शिक्षकों की 25 जुलाई से अनिश्चित कालीन हड़ताल Strike Big Breaking - Announcement of Indefinite Movement for Dearness Allowance

डीए और एचआरए के मुद्दे पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा , संजय शर्मा , वीरेंद्र दुबे एवं विकास राजपूत आये साथ Announcement of indefinite strike on the issue of DA and HRA, Sanjay Sharma, Virendra Dubey and Vikas Rajput came together

a2zkhabri.com रायपुर - महंगाई भत्ता के मुद्दे पर प्रदेश के कर्मचारियों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। कई बड़े शिक्षक संगठन यह मांग करते आ रही थी कि महंगाई भत्ते के मुद्दे पर सभी संगठन एक साथ मिलकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाए। आज संजय शर्मा छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन , वीरेंद्र दुबे छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ और विकास राजपुत नवीन शिक्षक संघ ने सामूहिक नेतृत्व ने अनिश्चित कालीन आंदोलन करने का ऐलान कर दिया। रायपुर प्रेस क्लब में संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर 25 जुलाई से अनिश्चित कालीन आंदोलन पर जाने की जानकारी शासन , प्रशासन सहित समस्त कर्मचारियों को दिए। 

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आरपार की लड़ाई में सभी संगठन हो एकजुट - प्रेस विज्ञप्ति जारी कर और सोशल मिडिया के माध्यम से संजय शर्मा , वीरेंद्र दुबे एवं विकास सिंह राजपूत ने प्रदेश के सभी संगठनों को एक मंच पर आकर अनिश्चितकालीन आंदोलन में भाग लेने अपील किए है। उन्होंने संयुक्त रूप से बयान जारी कर बताया कि प्रदेश सरकार महंगाई भत्ते के मामले में कर्मचारियों को कोई महत्त्व नहीं दे रहे है , ज्ञापन , सूचना , निवेदन , समयबद्ध आंदोलन बहुत हो गया अब अनिश्चित कालीन आंदोलन कर आरपार की लड़ाई लड़ी जाए। ज्ञात हो कि पिछले 3 - 4 वर्षों से प्रदेश के कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ता हेतु तरस गए है। लगातार मांग करने के बावजूद राज्य सरकार लंबित डीए नहीं दे रही है। 

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12 फ़ीसदी लंबित है महंगाई भत्ता - प्रदेश में कर्मचारियों को केंद्र सरकार और अन्य राज्यों के कर्मचारियों से काफी कम महंगाई भत्ता मिल रहा है। वही राज्य सरकार ने डीए के पिछले 2 - 3 सालों के एरियस को भी नहीं दिया है। आंकड़ों की बात करें तो कर्मचारियों को प्रतिमाह 4 हजार से 16 हजार रुपये की घाटा हो रही है। छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन , छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ और नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्षों ने बताया कि जनवरी 2020 से लेकर अब तक लंबित डीए 12 फ़ीसदी हो गई है। वही राज्य में कर्मचारियों को भेदभाव पूर्वक तीन प्रकार से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। 

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लंबित डीए के  साथ - साथ सातवें वेतन के आधार पर एचआरए देने की मांग - प्रदेश के करीब चार लाख कर्मचारियों की लंबित महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा की गणना का मांग है। वही कई आंदोलन के बड़े चहरे वीरेंद्र , दुबे , संजय शर्मा और नवीन शिक्षक संघ के अध्यक्ष विकास राजपूत ने सभी कर्मचारियों को  मंच पर आकर आरपार की लड़ाई लड़ने आमंत्रित किया है। वही राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले चार सालों से कर्मचारियों के कोई भी मांग को पूरा नहीं कर रही। बल्कि कमिटी - कमिटी खेल रही है। वही माननीयों ने अपने वेतन भत्ते को एक मिनट में बढ़ा लेते है। 

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25 से निश्चितकालीन आंदोलन भी - वही कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 25 जुलाई से निश्चितकालीन 5 दिनों की हड़ताल भी है। जिसमे 71 छोटे , बड़े संगठन शामिल है। अब इन तीनों संगठनों  के द्वारा अनिश्चितकालीन आंदोलन के ऐलान के बाद निश्चित ही प्रदेश के सभी शासकीय दफ्तर एवं स्कूल 25 जुलाई से पूरी तरह से बंद रहेगी। मिली जानकारी के अनुसार महंगाई भत्ता हेतु इतना बड़ा आंदोलन इतिहास में पहली बार होने जा रहा है। इससे पहले महंगाई भत्ता के मुद्दे पर ज्ञापन से ही काम चल जाता था। निश्चित ही राज्य के कर्मचारी बहुत दिनों से लंबित भत्ते की मांग करते आ रहे है। राज्य सरकार को भी लंबित सभी महंगाई भत्ता और सातवें वेतन के आधार पर गृह भाड़ा की गणना की जायज मांग को तत्काल पूरा करना चाहिए। 

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