेटवर्क क्षेत्र से वंचित बच्चों हेतु पढाई का ध्यान रखा जायेगा इस हेतु ऐसे व्यवस्था पर विचार चल रहा है जहाँ बच्चों को उनके मोहल्ले में ही शिक्षक द्वारा या अन्य व्यक्तियों द्वारा शिक्षा प्रदान किया जा सके। प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल के बच्चो को पढ़ा सके ऐसे अस्थायी गुरूजी या उनके शिक्षक की मदद ली जाएगी और बच्चों को बारी - बारी से उनके मोहल्ले में ही शिक्षा दी जा सके इस हेतु व्यापक प्रोग्राम तैयार की जा रही है। 

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कोरोना से निपटने स्कूलों में यह होगी व्यवस्था- नए शिक्षा सत्र में जब बच्चे स्कूल आएंगे तब साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। कोरोना की चुनौती से निपटने हर स्कूल में स्वच्छता स्टेशन का निर्माण करना होगा। बच्चों की नियमित स्वास्थ्य परिक्षण के साथ-साथ मास्क पहनना अनिवार्य होगा। स्कूलों में हैंड वाश/सेनेटाइजर /मास्क का स्टॉक रखना एवं उपयोग करना अनिवार्य होगा। बच्चो को फिजिकल सिस्टेंसिंग के साथ कक्षा में बैठाना होगा। सभी बच्चों को एक साथ न बुलाकर प्रतिदिन एक कक्षा या दो कक्षाओं को बुलाया जायेगा। 

नए शिक्षा सत्र में इस प्रकार से नए व्यवस्था लागू की जा सकती है - 

1. सभी कक्षाओं के बच्चों को एक साथ न बुलाकर रोटेशन में बुलाया जायगा। ताकि स्कूलों में फिजिकल डिस्टेंसिंग का अच्छे से पालन हो सके। 

2. स्कूल खुलने पर देरी होने पर शिक्षक बच्चो एवं पालकों से संपर्क बनाये रहेंगे और पढाई के सम्बन्ध में पालकों एवं बच्चों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करते रहेंगे। 

3. बच्चों के पाठ्य पुस्तक उनके घरों में पहुंचाकर दिया जायेगा। तथा नियमित पढाई पर जोर दिया जायेगा। 

4. बच्चो के मोहल्ले में या गार्डन/मैदान आदि जगहों पर शारीरिक दुरी का पालन कर पढाई कराई जाएगी। इस हेतु स्थानीय पढ़े लिखे लोगो की भी मदद ली जाएगी। 

5. स्कूलों में स्वच्छता  स्टेशन निर्माण करना होगा जहाँ बच्चे नियमित हाँथ धुलाई कर सके जहाँ पानी /साबुन/हैंडवाश की व्यवस्था होगी। 

6. बच्चो की नियमित स्वास्थ्य परिक्षण एवं मास्क पहनना अनिवार्य होगा। स्कूलों में मास्क एवं सेनेटाइजर का स्टॉक रखना व उपयोग करना होगा। 

7. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,मितानिन,कोटवार एवं अन्य पढ़े लिखे लोगो की सहायता लेनी होगी। 

8. बालक एवं बालिकाओं हेतु अलग- अलग स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था करना होगा। 

9. बच्चों के लिखित अभ्यास हेतु अभ्यास पुस्तिका दी जाएगी। 

10. बच्चो एवं पालकों को जागरूक करने मुनादी,लाउडस्पीकर आदि का उपयोग किया जायेगा। 

11 . बच्चों की इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने हेतु योग का नियमित क्लास लिया जायेगा। 

12. बच्चों के खान पान पोषण युक्त हो इस हेतु विशेष ध्यान दिया जायेगा। 

इस वर्ष बच्चों को दी गयी है जनरल प्रमोशन- कोरोना वायरस के चलते बच्चों को इस वर्ष कक्षोन्नति दी गयी है ,कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कक्षा 1 से 9 वीं एवं 11 वीं के बच्चों के वार्षिक परीक्षा को स्थगित कर अगले कक्षा में प्रमोट किया गया है। कक्षा 10 एवं 12 वीं के बच्चों के जिस विषय के पेपर नहीं हुए थे उस विषय पर आतंरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक प्रदान किया गया है। 

माननीय शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग का कथन - इस बार शैक्षणिक सत्र आगे-पीछे हो सकता है। स्कूल के मामले में हम केंद्र सरकार के एडवाइजरी का इंतजार कर रहे है। हालाँकि हमारी मांग है की स्कूल लगाने या बंद करने या अन्य नियम बनाने पर राज्य सरकार स्वतंत्र होनी चाहिए। कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों के घर तक किताबें पहुँचाने और पढाई की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार चल रहा है। नए शिक्षा सत्र प्रारम्भ होते ही इस सम्बन्ध में बहुत जल्द विस्तृत दिशा निर्देश जारी की जाएगी। 


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