छ.ग. में भी जगी पुरानी पेंशन की उम्मीद ,,, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राहुल गाँधी से चर्चा There Is Hope Of Restoration Of Old Pension In Chhattisgarh Too , CM Baghel Discussed With Rahul Gandhi

पुरानी पेंशन बहाली पर राहुलगांधी , प्रियंका गाँधी एवं गहलोत के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लम्बी चर्चा , पुरानी पेंशन बहाली पर रिव्यू कमिटी गठित There Is Hope Of Restoration Of Old Pension In Chhattisgarh Too , CM Baghel Discussed With Rahul Gandhi 

a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद अब जगने लगी है। पुरानी पेंशन बहाली पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूर्व राष्ट्रिय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी , कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी और पुरानी पेंशन को लागू करके देश में कर्मचारियों के रोल मॉडल और सुपर हीरो बने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के साथ लम्बी चर्चा हुई। राजस्थान में पुरानी पेंशन बहाली के बाद यह मुद्दा अब राष्ट्रिय मुद्दा बन गया है। अब कई राज्यों ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहालकरना शुरू भी कर दिया है। 

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छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन लागु होने की बढ़ी उम्मीद - राजस्थान , झारखण्ड , हिमाचल प्रदेश , दिल्ली , असम , पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन की बहाली होते ही अब छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा गरमाने लगा है। वही इस मुद्दे पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय की राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी से चर्चा के बाद और राहुल गाँधी द्वारा रिव्यू कमिटी के गठन करने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद बढ़ गई है। हालाँकि मुख्यमंत्री  वित्तीय आधार पर निर्णय लेने की बात कही है। वैसे भी प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू होगी तो कुछ गिने चुने मामले को छोड़कर अगले 10 साल बाद ही वित्तीय भार बढ़ेगी। 

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अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन लागू कर बनाया राष्ट्रिय मुद्दा - पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा हालाँकि देश भर में चल रही थी , लेकिन राजस्थान में लागु होते ही यह अचानक राष्ट्रिय मुद्दा बन गया। वही अब सभी राज्यों के कर्मचारियों के मन में भी उम्मीद जगने लगी कि आने वाले समय में उन्हें भी पुरानी पेंशन बहाली की सौगात मिलेगी। वही राजस्थान  करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मिडिया से दिल्ली में चर्चा करते हुए कहा कि हमने तो पुरानी पेंशन देने का ऐलान कर दिया है , वही राहुल गाँधी ने रिव्यू कमिटी भी बनाई है अब मानवीय दृष्टिकोण से केंद्र सरकार को भी पुरानी पेंशन बहाल करने  ऐलान करना चाहिए। पुरानी पेंशन की वापसी कर्मचारी हित। 

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चुनावी वादा पूरा किया मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने - प्रायः देखा जाता है कि नेता लोग चुनाव जितने के लिए लम्बी - लम्बी वादा करते है , और चुनाव जीतते ही अपने वादा से मुकर जाते है। कई मुद्दे पर खानापूर्ति हेतु कमिटी का लॉलीपॉप भी धरा देते है। लेकिन झारखण्ड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय हेमंत सोरेन जी ने अपने चुनावी वादा को पूरा करते हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने का ऐलान कर दिया है। इस निर्णय से राज्य के करीब 1.25 लाख सरकारी कर्मचारी अधिकारी को लाभ होगा। इस तरह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपने कर्मचारियों को बड़ी सौगात दे दी है। 

पुरानी पेंशन (ओपीएस ) और नई पेंशन (एनपीएस) में अंतर को ऐसे समझे - पुरानी पेंशन और नई पेंशन स्कीम  आप आसानी से ऐसे समझ सकते है - 

1. पुरानी पेंशन OPS में कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं होती जबकि एनपीएस पेंशन  फीसदी वेतन से कटौती होती है। 

2. पुरानी पेंशन में जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड ) की सुविधा है वही नई पेंशन में इसकी सुविधा नहीं है। 

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3. पुरानी पेंशन एक सुरक्षित पेंशन है जिसकी भुगतान ट्रेजरी ऑफिस से होती है। नई पेंशन में शेयर मार्किट आधारित पेंशन है। इसकी कोई गारंटी नहीं है। 

4. पुरानी पेंशन में अंतिम बेसिक सैलरी के लगभग 50 फीसदी पेंशन मिलती है।, वही नई पेंशन में कोई गारंटी नहीं है। 

5. पुरानी पेंशन में हर छः माह में महंगाई भत्ता मिलती है वही नई पेंशन में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। 

6. पुरानी पेंशन में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख तक ग्रेजुएटी मिलती है , वही  नई पेंशन में इसका अस्थायी प्रावधान है। 

7. पुरानी पेंशन में मृत्यु होने पर फैमिली को पेंशन का प्रावधान है , जबकि नई  पेंशन में सर्विस के दौरान मौत होने पर फॅमिली पेंशन है और जमा राशि को सरकार जब्त कर लेती है। 

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8. पुरानी पेंशन के जीपीएफ राशि पर कोई टेक्स नहीं लगता जबकि एनपीएस की राशि पर मार्केट के आधार पर टैक्स लगती है। 

9. पुरानी पेंशन में जीपीएफ की राशि  निवेश करने की आवश्यकता नहीं है वही एनपीएस में 40 फीसदी राशि को निवेश करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त पुरानी पेंशन के कई लाभ है , वही नई पेंशन में कोई खास लाभ ही नहीं है।

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