CG शिक्षा - एक और नया प्रयोग ,, बस्ता मुक्त विद्यालय की तैयारी Now Every Saturday , School Will Be Free Of Bags In Chhattisgarh

प्रदेश में नए सत्र से प्रत्येक शनिवार को होगी बस्ता मुक्त पाठशाला , लोकगीत , लोकगाथा और लोककथा सुनने और सुनाने को मिलेंगे अवसर Now Every Saturday , School Will Be Free Of Bags In Chhattisgarh

a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में अब आगामी शिक्षा सत्र से प्रत्येक शनिवार को बस्ता मुक्त पाठशाला संचालन की योजना तैयार हो रही है। आगामी 16 जून से नए शिक्षा सत्र की शुरूआत होगी। प्रदेश के समस्त शासकीय स्कूलों में शनिवार को बस्ता मुक्त पढ़ाई होगी। इस दिन बच्चों को पाठ्यपुस्तक के अलावा सहायक पुस्तकों को भी पढ़ाया जाएगा ताकि बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए अभिव्यक्ति के अधिक अवसर मिल सके। इस दिन शिक्षक बच्चों को लोकगीत , लोकगाथा और लोककथा आदि सुनने और सुनाने का अवसर देंगे। 

स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस भारतीदासन ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् के अफसरों की बैठक ली और बच्चों को नए सत्र में कुछ नया पठन - पाठन का अवसर दिलाने के लिए मॉड्यूल बनाने निर्देश दिए है। प्रदेशभर में पहली से लेकर 12 वीं तक के 56 हजार स्कूलों में 60 लाख बच्चों को इसका फायदा होगा। वही हर महीने के आखरी दिन बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रार्थना सभा आयोजित करने का अवसर दिया जाएगा। वही स्कूल शिक्षा सचिव के निर्देश मिलते ही एससीइआरटी बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए अभिव्यक्ति के अधिक अवसर दिलाने कार्य योजना तैयार करने में जुट गए है। 

गूंजेंगे समाचार पत्रों के शीर्षक और प्रमुख खबर - डॉ. भारतीदासन के मुताबिक स्कूलों में प्रतिदिन प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों से अख़बारों में प्रकाशित होने वाले प्रमुख ख़बरों के शीर्षक के वाचन कराये जाएंगे। स्वामी आत्मानंद स्कूल की भांति सभी हिंदी माध्यम स्कूलों का भी कैलेण्डर तैयार किया जाएगा। हर इकाई को पढ़ाने के बाद बच्चों का आकलन किया जाएगा। मुख्य परीक्षा के ब्लूप्रिंट पर आधारित अधिकतम 40 मिनट का प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा और महीने के आखरी में बच्चों की स्कूल स्तर पर ही परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा उपरांत शिक्षक मूल्यांकन कार्य करेंगे और बच्चों के द्वारा किए गए त्रुटियों को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। 

डॉ. एस भारतीदासन स्कूल शिक्षा सचिव - हमने निर्देश दिया है कि प्रत्येक शनिवार को बस्ता रहित कक्षाओं का संचालन किया जाए। वर्तमान परिस्थितियों में विद्यार्थियों का आचरण और व्यवहार पर विचार किया जाना आवश्यक है। बदलाव केवल किताबों के अध्ययन - अध्यापन बस से नहीं होगा , बल्कि शिक्षकों को भी उत्कृष्ट व्यवहार और आचरण प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए नए सिरे से प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाये जाएंगे। 

स्कूलों के लिए बनाये जा रहे कई कार्ययोजना , पर 100 प्रतिशत सफलता नहीं - प्रदेश के स्कूलों में पिछले कई वर्षों से कई प्रयोग जारी है। हर योजना को लागू करने से पहले विभाग द्वारा बड़े - बड़े दावे किये जाते है लेकिन सभी योजनाए अच्छे से लागू भी नहीं पाती की अन्य योजना लागु हो जाती है। ज्ञात हो कि प्रदेश के स्कूलों में पिछले कुछ वर्षो में 50 से 60 प्रयोग किये  है लेकिन किसी में भी संतोषजनक सफलता नहीं मिल पाई है। अब प्रदेश के स्कुलों में अभिव्यक्ति विकास हेतु अधिक अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक शनिवार बस्ता मुक्त पाठशाला योजना लाई जा रही है। यह योजना वाकई में बहुत अच्छी योजना है , लेकिन यह कितना सफल हो पाएगा यह आने वाले दिनों में ही ज्ञात होगी। 

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