कर्मचारियों की होली और दिवाली एक साथ ,, उड़े रंग गुलाल और फोड़े पटाखे Employees Holi And Diwali Together , OPS Implement In The CG State

कर्मचारियों की होली और दिवाली एक साथ ,, मुख्यमंत्री के द्वारा पुराने पेंशन के ऐलान के बाद खूब उड़े रंग गुलाल और खूब फोड़े पटाखे Employees Holi And Diwali Together , OPS Implement In The CG State 

a2zkhabri.com रायपुर - आज कर्मचारियों को सबसे बड़ी सौगात मिली। 2004 से या उसके बाद नियुक्त सभी शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारीयों को पुरानी पेंशन की सौगात आज माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दे दी है। बजट सत्र में जैसे ही पुरानी पेंशन की बहाली हुई बहुत से कर्मचारी अधिकारी दफ्तरों से निकलकर खूब रंग गुलाल लगाए और पटाखे भी फोड़े। ज्ञात हो कि 2004 से पुरानी पेंशन बंद हो गई थी जिसे आज पुनः बजट सत्र में बहाल कर दिया।  बहाल होते ही सभी कर्मचारी संगठनों ने माननीय मुख्यमंत्री का आभार मानते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित दिए। 

उम्मीदों पर खरे उतरे माननीय मुख्यमंत्री - आज के बजट का बेसब्री से इंतज़ार प्रदेश के सभी कर्मचारी , अधिकारी कर रहे थे। विधान सभा में जैसे ही माननीय मुख्यमंत्री ने ओपीएस लागू करने का ऐलान किया पुरे प्रदेश के कर्मचारियों में हर्ष का माहौल हो गया। सभी कर्मचारी , अधिकारी एक दूसरे को बधाई देने लगे। राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल होते ही यह राष्ट्रिय मुद्दा बना और आज छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन की सौगात मिल गई। बजट के पहले पुरानी पेंशन लागु होने की उम्मीद थी और उम्मीद के मुताबिक माननीय मुख्यमंत्री ने इसका ऐलान कर दिया। 

2 लाख 96 हजार कर्मचारियों को फायदा - छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पुरानी पेंशन के ऐलान के बाद राज्य के 2 लाख 26 हजार शासकीय कर्मचारी , अधिकारी को इसका फायदा होगा। राज्य के कर्मचारी , अधिकारी लम्बे समय से पुरानी पेंशन बहाल करने का मांग करते आ रहे थे। पुरानी पेंशन 2004 से बंद हुई थी। तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कर्मचारियों के लिए एक बुरा फैसला लिया गया था। केंद्र में ऐलान के बाद सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ने भी पुरानी पेंशन के जगह नई पेंशन लागु कर दिए थे। 

पुरानी पेंशन (ओपीएस ) और नई पेंशन (एनपीएस) में अंतर को ऐसे समझे पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम  आप आसानी से ऐसे समझ सकते है - 

1. पुरानी पेंशन OPS में कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं होती जबकि एनपीएस पेंशन  फीसदी वेतन से कटौती होती है। 

2. पुरानी पेंशन में जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड ) की सुविधा है वही नई पेंशन में इसकी सुविधा नहीं है। 

3. पुरानी पेंशन एक सुरक्षित पेंशन है जिसकी भुगतान ट्रेजरी ऑफिस से होती है। नई पेंशन में शेयर मार्किट आधारित पेंशन है। इसकी कोई गारंटी नहीं है। 

4. पुरानी पेंशन में अंतिम बेसिक सैलरी के लगभग 50 फीसदी पेंशन मिलती है।, वही नई पेंशन में कोई गारंटी नहीं है।

5. पुरानी पेंशन में हर छः माह में महंगाई भत्ता मिलती है वही नई पेंशन में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। 

6. पुरानी पेंशन में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख तक ग्रेजुएटी मिलती है , वही  नई पेंशन में इसका अस्थायी प्रावधान है। 

7. पुरानी पेंशन में मृत्यु होने पर फैमिली को पेंशन का प्रावधान है , जबकि नई  पेंशन में सर्विस के दौरान मौत होने पर फॅमिली पेंशन है और जमा राशि को सरकार जब्त कर लेती है। 

8. पुरानी पेंशन के जीपीएफ राशि पर कोई टेक्स नहीं लगता जबकि एनपीएस की राशि पर मार्केट के आधार पर टैक्स लगती है। 

9. पुरानी पेंशन में जीपीएफ की राशि  निवेश करने की आवश्यकता नहीं है वही एनपीएस में 40 फीसदी राशि को निवेश करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त पुरानी पेंशन के कई लाभ है , वही नई पेंशन में कोई खास लाभ ही नहीं है।

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